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रासायनिक परिवर्तन के उदाहरण दीजिए।
रासायनिक परिवर्तन के उदाहरण रासायनिक परिवर्तन वे परिवर्तन हैं जिनमें एक या अधिक पदार्थों की रासायनिक संरचना बदल जाती है और नए पदार्थ बनते हैं। इन परिवर्तनों के दौरान सामान्यतः रंग परिवर्तन, तापमान परिवर्तन, गैस का निर्माण, या अवक्षिप्तता का निर्माण होता है। यहाँ कुछ प्रमुख रासायनिक परिवर्तनों के उदाRead more
रासायनिक परिवर्तन के उदाहरण
रासायनिक परिवर्तन वे परिवर्तन हैं जिनमें एक या अधिक पदार्थों की रासायनिक संरचना बदल जाती है और नए पदार्थ बनते हैं। इन परिवर्तनों के दौरान सामान्यतः रंग परिवर्तन, तापमान परिवर्तन, गैस का निर्माण, या अवक्षिप्तता का निर्माण होता है। यहाँ कुछ प्रमुख रासायनिक परिवर्तनों के उदाहरण दिए गए हैं:
1. जलन (Combustion)
उदाहरण: लकड़ी का जलना
2. जंग लगना (Rusting)
उदाहरण: लोहा और स्टील की जंग
3. फोटोसिंथेसिस (Photosynthesis)
उदाहरण: पौधों द्वारा भोजन निर्माण
4. अम्ल-क्षार प्रतिक्रिया (Neutralization Reaction)
उदाहरण: मास्टर के घर की सफाई
5. किण्वन (Fermentation)
उदाहरण: खमीर द्वारा शराब बनाना
6. हाइड्रोजन पेरोक्साइड का अपघटन (Decomposition of Hydrogen Peroxide)
उदाहरण: घावों की सफाई
7. बैटरी का कार्य (Battery Operation)
उदाहरण: लिथियम-आयन बैटरी
8. बेकिंग (Baking)
उदाहरण: ब्रेड बनाना
निष्कर्ष
रासायनिक परिवर्तन जीवन की अनेक गतिविधियों में शामिल होते हैं, जैसे खाना पकाना, साफ-सफाई, और औद्योगिक प्रक्रियाएँ। ये परिवर्तन न केवल सामग्री की रासायनिक संरचना को बदलते हैं, बल्कि नए पदार्थ और ऊर्जा भी उत्पन्न करते हैं। इन परिवर्तनों को समझना और नियंत्रित करना विभिन्न उद्योगों और दैनिक जीवन में महत्वपूर्ण है।
See lessएक रूलर को मुक्त-पतन के तहत गिराया जाता है। इस रूलर द्वारा 21 सेमी की दूरी तय की जाती है। प्रतिक्रिया समय को सेकण्ड में ज्ञात कीजिए।
मुक्त-पतन और प्रतिक्रिया समय: एक गणना प्रस्तावना: मुक्त-पतन (Free Fall) की स्थिति में कोई वस्तु पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण के प्रभाव में गिरती है और गति की गणना के लिए हम कुछ बुनियादी फिजिक्स के नियमों का उपयोग कर सकते हैं। यहां पर हमें प्रतिक्रिया समय निकालने के लिए दी गई दूरी (21 सेंटीमीटर) का उपयोगRead more
मुक्त-पतन और प्रतिक्रिया समय: एक गणना
प्रस्तावना:
मुक्त-पतन (Free Fall) की स्थिति में कोई वस्तु पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण के प्रभाव में गिरती है और गति की गणना के लिए हम कुछ बुनियादी फिजिक्स के नियमों का उपयोग कर सकते हैं। यहां पर हमें प्रतिक्रिया समय निकालने के लिए दी गई दूरी (21 सेंटीमीटर) का उपयोग करना है।
मुक्त-पतन की गणना:
d=21gt2जहां d गिरने की दूरी है, g गुरुत्वाकर्षण का त्वरण (जो लगभग 9.8 मीटर प्रति सेकंड² है), और t समय है जिसे हमें निकालना है।
0.21=21×9.8×t2 0.21=4.9×t2 t2=4.90.21 t2≈0.0429 t≈0.0429 t≈0.21 सेकंड
निष्कर्ष:
इस प्रकार, जब रूलर को मुक्त-पतन के तहत गिराया जाता है और वह 21 सेंटीमीटर की दूरी तय करता है, तो प्रतिक्रिया समय लगभग 0.21 सेकंड होता है।
हाल की जानकारी:
यह गणना सामान्य परिस्थितियों पर आधारित है और वास्तविक जीवन में विभिन्न कारकों जैसे वायु प्रतिरोध आदि को ध्यान में रखा जा सकता है। हालांकि, उत्तरदाताओं के लिए यह गणना एक मूलभूत भौतिकी अवधारणा को समझने में सहायक है।
See lessमॉर्फिन को कभी-कभी अहिफेनी (ओपिएट्स) क्यों कहा जाता है?
