प्रश्न का उत्तर अधिकतम 15 से 20 शब्दों में दीजिए। यह प्रश्न 03 अंक का है। [MPPSC 2023] जीवद्रव्य कुंचन से आप क्या समझते हैं?
किण्वन को परिभाषित कीजिए परिभाषा किण्वन एक जैविक प्रक्रिया है जिसमें सूक्ष्मजीव (जैसे बैक्टीरिया, यीस्ट या फफूंद) की उपस्थिति में कार्बोहाइड्रेट्स (जैसे शर्करा) को बिना ऑक्सीजन (एरोबिक) के पराबर्तन की प्रक्रिया द्वारा परिवर्तित किया जाता है। इस प्रक्रिया के परिणामस्वरूप विभिन्न रसायनिक उत्पाद उत्पन्Read more
किण्वन को परिभाषित कीजिए
परिभाषा
किण्वन एक जैविक प्रक्रिया है जिसमें सूक्ष्मजीव (जैसे बैक्टीरिया, यीस्ट या फफूंद) की उपस्थिति में कार्बोहाइड्रेट्स (जैसे शर्करा) को बिना ऑक्सीजन (एरोबिक) के पराबर्तन की प्रक्रिया द्वारा परिवर्तित किया जाता है। इस प्रक्रिया के परिणामस्वरूप विभिन्न रसायनिक उत्पाद उत्पन्न होते हैं, जैसे एथेनॉल (शराब), लैक्टिक एसिड, या कार्बन डाइऑक्साइड।
किण्वन की प्रक्रिया
- जैविक माध्यम: किण्वन में बैक्टीरिया, यीस्ट, या फफूंद जैसे सूक्ष्मजीव शामिल होते हैं।
- अथवा प्रक्रिया: ये सूक्ष्मजीव शर्करा को विभिन्न एंजाइमों के माध्यम से तोड़ते हैं और अंत में रसायनिक उत्पादों का निर्माण करते हैं।
- अवायवीय स्थितियाँ: किण्वन आमतौर पर ऑक्सीजन की अनुपस्थिति में होता है, हालांकि कुछ किण्वन प्रक्रियाएं कम ऑक्सीजन में भी हो सकती हैं।
किण्वन के प्रकार
1. एथेनॉल किण्वन
- विवरण: इसमें यीस्ट (जैसे Saccharomyces cerevisiae) शर्करा को एथेनॉल (शराब) और कार्बन डाइऑक्साइड में परिवर्तित करते हैं।
- उदाहरण: बियर और वाइन का निर्माण।
2. लैक्टिक एसिड किण्वन
- विवरण: इसमें बैक्टीरिया (जैसे Lactobacillus) शर्करा को लैक्टिक एसिड में परिवर्तित करते हैं।
- उदाहरण: दही और अचार का उत्पादन।
3. एसीटिक एसिड किण्वन
- विवरण: इसमें एथेनॉल को एसीटिक एसिड (सिरका) में परिवर्तित किया जाता है।
- उदाहरण: सेब के सिरके का उत्पादन।
हाल के उदाहरण
1. खाद्य और पेय उद्योग
- उदाहरण: प्रोबायोटिक दही
- विवरण: प्रोबायोटिक दही लैक्टिक एसिड किण्वन के माध्यम से तैयार किया जाता है, जिसमें लाभकारी बैक्टीरिया शामिल होते हैं जो दही के स्वाद और स्वास्थ्य लाभ को बढ़ाते हैं।
- महत्व: यह उत्पाद आंतरिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाने और स्वाभाविक प्रोबायोटिक्स प्रदान करने में सहायक है।
2. ईंधन उत्पादन
- उदाहरण: एथेनॉल का उत्पादन
- विवरण: कृषि उपज जैसे गन्ना या मकई से एथेनॉल का उत्पादन किण्वन के माध्यम से किया जाता है, जिसे बायोफ्यूल के रूप में उपयोग किया जाता है।
- महत्व: बायोएथेनॉल का उपयोग पारंपरिक जीवाश्म ईंधनों के विकल्प के रूप में किया जाता है, जिससे पर्यावरणीय प्रभाव कम होता है।
3. दवा उद्योग
- उदाहरण: एंटीबायोटिक उत्पादन
- विवरण: किण्वन प्रक्रियाओं का उपयोग एंटीबायोटिक दवाओं के उत्पादन में किया जाता है, जैसे पेनिसिलिन, जिसे फफूंद द्वारा किण्वित किया जाता है।
- महत्व: यह चिकित्सा उपचार के लिए आवश्यक दवाओं की आपूर्ति में सहायक है।
निष्कर्ष
किण्वन एक महत्वपूर्ण जैविक प्रक्रिया है जो शर्करा को विभिन्न उत्पादों में परिवर्तित करती है, और यह खाद्य, पेय, दवा, और ऊर्जा उद्योगों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। इस प्रक्रिया के समझने से न केवल पारंपरिक खाद्य और पेय पदार्थों के निर्माण में मदद मिलती है, बल्कि यह आधुनिक औद्योगिक और चिकित्सा अनुप्रयोगों में भी महत्वपूर्ण है।
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जीवद्रव्य कुंचन (Plasmolysis) एक वनस्पति कोशिका की स्थिति को दर्शाता है, जिसमें कोशिका का जीवनद्रव्य (cytoplasm) और कोशिका का आंतरिक द्रव (vacuole) सिकुड़ जाते हैं। यह स्थिति तब उत्पन्न होती है जब कोशिका को एक उच्च सांद्रता वाले विलायक (hypertonic solution) में रखा जाता है, जिसमें विलायक में घुली हुRead more
जीवद्रव्य कुंचन (Plasmolysis) एक वनस्पति कोशिका की स्थिति को दर्शाता है, जिसमें कोशिका का जीवनद्रव्य (cytoplasm) और कोशिका का आंतरिक द्रव (vacuole) सिकुड़ जाते हैं। यह स्थिति तब उत्पन्न होती है जब कोशिका को एक उच्च सांद्रता वाले विलायक (hypertonic solution) में रखा जाता है, जिसमें विलायक में घुली हुई वस्तुएँ कोशिका के आंतरिक द्रव की तुलना में अधिक होती हैं।
जीवद्रव्य कुंचन के प्रमुख बिंदु:
यह प्रक्रिया पौधों के कोशिकाओं की विभिन्न परिस्थितियों में जल संतुलन की समझ को स्पष्ट करती है और कोशिका की समग्र स्थिति को प्रभावित कर सकती है।
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