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राम मनोहर लोहिया की 'लघु इकाई प्रोद्योगिकी' की अवधारणा पर एक संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
राम मनोहर लोहिया की 'लघु इकाई प्रौद्योगिकी' की अवधारणा राम मनोहर लोहिया, भारतीय स्वतंत्रता सेनानी और समाजवादी विचारक, ने 'लघु इकाई प्रौद्योगिकी' (Small Unit Technology) की अवधारणा प्रस्तुत की, जो उनके समाजवादी दृष्टिकोण और स्थानीय स्वायत्तता के सिद्धांतों पर आधारित थी। इस अवधारणा का मुख्य उद्देश्य आRead more
राम मनोहर लोहिया की ‘लघु इकाई प्रौद्योगिकी’ की अवधारणा
राम मनोहर लोहिया, भारतीय स्वतंत्रता सेनानी और समाजवादी विचारक, ने ‘लघु इकाई प्रौद्योगिकी’ (Small Unit Technology) की अवधारणा प्रस्तुत की, जो उनके समाजवादी दृष्टिकोण और स्थानीय स्वायत्तता के सिद्धांतों पर आधारित थी। इस अवधारणा का मुख्य उद्देश्य आर्थिक और सामाजिक संरचना को अधिक न्यायसंगत और सस्टेनेबल बनाना था।
‘लघु इकाई प्रौद्योगिकी’ के प्रमुख तत्व:
संक्षेप में, राम मनोहर लोहिया की ‘लघु इकाई प्रौद्योगिकी’ की अवधारणा का उद्देश्य आर्थिक और तकनीकी गतिविधियों को विकेंद्रित करना, स्थानीय समुदायों को सशक्त बनाना, और समग्र समाज में समानता और स्थिरता को बढ़ावा देना था। यह अवधारणा उनके समाजवादी दृष्टिकोण का एक महत्वपूर्ण हिस्सा थी, जो बड़े औद्योगिक मॉडल की बजाय छोटे, आत्मनिर्भर और टिकाऊ समाधान पर जोर देती है।
See lessप्रौद्योगिकी सूचना पूर्वानुमान और मूल्यांकन परिषद् (TIFAC) क्या है. इसका जनादेश बतायें। आई.टी. क्षेत्र में 2020 तक भारत में आनेवाली प्रौद्योगिकियों को सूचीबद्ध करें। (200 Words) [UPPSC 2020]
सामाजिक प्रभाव का तात्पर्य समाज के विभिन्न समूहों, व्यक्तियों या सांस्कृतिक मान्यताओं द्वारा किसी के विचार, व्यवहार और निर्णयों पर पड़ने वाले प्रभाव से है। यह प्रभाव कई रूपों में हो सकता है, जैसे कि परिवार, दोस्तों, सहकर्मियों या समाज के अन्य तत्वों के माध्यम से। सामाजिक प्रभाव और अनुनय (persuasion)Read more
सामाजिक प्रभाव का तात्पर्य समाज के विभिन्न समूहों, व्यक्तियों या सांस्कृतिक मान्यताओं द्वारा किसी के विचार, व्यवहार और निर्णयों पर पड़ने वाले प्रभाव से है। यह प्रभाव कई रूपों में हो सकता है, जैसे कि परिवार, दोस्तों, सहकर्मियों या समाज के अन्य तत्वों के माध्यम से।
सामाजिक प्रभाव और अनुनय (persuasion) के माध्यम से व्यवहार में परिवर्तन लाया जा सकता है। सामाजिक प्रभाव के उदाहरणों में सामाजिक मानदंड, सांस्कृतिक अपेक्षाएँ, और समूह दबाव शामिल हैं, जो व्यक्ति को विशेष प्रकार के व्यवहार अपनाने के लिए प्रेरित कर सकते हैं। यदि कोई व्यवहार समाज में मान्यता प्राप्त हो, तो लोग स्वाभाविक रूप से उसे अपनाने की कोशिश करते हैं।
अनुनय एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें किसी व्यक्ति को विचारों या दृष्टिकोणों को स्वीकार करने के लिए प्रेरित किया जाता है। यह प्रभावी ढंग से किया जा सकता है जब किसी संदेश को सही ढंग से प्रस्तुत किया जाए और उसके पीछे ठोस तर्क हो। अनुनय के माध्यम से, व्यक्तियों को उनके पुराने विचारों या आदतों को बदलने के लिए प्रेरित किया जा सकता है, जैसे कि स्वास्थ्य संबंधित सुझावों को अपनाना या पर्यावरणीय मुद्दों पर जागरूकता बढ़ाना।