मॉर्फिन को अहिफेनी (ओपिएट्स) क्यों कहा जाता है? परिचय मॉर्फिन एक शक्तिशाली एनेस्थेटिक दवा है जिसका उपयोग दर्द निवारण के लिए किया जाता है। इसे कभी-कभी "अहिफेनी" या "ओपिएट्स" के रूप में संदर्भित किया जाता है। यह महत्वपूर्ण है कि हम समझें कि क्यों मॉर्फिन को इस श्रेणी में रखा जाता है। ओपिएट्स की परिभाषRead more
मॉर्फिन को अहिफेनी (ओपिएट्स) क्यों कहा जाता है?
परिचय मॉर्फिन एक शक्तिशाली एनेस्थेटिक दवा है जिसका उपयोग दर्द निवारण के लिए किया जाता है। इसे कभी-कभी “अहिफेनी” या “ओपिएट्स” के रूप में संदर्भित किया जाता है। यह महत्वपूर्ण है कि हम समझें कि क्यों मॉर्फिन को इस श्रेणी में रखा जाता है।
ओपिएट्स की परिभाषा
1. ओपिएट्स क्या होते हैं?
2. मॉर्फिन का स्रोत
रासायनिक गुण और प्रभाव
1. रासायनिक संरचना
2. शारीरिक प्रभाव
हाल के उदाहरण और विकास
1. ओपिओइड संकट
2. चिकित्सा उपयोग और विकल्प
3. अनुसंधान और नवाचार
निष्कर्ष मॉर्फिन को अहिफेनी (ओपिएट्स) कहा जाता है क्योंकि यह अफीम के पौधे से निकला एक प्राकृतिक यौगिक है और ओपिएट्स के सामान्य गुणों को साझा करता है, जिसमें इसकी प्रभावशीलता और व्यसन की संभावना शामिल है। मॉर्फिन और अन्य ओपिएट्स के उपयोग से जुड़ी चुनौतियाँ सुरक्षित उपयोग और निरंतर अनुसंधान की आवश्यकता को रेखांकित करती हैं।
See lessविद्युत धारा की एस०आई० इकाई क्या है?
