प्रश्न का उत्तर अधिकतम 50 शब्दों/5 से 6 पंक्तियाँ में दीजिए। यह प्रश्न 05 अंक का है। [MPPSC 2022] एक रूलर को मुक्त-पतन के तहत गिराया जाता है। इस रूलर द्वारा 21 सेमी की दूरी तय की जाती है। प्रतिक्रिया समय ...
सूचना प्रौद्योगिकी में डेटा सुरक्षा और गोपनीयता के मुद्दे: नीतियाँ और कानून 1. डेटा सुरक्षा और गोपनीयता के मुद्दे साइबर हमले और डेटा उल्लंघन: डेटा उल्लंघन: साइबर हमलों के कारण डेटा उल्लंघन की घटनाएँ बढ़ रही हैं। 2023 में, बिग बास्केट और कूलको जैसे प्लेटफॉर्म्स पर डेटा लीक के मामले सामने आए हैं, जिसमRead more
सूचना प्रौद्योगिकी में डेटा सुरक्षा और गोपनीयता के मुद्दे: नीतियाँ और कानून
1. डेटा सुरक्षा और गोपनीयता के मुद्दे
- साइबर हमले और डेटा उल्लंघन:
- डेटा उल्लंघन: साइबर हमलों के कारण डेटा उल्लंघन की घटनाएँ बढ़ रही हैं। 2023 में, बिग बास्केट और कूलको जैसे प्लेटफॉर्म्स पर डेटा लीक के मामले सामने आए हैं, जिसमें उपयोगकर्ता की व्यक्तिगत जानकारी और फाइनेंशियल डेटा को खतरा हुआ।
- फिशिंग और मैलवेयर: फिशिंग और मैलवेयर अटैक्स भी डेटा सुरक्षा के लिए एक बड़ा खतरा हैं। Zomato और Paytm जैसे प्लेटफॉर्म्स पर फिशिंग अटैक्स के मामले देखने को मिले हैं।
- डेटा गोपनीयता:
- व्यक्तिगत जानकारी का दुरुपयोग: सामाजिक मीडिया और ई-कॉमर्स कंपनियाँ उपयोगकर्ता की व्यक्तिगत जानकारी का दुरुपयोग कर सकती हैं। Facebook-Cambridge Analytica स्कैंडल में उपयोगकर्ता डेटा का दुरुपयोग एक प्रमुख उदाहरण है।
- अनधिकृत डेटा एक्सेस: डेटा के अनधिकृत एक्सेस और शेयरिंग के मामलों में सर्विस प्रोवाइडर्स द्वारा गोपनीयता उल्लंघन होता है।
2. संबंधित नीतियाँ और कानून
- भारतीय डेटा संरक्षण कानून (2023):
- आवश्यकता और उद्देश्य: डेटा सुरक्षा और गोपनीयता के लिए व्यापक कानूनी ढाँचा की आवश्यकता को समझते हुए, भारत ने डिजिटल डेटा प्रोटेक्शन बिल (2023) को पारित किया है। इसका उद्देश्य उपयोगकर्ता डेटा की सुरक्षा और गोपनीयता सुनिश्चित करना है।
- प्रमुख प्रावधान: इस कानून के तहत, डेटा प्रोसेसर्स और डेटा कलेक्टर्स को डेटा की सुरक्षा सुनिश्चित करनी होगी। उपयोगकर्ताओं को स्वीकृति और ऑप्ट-इन की प्रक्रिया से गुजरना होगा। डेटा ब्रीच के मामलों में फाइन और सजा का प्रावधान है।
- जनरल डेटा प्रोटेक्शन रेगुलेशन (GDPR):
- वैश्विक मानक: GDPR यूरोपीय संघ का डेटा सुरक्षा कानून है जो व्यक्तिगत डेटा की सुरक्षा और गोपनीयता को सुनिश्चित करता है। यह कानून वैश्विक स्तर पर संगठनों को डेटा सुरक्षा के मानक निर्धारित करता है।
- प्रमुख प्रावधान: GDPR के तहत, डेटा प्रोसेसर्स को डेटा की सुरक्षा के लिए कठोर नीतियाँ अपनानी पड़ती हैं। इसमें डाटा सब्जेक्ट राइट्स जैसे राइट टू एग्रीगेट, राइट टू बी फॉरगॉटन शामिल हैं।
- मंत्रालयी और नियामक निर्देश:
- राष्ट्रीय साइबर सुरक्षा नीति: भारत में राष्ट्रीय साइबर सुरक्षा नीति का उद्देश्य साइबर सुरक्षा और डेटा सुरक्षा के लिए सभी संस्थानों को निर्देशित करना है। इसमें साइबर अपराध और डेटा उल्लंघन के मामलों की रोकथाम के लिए उपाय शामिल हैं।