इस प्रकार, सामाजिक प्रभाव और अनुनय व्यक्ति के व्यवहार और निर्णयों में महत्वपूर्ण परिवर्तन ला सकते हैं, जिससे समाज में सकारात्मक बदलाव संभव हो सकते हैं।
See less"सरकारी सेवा देने के लिए सूचना और संचार प्रौद्योगिकी (आई.सी.टी.) एक अनुप्रयोग है।" व्याख्या कीजिए। (125 Words) [UPPSC 2023]
सूचना और संचार प्रौद्योगिकी (आई.सी.टी.) सरकारी सेवाओं के वितरण को आधुनिक और प्रभावी बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। आई.सी.टी. का उपयोग सरकारी सेवाओं को डिजिटलीकरण के माध्यम से प्रदान किया जाता है, जिससे प्रक्रिया में सुधार और दक्षता में वृद्धि होती है। उदाहरण के तौर पर, ई-गवर्नेंस पोर्टल्स जैRead more
सूचना और संचार प्रौद्योगिकी (आई.सी.टी.) सरकारी सेवाओं के वितरण को आधुनिक और प्रभावी बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। आई.सी.टी. का उपयोग सरकारी सेवाओं को डिजिटलीकरण के माध्यम से प्रदान किया जाता है, जिससे प्रक्रिया में सुधार और दक्षता में वृद्धि होती है।
उदाहरण के तौर पर, ई-गवर्नेंस पोर्टल्स जैसे कि ऑनलाइन टैक्स फाइलिंग, जन धन योजना, और डिजिटल प्रमाणपत्र सेवाएँ नागरिकों को सेवाओं तक त्वरित पहुँच प्रदान करती हैं। इससे कागजी कार्यवाही कम होती है और प्रशासनिक प्रक्रियाएँ त्वरित और पारदर्शी बनती हैं। इसके अतिरिक्त, आई.सी.टी. के माध्यम से डेटा विश्लेषण और जीआईएस जैसे टूल्स सरकारी योजनाओं और संसाधनों के प्रबंधन में सहायता करते हैं।
इस प्रकार, आई.सी.टी. सरकारी सेवाओं को अधिक सुलभ, पारदर्शी और नागरिक-केंद्रित बनाती है।
See lessवर्ष 2014 में भौतिक विज्ञान में नोबेल पुरस्कार संयुक्त रूप से आकासाकी, अमानो तथा नाकामुरा को 1990 के दशक में नीली एल.ई.डी. के आविष्कार के लिए प्रदान किया गया था। इस आविष्कार ने मानव-जाति के दैनंदिन जीवन को किस प्रकार प्रभावित किया है? (250 words) [UPSC 2021]
परिचय वर्ष 2014 में भौतिक विज्ञान में नोबेल पुरस्कार आकासाकी, अमानो, और नाकामुरा को 1990 के दशक में नीली एल.ई.डी. के आविष्कार के लिए प्रदान किया गया था। इस आविष्कार ने मानव-जाति के दैनंदिन जीवन को गहराई से प्रभावित किया है। प्रकाश व्यवस्था में क्रांति नीली एल.ई.डी. ने सफेद एल.ई.डी. के विकास में महत्Read more
परिचय
वर्ष 2014 में भौतिक विज्ञान में नोबेल पुरस्कार आकासाकी, अमानो, और नाकामुरा को 1990 के दशक में नीली एल.ई.डी. के आविष्कार के लिए प्रदान किया गया था। इस आविष्कार ने मानव-जाति के दैनंदिन जीवन को गहराई से प्रभावित किया है।
प्रकाश व्यवस्था में क्रांति
नीली एल.ई.डी. ने सफेद एल.ई.डी. के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। नीली, लाल और हरी एल.ई.डी. को मिलाकर सफेद प्रकाश प्राप्त किया जाता है। इसने पारंपरिक इंकेन्डेसेंट और फ्लोरोसेंट लाइटिंग की जगह ली है, जिससे ऊर्जा की बचत और दीर्घकालिक उपयोग में सुधार हुआ है। उदाहरण के लिए, दिल्ली और मुंबई जैसे शहरों में एल.ई.डी. स्ट्रीटलाइट्स की स्थापना से 50% ऊर्जा की बचत हुई है।