विद्युत धारा की एस.आई. इकाई अंपियर (Ampere) है, जिसे संक्षिप्त रूप में A के रूप में दर्शाया जाता है। अंपियर (Ampere) विद्युत धारा की माप की बुनियादी इकाई है और इसका परिभाषा निम्नलिखित है: एक अंपियर उस धारा की मात्रा है जो एक कंडक्टर में तब प्रवाहित होती है जब दो परिपथों के बीच एक वोल्टेज अंतर 1 वोल्Read more
विद्युत धारा की एस.आई. इकाई अंपियर (Ampere) है, जिसे संक्षिप्त रूप में A के रूप में दर्शाया जाता है।
अंपियर (Ampere) विद्युत धारा की माप की बुनियादी इकाई है और इसका परिभाषा निम्नलिखित है:
धारा की माप के लिए अंपियर का उपयोग इलेक्ट्रिकल और इलेक्ट्रॉनिक अनुप्रयोगों में किया जाता है, और यह विद्युत नेटवर्क, उपकरणों, और सर्किट डिज़ाइन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
See lessपौधे के 'भ्रूणपोष (एण्डोस्पर्म)' पर एक टिप्पणी लिखिए।
भ्रूणपोष (एण्डोस्पर्म) पर टिप्पणी परिचय भ्रूणपोष (एण्डोस्पर्म) पौधों के बीजों में पाया जाने वाला एक महत्वपूर्ण ऊतक है, जो बीज के अंकुरण और भ्रूण के विकास के लिए आवश्यक पोषक तत्व प्रदान करता है। यह ऊतक बीज के भीतर भ्रूण और बीज के अन्य भागों के बीच पोषण की भूमिका निभाता है। भ्रूणपोष का निर्माण भ्रूणपोRead more
भ्रूणपोष (एण्डोस्पर्म) पर टिप्पणी
परिचय भ्रूणपोष (एण्डोस्पर्म) पौधों के बीजों में पाया जाने वाला एक महत्वपूर्ण ऊतक है, जो बीज के अंकुरण और भ्रूण के विकास के लिए आवश्यक पोषक तत्व प्रदान करता है। यह ऊतक बीज के भीतर भ्रूण और बीज के अन्य भागों के बीच पोषण की भूमिका निभाता है।
भ्रूणपोष का निर्माण भ्रूणपोष का निर्माण ‘डबल फर्टिलाइजेशन’ (डबल निषेचन) की प्रक्रिया के माध्यम से होता है, जिसमें एक शुक्राणु अंडाणु के साथ मिलकर जाईगोट (zygote) बनाता है और दूसरा शुक्राणु दो पोलर नाभिकों के साथ मिलकर त्रैविक भ्रूणपोष (triploid endosperm) का निर्माण करता है। भ्रूणपोष के निर्माण की प्रक्रिया के आधार पर इसे तीन मुख्य प्रकारों में वर्गीकृत किया जा सकता है:
भ्रूणपोष के कार्य
हाल की उदाहरण और अनुप्रयोग
निष्कर्ष भ्रूणपोष बीज विज्ञान का एक महत्वपूर्ण घटक है, जो भ्रूण के विकास और अंकुरण के लिए आवश्यक पोषक तत्वों का संचित करता है। इसके पोषण संबंधी गुण और बीज विकास में इसकी भूमिका इसे पौधों और कृषि अनुसंधान में महत्वपूर्ण बनाती है। हाल के तकनीकी और जैविक परिवर्तनों से भ्रूणपोष की क्षमता और उपयोगिता को बेहतर बनाया जा रहा है, जिससे वैश्विक पोषण और फसल उत्पादन में सुधार हो रहा है।
See lessविरंजक चूर्ण के उपयोग लिखिए।
विरंजक चूर्ण एक प्रकार का आयुर्वेदिक औषधि है जिसका उपयोग विभिन्न स्वास्थ्य समस्याओं के उपचार के लिए किया जाता है। यहाँ कुछ प्रमुख उपयोग दिए गए हैं: पाचन सुधारना: विरंजक चूर्ण पाचन तंत्र को सुधारने और पेट संबंधी समस्याओं जैसे कि अपच, गैस, और कब्ज को दूर करने में मदद करता है। सर्वांगिक शारीरिक बलवर्धनRead more
विरंजक चूर्ण एक प्रकार का आयुर्वेदिक औषधि है जिसका उपयोग विभिन्न स्वास्थ्य समस्याओं के उपचार के लिए किया जाता है। यहाँ कुछ प्रमुख उपयोग दिए गए हैं:
सदाहरण के लिए, इसे आप गर्म पानी के साथ ले सकते हैं, या चिकित्सक के निर्देशानुसार उपयोग कर सकते हैं। किसी भी औषधि का उपयोग करने से पहले अपने चिकित्सक से परामर्श करना हमेशा उचित होता है।
See lessNH, एक लुईस क्षार और BF, एक लुईस अम्ल क्यों है? समझाइए।
NH₃ एक लुईस क्षार और BF₃ एक लुईस अम्ल क्यों है? NH₃ (अमोनिया) को लुईस क्षार और BF₃ (बोरोन ट्राईफ्लोराइड) को लुईस अम्ल के रूप में क्यों माना जाता है, यह समझने के लिए हमें लुईस अम्ल-क्षार सिद्धांत की समीक्षा करनी होगी। इस सिद्धांत के अनुसार: लुईस क्षार: एक पदार्थ जो एक जोड़ी इलेक्ट्रॉन दान कर सकता है।Read more
NH₃ एक लुईस क्षार और BF₃ एक लुईस अम्ल क्यों है?
