अंतरिक्ष विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में भारत की उपलब्धियों की चर्चा कीजिए। इस प्रौद्योगिकी का प्रयोग भारत के सामाजिक-आर्थिक विकास में किस प्रकार सहायक हुआ है? (200 words) [UPSC 2016]
मानव-सहित अंतरिक्ष मिशन में रुकावटें: प्रौद्योगिकीय और सुप्रचालनिक बाधाएँ **1. प्रौद्योगिकीय चुनौतियाँ: **1. जीवित रहने की प्रणालियाँ: उन्नत प्रणालियाँ: मानव मिशनों के लिए ऐसे जीवित रहने की प्रणालियों की आवश्यकता होती है जो अंतरिक्ष में मानव जीवन को सुरक्षित रख सकें। भारत के चंद्रयान और मंगलयान मिशनRead more
मानव-सहित अंतरिक्ष मिशन में रुकावटें: प्रौद्योगिकीय और सुप्रचालनिक बाधाएँ
**1. प्रौद्योगिकीय चुनौतियाँ:
**1. जीवित रहने की प्रणालियाँ:
- उन्नत प्रणालियाँ: मानव मिशनों के लिए ऐसे जीवित रहने की प्रणालियों की आवश्यकता होती है जो अंतरिक्ष में मानव जीवन को सुरक्षित रख सकें। भारत के चंद्रयान और मंगलयान मिशनों ने तकनीकी उपलब्धियाँ प्राप्त की हैं, लेकिन मानव मिशन के लिए आवश्यक जीवन समर्थन प्रणालियाँ अभी विकसित की जा रही हैं। उदाहरण के लिए, गगनयान मिशन में जीवन समर्थन प्रणाली पर कार्य जारी है।
**2. अंतरिक्ष यान डिजाइन और परीक्षण:
- जटिल डिज़ाइन: मानव अंतरिक्ष यान को सुरक्षित रूप से लॉन्च, संचालित, और पुनः प्रवेश के लिए अत्याधुनिक डिज़ाइन और तकनीक की आवश्यकता होती है। गगनयान की चालक दल मॉड्यूल पर परीक्षण जारी है, लेकिन इसकी जटिलता और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कठिनाइयाँ बनी हुई हैं।
**2. सुप्रचालनिक चुनौतियाँ:
**1. वित्तीय प्रतिबंध:
- उच्च लागत: मानव मिशन अत्यधिक महंगे होते हैं, जिनमें अंतरिक्ष यान, आधारभूत संरचना, और प्रशिक्षण शामिल हैं। गगनयान मिशन की लागत को देखते हुए, वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता एक प्रमुख चुनौती है।
**2. अवसंरचना विकास:
- प्रशिक्षण और सुविधाएँ: अंतरिक्ष यात्रियों के प्रशिक्षण, मिशन नियंत्रण, और पुनर्प्राप्ति ऑपरेशन के लिए आवश्यक आधारभूत संरचना का विकास समय और संसाधनों की मांग करता है। भारत इन सुविधाओं को स्थापित कर रहा है, लेकिन इसमें लागत और समय की चुनौतियाँ हैं।
**3. अंतर्राष्ट्रीय सहयोग की कमी:
- विशेषज्ञता की कमी: मानव मिशनों के लिए व्यापक अंतर्राष्ट्रीय सहयोग की आवश्यकता होती है जो विशेषज्ञता और संसाधन प्रदान कर सकता है। भारत के पास इस क्षेत्र में व्यापक अंतर्राष्ट्रीय सहयोग का अभाव है।
हालिया उदाहरण:
- गगनयान मिशन: गगनयान मिशन 2024 के लिए निर्धारित है, जो इन बाधाओं को पार करने के लिए महत्वपूर्ण प्रयास है। यह जीवन समर्थन प्रणालियों, चालक दल मॉड्यूल डिजाइन, और आधारभूत संरचना के विकास पर केंद्रित है।
समालोचनात्मक परीक्षण:
- भारत ने मानव रहित अंतरिक्ष मिशनों में उल्लेखनीय सफलता प्राप्त की है, लेकिन मानव मिशनों के लिए प्रौद्योगिकीय और सुप्रचालनिक चुनौतियाँ महत्वपूर्ण हैं। इन चुनौतियों को संबोधित करने के लिए निवेश, अवसंरचना विकास, और अंतर्राष्ट्रीय सहयोग की आवश्यकता है।
भारत की अंतरिक्ष विज्ञान और प्रौद्योगिकी में उपलब्धियाँ 1. प्रमुख उपलब्धियाँ: सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र: भारत ने आंध्र प्रदेश में स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र (SDSC) से अनेक सफल उपग्रह प्रक्षेपण किए हैं। चंद्रयान-1 (2008): भारत का पहला चंद्रमा मिशन, जिसने चंद्रमा की सतह पर पानी के संकेतों की खोज कीRead more
भारत की अंतरिक्ष विज्ञान और प्रौद्योगिकी में उपलब्धियाँ
1. प्रमुख उपलब्धियाँ:
2. सामाजिक-आर्थिक विकास में सहायक:
इन उपलब्धियों ने भारत को अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में एक प्रमुख शक्ति बनाया और सामाजिक-आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।
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