पर्यावरणीय प्रभाव
एल.ई.डी. बल्ब्स 80% कम ऊर्जा का उपयोग करते हैं और इनकी उम्र लंबी होती है, जिससे कचरे और रिप्लेसमेंट की आवृत्ति में कमी आई है। इससे ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन में भी कमी आई है।
तकनीकी उन्नति
नीली एल.ई.डी. ने डिस्प्ले टेक्नोलॉजी में भी सुधार किया है। स्मार्टफोन, टीवी और मॉनिटर्स में LED स्क्रीन का उपयोग बेहतर रंग सटीकता, ऊर्जा दक्षता और उच्च ब्राइटनेस प्रदान करता है। उदाहरण के लिए, OLED TVs और स्मार्टफोन ने उच्च गुणवत्ता वाले डिस्प्ले अनुभव को संभव बनाया है।
चिकित्सकीय और वैज्ञानिक उपयोग
नीली एल.ई.डी. का उपयोग फोटोथेरपी और फ्लोरोसेंस माइक्रोस्कोपी में भी किया जाता है, जो चिकित्सा उपचार और वैज्ञानिक अनुसंधान में सहायता करता है। हाल ही में, चिकित्सकीय फोटोथेरपी में नीली एल.ई.डी. का उपयोग त्वचा संबंधी विकारों के इलाज के लिए किया जा रहा है।
निष्कर्ष
See lessनीली एल.ई.डी. का आविष्कार ने प्रकाश व्यवस्था, पर्यावरण संरक्षण, तकनीकी उन्नति और चिकित्सकीय उपयोग में महत्वपूर्ण परिवर्तन किए हैं। इसके प्रभावी उपयोग से जीवन की गुणवत्ता में सुधार हुआ है और समाज पर इसका सकारात्मक असर पड़ा है।
उन विभिन्न तरीकों पर चर्चा कीजिए जिनसे सूक्ष्मजीवी इस समय हो रही ईंधन की कमी से पार पाने में मदद कर सकते हैं। (150 words)[UPSC 2023]
परिचय सूक्ष्मजीवी वर्तमान में हो रही ईंधन की कमी से निपटने के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। ये जीव नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों के रूप में जैव-ईंधन और बायोगैस उत्पादन में सहायक हैं, जो पारंपरिक जीवाश्म ईंधन पर निर्भरता को कम कर सकते हैं। जैव-ईंधन का उत्पादन शैवाल और बैक्टीरिया जैसे सूक्ष्मजीवों काRead more
परिचय
सूक्ष्मजीवी वर्तमान में हो रही ईंधन की कमी से निपटने के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। ये जीव नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों के रूप में जैव-ईंधन और बायोगैस उत्पादन में सहायक हैं, जो पारंपरिक जीवाश्म ईंधन पर निर्भरता को कम कर सकते हैं।
जैव-ईंधन का उत्पादन
शैवाल और बैक्टीरिया जैसे सूक्ष्मजीवों का उपयोग बायोडीजल और बायोएथेनॉल उत्पादन के लिए किया जाता है। उदाहरण के लिए, शैवाल में उच्च लिपिड सामग्री होती है, जो इसे बायोडीजल के लिए उपयुक्त बनाती है। भारत में CSIR-IICT जैसे संस्थानों द्वारा शैवाल आधारित जैव-ईंधन पर शोध हो रहा है, जो भविष्य में ईंधन संकट से निपटने में मदद कर सकता है।
बायोगैस उत्पादन
अनारोबिक बैक्टीरिया कार्बनिक कचरे को विघटित करके बायोगैस बनाते हैं। भारत में राष्ट्रीय बायोगैस एवं खाद प्रबंधन कार्यक्रम (NBMMP) के तहत कृषि अपशिष्ट और गोबर से बायोगैस का उत्पादन किया जा रहा है, जिससे ईंधन की कमी कम करने में मदद मिल रही है।
सूक्ष्मजीवी ईंधन कोशिकाएँ (MFCs)