NH₃ (अमोनिया) को लुईस क्षार और BF₃ (बोरोन ट्राईफ्लोराइड) को लुईस अम्ल के रूप में क्यों माना जाता है, यह समझने के लिए हमें लुईस अम्ल-क्षार सिद्धांत की समीक्षा करनी होगी। इस सिद्धांत के अनुसार:
NH₃ (अमोनिया) एक लुईस क्षार
अमोनिया (NH₃) लुईस क्षार के रूप में कार्य करता है क्योंकि इसमें नाइट्रोजन परमाणु पर एक अकेला इलेक्ट्रॉन युग्म होता है जिसे वह दान कर सकता है। इसके कारण:
हालिया उदाहरण: यूरिया का निर्माण अमोनिया और कार्बन डाइऑक्साइड से होता है। इस प्रक्रिया में NH₃ एक लुईस क्षार के रूप में कार्य करता है, जो अपने इलेक्ट्रॉन युग्म को कार्बन डाइऑक्साइड के साथ जोड़कर एक नया यौगिक बनाता है। यह उर्वरक उत्पादन में महत्वपूर्ण है।
BF₃ (बोरोन ट्राईफ्लोराइड) एक लुईस अम्ल
बोरोन ट्राईफ्लोराइड (BF₃) लुईस अम्ल के रूप में कार्य करता है क्योंकि इसमें आठ इलेक्ट्रॉन नहीं होते और यह इलेक्ट्रॉन युग्म स्वीकार कर सकता है। इसके कारण:
हालिया उदाहरण: फ्राइडल-क्राफ्ट्स अल्कीलेशन और एसीलेशन प्रतिक्रियाओं में BF₃ का उपयोग होता है। इन प्रतिक्रियाओं में BF₃ एक लुईस अम्ल के रूप में कार्य करता है, जो इलेक्ट्रॉन युग्म स्वीकार करके एक नई रसायनिक बंधन की प्रक्रिया को उत्प्रेरित करता है। यह रसायन उद्योग में विशेष रूप से महत्वपूर्ण है।
निष्कर्ष
सारांश में, NH₃ एक लुईस क्षार है क्योंकि इसमें एक अकेला इलेक्ट्रॉन युग्म होता है जिसे वह दान कर सकता है, जबकि BF₃ एक लुईस अम्ल है क्योंकि इसमें इलेक्ट्रॉन की कमी होती है और यह एक इलेक्ट्रॉन युग्म स्वीकार कर सकता है। यह लुईस अम्ल-क्षार सिद्धांत रसायन विज्ञान में विभिन्न प्रतिक्रियाओं और प्रक्रियाओं की समझ के लिए महत्वपूर्ण है।
See lessउत्तल दर्पण के उपयोगों का वर्णन कीजिए।
उत्तल दर्पण एक प्रकार का दर्पण होता है जिसकी सतह बाहर की ओर उगती होती है, यानी इसका आंतरिक कोण सकारात्मक होता है। इसके उपयोगों का वर्णन निम्नलिखित है: दृष्टि सुधारने के लिए: उत्तल दर्पण का प्रयोग दृष्टि सुधारने के लिए किया जा सकता है। जैसे कि दृष्टिहीनता या दृष्टिकोण सुधारने के लिए, जब व्यक्ति दर्पणRead more
उत्तल दर्पण एक प्रकार का दर्पण होता है जिसकी सतह बाहर की ओर उगती होती है, यानी इसका आंतरिक कोण सकारात्मक होता है। इसके उपयोगों का वर्णन निम्नलिखित है:
इन विभिन्न उपयोगों के माध्यम से, उत्तल दर्पण विभिन्न प्रकार की समस्याओं को सुलझाने और कई क्षेत्रों में सहायक साबित होता है।
See lessजैव आवर्धन क्या है?