- साइबर सुरक्षा मानक: ISO/IEC 27001 जैसे मानक डेटा सुरक्षा और सूचना सुरक्षा के लिए गाइडलाइन्स प्रदान करते हैं, जिन्हें संगठनों द्वारा अपनाया जाता है।
3. चुनौतियाँ और समाधान
- चुनौतियाँ:
- कानूनी अनुपालन की कठिनाई: कानूनी प्रावधानों और नियमों के अनुपालन में संगठनों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। GDPR जैसे अंतरराष्ट्रीय कानूनों के अनुपालन की लागत और जटिलता एक चुनौती हो सकती है।
- डेटा सुरक्षा जागरूकता की कमी: उपयोगकर्ताओं और कर्मचारियों में डेटा सुरक्षा के प्रति जागरूकता की कमी एक बड़ी चुनौती है। उपयोगकर्ता डेटा की सुरक्षा के प्रति सही ज्ञान और प्रशिक्षण की कमी होती है।
- समाधान:
- साइबर सुरक्षा जागरूकता कार्यक्रम: साइबर सुरक्षा के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए प्रशिक्षण और शिक्षा कार्यक्रम चलाए जाने चाहिए। साइबर सुरक्षा शिक्षा को सभी स्तरों पर शामिल करना चाहिए।
- कानूनी और नियामक सुधार: डेटा सुरक्षा कानूनों और नियमों में सुधार और अपडेट्स के माध्यम से सुरक्षा और गोपनीयता को सुनिश्चित किया जा सकता है।
4. निष्कर्ष
सूचना प्रौद्योगिकी में डेटा सुरक्षा और गोपनीयता एक महत्वपूर्ण मुद्दा है, जो साइबर हमलों, डेटा उल्लंघनों, और गोपनीयता उल्लंघनों से संबंधित है। भारतीय डेटा संरक्षण कानून, GDPR, और मंत्रालयी निर्देश इन मुद्दों से निपटने के लिए कानूनी ढाँचा प्रदान करते हैं। हालांकि, चुनौतियाँ जैसे कानूनी अनुपालन और जागरूकता की कमी मौजूद हैं, जिन्हें साइबर सुरक्षा जागरूकता और कानूनी सुधारों के माध्यम से दूर किया जा सकता है। उचित नीति और प्रवर्तन के साथ, डेटा सुरक्षा और गोपनीयता को सुरक्षित और संरक्षित किया जा सकता है।
See less
मुक्त-पतन और प्रतिक्रिया समय: एक गणना प्रस्तावना: मुक्त-पतन (Free Fall) की स्थिति में कोई वस्तु पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण के प्रभाव में गिरती है और गति की गणना के लिए हम कुछ बुनियादी फिजिक्स के नियमों का उपयोग कर सकते हैं। यहां पर हमें प्रतिक्रिया समय निकालने के लिए दी गई दूरी (21 सेंटीमीटर) का उपयोगRead more
मुक्त-पतन और प्रतिक्रिया समय: एक गणना
प्रस्तावना:
मुक्त-पतन (Free Fall) की स्थिति में कोई वस्तु पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण के प्रभाव में गिरती है और गति की गणना के लिए हम कुछ बुनियादी फिजिक्स के नियमों का उपयोग कर सकते हैं। यहां पर हमें प्रतिक्रिया समय निकालने के लिए दी गई दूरी (21 सेंटीमीटर) का उपयोग करना है।
मुक्त-पतन की गणना:
d=21gt2जहां d गिरने की दूरी है, g गुरुत्वाकर्षण का त्वरण (जो लगभग 9.8 मीटर प्रति सेकंड² है), और t समय है जिसे हमें निकालना है।
0.21=21×9.8×t2 0.21=4.9×t2 t2=4.90.21 t2≈0.0429 t≈0.0429 t≈0.21 सेकंड
निष्कर्ष:
इस प्रकार, जब रूलर को मुक्त-पतन के तहत गिराया जाता है और वह 21 सेंटीमीटर की दूरी तय करता है, तो प्रतिक्रिया समय लगभग 0.21 सेकंड होता है।
हाल की जानकारी:
यह गणना सामान्य परिस्थितियों पर आधारित है और वास्तविक जीवन में विभिन्न कारकों जैसे वायु प्रतिरोध आदि को ध्यान में रखा जा सकता है। हालांकि, उत्तरदाताओं के लिए यह गणना एक मूलभूत भौतिकी अवधारणा को समझने में सहायक है।
See less