सूक्ष्मजीवी ईंधन कोशिकाओं का उपयोग करके सूक्ष्मजीवों द्वारा कार्बनिक पदार्थों को विद्युत में परिवर्तित किया जाता है। यह तकनीक अपशिष्ट जल उपचार संयंत्रों में बिजली उत्पादन के लिए शोधाधीन है।
निष्कर्ष
See lessसूक्ष्मजीवों के माध्यम से जैव-ईंधन, बायोगैस और सूक्ष्मजीवी ईंधन कोशिकाओं का उत्पादन स्वच्छ और नवीकरणीय ऊर्जा प्रदान करता है, जो ईंधन की कमी से निपटने का एक स्थायी समाधान हो सकता है।
चंद्रयान-3 के लैंडर और रोवर के नाम बताइए।
चंद्रयान-3 के लैंडर और रोवर के नाम बताइए 1. चंद्रयान-3 का परिचय: चंद्रयान-3: यह भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) द्वारा विकसित तीसरी चंद्रमा मिशन है। इसका उद्देश्य चंद्रमा की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग करना और चंद्रमा की विशेषताओं पर डेटा एकत्र करना है। 2. लैंडर और रोवर के नाम: लैंडर: चंद्रयान-3 का लRead more
चंद्रयान-3 के लैंडर और रोवर के नाम बताइए
1. चंद्रयान-3 का परिचय:
2. लैंडर और रोवर के नाम:
3. हाल के उदाहरण और संदर्भ:
4. निष्कर्ष:
DOTS का पूर्ण रूप क्या है?
DOTS का पूर्ण रूप क्या है? **1. DOTS की परिभाषा: DOTS: DOTS का पूर्ण रूप है "डायरेक्टली ऑब्जर्वड ट्रीटमेंट, शॉर्ट-कॉर्स"। यह एक वैश्विक क्षय रोग (TB) नियंत्रण रणनीति है जिसे विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) द्वारा विकसित किया गया है, जिसका उद्देश्य क्षय रोग का प्रभावी ढंग से प्रबंधन और इलाज करना है। **2.Read more
DOTS का पूर्ण रूप क्या है?
**1. DOTS की परिभाषा:
**2. DOTS के घटक:
**3. महत्व और कार्यान्वयन:
**4. हाल के उदाहरण और अनुप्रयोग:
**5. निष्कर्ष:
इन्टरनेट और वर्ल्ड वाइड वेब (WWW) में क्या अन्तर है?
इंटरनेट और वर्ल्ड वाइड वेब (WWW) में अंतर इंटरनेट और वर्ल्ड वाइड वेब (WWW) अक्सर एक दूसरे के पर्यायवाची शब्दों के रूप में उपयोग किए जाते हैं, लेकिन वे वास्तव में अलग-अलग अवधारणाएँ हैं। निम्नलिखित बिंदुओं के माध्यम से इन दोनों के बीच के अंतर को स्पष्ट किया गया है, साथ ही हाल के उदाहरणों के माध्यम सेRead more
इंटरनेट और वर्ल्ड वाइड वेब (WWW) में अंतर
इंटरनेट और वर्ल्ड वाइड वेब (WWW) अक्सर एक दूसरे के पर्यायवाची शब्दों के रूप में उपयोग किए जाते हैं, लेकिन वे वास्तव में अलग-अलग अवधारणाएँ हैं। निम्नलिखित बिंदुओं के माध्यम से इन दोनों के बीच के अंतर को स्पष्ट किया गया है, साथ ही हाल के उदाहरणों के माध्यम से उनकी भूमिकाएँ और कार्यक्षमताओं को समझाया गया है:
**1. परिभाषा:
**2. परिधि और कार्यक्षमता:
**3. तकनीकी परतें:
**4. हाल के उदाहरण:
**5. अंतर और निर्भरता:
संक्षेप में, इंटरनेट एक वैश्विक नेटवर्क है जो विभिन्न संचार सेवाओं का समर्थन करता है, जबकि वर्ल्ड वाइड वेब (WWW) एक सेवा है जो इंटरनेट के ऊपर संचालित होती है, जो इंटरलिंक्ड दस्तावेजों और मल्टीमीडिया सामग्री को एक्सेस करने की सुविधा देती है। इन दोनों के बीच का अंतर समझना आधुनिक डिजिटल प्रौद्योगिकियों के कार्यक्षमता और अंतःक्रिया को समझने में महत्वपूर्ण है।
See lessहाइब्रिड कम्प्यूटर क्या होता है?