जैव आवर्धन: एक अवलोकन परिभाषा और तंत्र जैव आवर्धन (Biomagnification) एक प्रक्रिया है जिसमें विषैले पदार्थों की सांद्रता खाद्य श्रृंखला के ऊपरी स्तरों पर बढ़ जाती है। यह तब होता है जब ये पदार्थ जीवों में आसानी से विघटित या उत्सर्जित नहीं होते, जिससे इनकी सांद्रता उच्च तात्त्विक स्तरों पर बढ़ जाती है।Read more
जैव आवर्धन: एक अवलोकन
परिभाषा और तंत्र जैव आवर्धन (Biomagnification) एक प्रक्रिया है जिसमें विषैले पदार्थों की सांद्रता खाद्य श्रृंखला के ऊपरी स्तरों पर बढ़ जाती है। यह तब होता है जब ये पदार्थ जीवों में आसानी से विघटित या उत्सर्जित नहीं होते, जिससे इनकी सांद्रता उच्च तात्त्विक स्तरों पर बढ़ जाती है।
कैसे होता है:
हाल के उदाहरण और प्रभाव
परिणाम और समाधान
पारिस्थितिकी पर प्रभाव:
मानव स्वास्थ्य जोखिम:
निवारण उपाय:
निष्कर्ष जैव आवर्धन एक महत्वपूर्ण पर्यावरणीय मुद्दा है जिसका व्यापक प्रभाव पारिस्थितिक तंत्र और मानव स्वास्थ्य पर पड़ता है। इसे समझना और इससे निपटना पर्यावरणीय नीति, प्रदूषण नियंत्रण, और जन जागरूकता के समन्वित प्रयास की आवश्यकता है।
See lessनिर्वात. में प्रकाश की गति कितनी होती है? क्या यह अलग-अलग माध्यमों के लिए अलग-अलग होती है?
प्रकाश की गति निर्वात में और विभिन्न माध्यमों में 1. निर्वात में प्रकाश की गति निर्वात (vacuum) में प्रकाश की गति 299,792,458 मीटर प्रति सेकंड (m/s) होती है, जिसे आमतौर पर "3 x 10^8 मीटर प्रति सेकंड" के रूप में संदर्भित किया जाता है। यह ब्रह्मांड की एक बुनियादी स्थिरांक है और इसका प्रतिनिधित्व "c" सRead more
प्रकाश की गति निर्वात में और विभिन्न माध्यमों में
1. निर्वात में प्रकाश की गति
निर्वात (vacuum) में प्रकाश की गति 299,792,458 मीटर प्रति सेकंड (m/s) होती है, जिसे आमतौर पर “3 x 10^8 मीटर प्रति सेकंड” के रूप में संदर्भित किया जाता है। यह ब्रह्मांड की एक बुनियादी स्थिरांक है और इसका प्रतिनिधित्व “c” से किया जाता है। यह गति सबसे बड़ी और निरंतर होती है और इसके द्वारा अन्य भौतिक प्रक्रियाओं की गणना की जाती है।
2. विभिन्न माध्यमों में प्रकाश की गति
प्रकाश की गति विभिन्न माध्यमों में अलग-अलग होती है क्योंकि प्रकाश की तरंगें माध्यम के कणों से टकराती हैं, जिससे गति में बदलाव होता है। यह परिवर्तन माध्यम की अपवर्तनांक (refractive index) पर निर्भर करता है। अपवर्तनांक n को निम्नलिखित सूत्र द्वारा व्यक्त किया जाता है:
n=vc
जहां:
उदाहरण:
हाल के उदाहरण:
इस प्रकार, प्रकाश की गति निर्वात में सर्वोच्च होती है और विभिन्न माध्यमों में इसके गति में परिवर्तन होता है, जो उनके अपवर्तनांक पर निर्भर करता है।
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