<di हाइब्रिड कम्प्यूटर: परिभाषा और उदाहरण हाइब्रिड कम्प्यूटर एक ऐसा कंप्यूटिंग सिस्टम होता है जो एनालॉग और डिजिटल कम्प्यूटर की विशेषताओं को एक साथ मिलाकर काम करता है। यह संयोजन दोनों प्रकार की कंप्यूटिंग के लाभों को एकत्रित करता है, जिससे हाइब्रिड कम्प्यूटर कुछ विशेष अनुप्रयोगों में अधिक प्रभावीRead more
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हाइब्रिड कम्प्यूटर: परिभाषा और उदाहरण
हाइब्रिड कम्प्यूटर एक ऐसा कंप्यूटिंग सिस्टम होता है जो एनालॉग और डिजिटल कम्प्यूटर की विशेषताओं को एक साथ मिलाकर काम करता है। यह संयोजन दोनों प्रकार की कंप्यूटिंग के लाभों को एकत्रित करता है, जिससे हाइब्रिड कम्प्यूटर कुछ विशेष अनुप्रयोगों में अधिक प्रभावी होते हैं। यहाँ हाइब्रिड कम्प्यूटर के प्रमुख पहलुओं और हाल के उदाहरणों का विवरण दिया गया है:
**1. परिभाषा और विशेषताएँ:
**2. आधुनिक तकनीक में अनुप्रयोग:
**3. हाल के उदाहरण और नवाचार:
**4. हाइब्रिड कम्प्यूटर के लाभ:
**5. चुनौतियाँ और सीमाएँ:
**6. भविष्य की प्रवृत्तियाँ:
संक्षेप में, हाइब्रिड कम्प्यूटर एनालॉग और डिजिटल कम्प्यूटिंग की विशेषताओं को एक साथ मिलाकर विभिन्न प्रकार के अनुप्रयोगों को संभालते हैं, जो वास्तविक समय के डेटा प्रोसेसिंग और सटीक गणनाओं की आवश्यकताओं को पूरा करते हैं। स्वास्थ्य देखभाल, औद्योगिक नियंत्रण और एयरोस्पेस के क्षेत्र में हाल के उन्नति और नवाचार इसका उपयोग दर्शाते हैं।
See less"ऊर्जा की इकाई वही है जो कार्य की है।" क्या यह वाक्य सही है या गलत ?
वाक्य: "ऊर्जा की इकाई वही है जो कार्य की है।" उत्तर: सही विवरण: ऊर्जा और कार्य की परिभाषा: ऊर्जा: ऊर्जा किसी वस्तु के कार्य करने की क्षमता को दर्शाती है। यह विभिन्न रूपों में मौजूद होती है, जैसे कि गतिज ऊर्जा, स्थितिज ऊर्जा, तापीय ऊर्जा आदि। कार्य: कार्य तब किया जाता है जब कोई बल किसी वस्तु पर लगायाRead more
वाक्य: “ऊर्जा की इकाई वही है जो कार्य की है।”
उत्तर: सही
विवरण:
ऊर्जा और कार्य की परिभाषा:
मापन की इकाई:
हाल के उदाहरण:
निष्कर्ष: ऊर्जा और कार्य वास्तव में एक ही भौतिक मात्रा के विभिन्न पहलू हैं, और इनकी इकाई, जूल, इस समरूपता को दर्शाती है। अतः, वाक्य “ऊर्जा की इकाई वही है जो कार्य की है” सही है।
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