प्रश्न का उत्तर अधिकतम 200 शब्दों में दीजिए। यह प्रश्न 11 अंक का है। [MPPSC 2023] “भारतीय राजनीति में चरम राष्ट्रवादी भावना को जन्म देने का श्रेय तिलक को जाता है।” स्पष्ट कीजिए।
भारतीय राजनीति में राजनीतिक दलों की भूमिका और उनका महत्व भारतीय राजनीति में राजनीतिक दलों की भूमिका अत्यधिक महत्वपूर्ण है। ये दल न केवल राजनीतिक प्रक्रियाओं को संचालित करते हैं, बल्कि लोकतांत्रिक व्यवस्था के प्रमुख स्तंभ भी हैं। उनके विचारधाराएँ और चुनावी प्रक्रिया में योगदान इस प्रकार हैं: 1. राजनीRead more
भारतीय राजनीति में राजनीतिक दलों की भूमिका और उनका महत्व
भारतीय राजनीति में राजनीतिक दलों की भूमिका अत्यधिक महत्वपूर्ण है। ये दल न केवल राजनीतिक प्रक्रियाओं को संचालित करते हैं, बल्कि लोकतांत्रिक व्यवस्था के प्रमुख स्तंभ भी हैं। उनके विचारधाराएँ और चुनावी प्रक्रिया में योगदान इस प्रकार हैं:
1. राजनीतिक दलों की भूमिका
a. लोकतांत्रिक प्रतिनिधित्व
- नागरिकों की आवाज़: राजनीतिक दल नागरिकों के मुद्दों और अपेक्षाओं को संसद और विधानसभाओं में उठाते हैं। भारतीय जनता पार्टी (BJP) और कांग्रेस जैसे दल, जो विभिन्न विचारधाराओं का प्रतिनिधित्व करते हैं, लोगों की समस्याओं का समाधान खोजने में सहायक होते हैं।
- नीतिगत निर्णय: ये दल नीतिगत निर्णय लेते हैं जो राष्ट्रीय विकास, समाजिक न्याय और आर्थिक प्रगति को प्रभावित करते हैं। उदाहरण के लिए, BJP की ‘मेक इन इंडिया’ योजना ने घरेलू उद्योगों को प्रोत्साहित किया, जबकि कांग्रेस ने ‘महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (MGNREGA)’ को लागू किया।
b. राजनीतिक स्थिरता और शासन
- सरकारी गठन: चुनावों के माध्यम से, राजनीतिक दल सरकार का गठन करते हैं और उसके कार्यों को संचालित करते हैं। 2014 के आम चुनावों में BJP ने पूर्ण बहुमत प्राप्त कर सरकार बनाई, जिससे राजनीतिक स्थिरता आई।
- विपक्ष की भूमिका: विपक्षी दलों की भूमिका सरकार की नीतियों की निगरानी और आलोचना करना है। ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस और अखिलेश यादव की सपा ने विभिन्न मुद्दों पर सरकार के खिलाफ आवाज़ उठाई है।
c. विचारधाराएँ और नीतियों का निर्माण
- विचारधाराओं की विविधता: विभिन्न राजनीतिक दल अपनी विचारधाराओं के आधार पर नीतियाँ और कार्यक्रम तैयार करते हैं। बीजेपी की ‘हिंदुत्व’ विचारधारा और कांग्रेस की ‘सेक्युलरिज़्म’ विचारधारा भारतीय राजनीति की विशेषताएँ हैं।
- समाज सुधार और विकास: दलों की विचारधाराएँ समाजिक सुधार और विकास के दृष्टिकोण को प्रभावित करती हैं। डेमोक्रेटिक सोशलिस्ट पार्टी (DSP) ने सामाजिक न्याय और आर्थिक समानता की दिशा में काम किया है।
2. चुनावी प्रक्रिया और दलों का योगदान
a. चुनावी रणनीतियाँ और प्रचार
- चुनावी रणनीतियाँ: दलों द्वारा अपनाई गई रणनीतियाँ और प्रचार तंत्र चुनावी परिणामों को प्रभावित करते हैं। BJP के ‘प्रधानमंत्री मोदी की छवि’ और कांग्रेस के ‘विपक्षी गठबंधन’ ने उनकी चुनावी सफलता में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
- मीडिया और डिजिटल प्रचार: सोशल मीडिया और डिजिटल प्लेटफॉर्म्स ने दलों के प्रचार की रणनीतियों को बदल दिया है। BJP की ‘डिजिटल इंडिया’ पहल ने चुनाव प्रचार में नई ऊँचाइयाँ प्राप्त की हैं।
b. गठबंधन और कोलिशन राजनीति
- गठबंधन सरकारें: भारत में अक्सर गठबंधन सरकारें बनती हैं, जहां विभिन्न दल मिलकर सरकार का गठन करते हैं। 2019 के आम चुनाव में NDA (नेशनल डेमोक्रेटिक अलायंस) और UPA (यूनाइटेड प्रोग्रेसिव अलायंस) जैसे गठबंधनों ने प्रमुख भूमिका निभाई।
- राजनीतिक गठबंधन: आम आदमी पार्टी (AAP) और कांग्रेस के बीच गठबंधन, दिल्ली विधानसभा चुनाव (2020) में एक महत्वपूर्ण रणनीतिक कदम था।
c. दलों की आंतरिक लोकतंत्र
- आंतरिक चुनाव और नेतृत्व: दलों के आंतरिक चुनावों और नेतृत्व की प्रक्रिया भी लोकतंत्र को प्रभावित करती है। BJP और कांग्रेस में आंतरिक लोकतंत्र और नेतृत्व परिवर्तन की प्रक्रिया ने दलों की दिशा और नीतियों को प्रभावित किया है।
- सदस्यता और भागीदारी: दलों में सदस्यों की भागीदारी और उनका आंतरिक लोकतंत्र भी महत्वपूर्ण होता है। जनता दल (यूनाइटेड) और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (CPI) जैसी पार्टियों में आंतरिक लोकतंत्र की चर्चा होती रहती है।
उदाहरण:
- महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव (2019): शिवसेना और भाजपा के बीच गठबंधन और फिर राहुल गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस के सहयोग से गठित महा विकास अघाड़ी (MVA) ने एक नई राजनीतिक दिशा निर्धारित की।
- सपा और बसपा का गठबंधन (2019): सपा और बसपा का गठबंधन, जिसने उत्तर प्रदेश में BJP को चुनौती दी, ने दिखाया कि चुनावी गठबंधन राजनीति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
निष्कर्ष:
भारतीय राजनीति में राजनीतिक दलों की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है। वे लोकतंत्र की नींव, विचारधाराओं के निर्माण और चुनावी प्रक्रियाओं को संचालित करते हैं। विभिन्न दलों की विचारधाराएँ, चुनावी रणनीतियाँ, और गठबंधन राजनीति लोकतंत्र की गतिशीलता और विकास में योगदान करती हैं, जबकि उनके आंतरिक लोकतंत्र और समर्पण से लोकतंत्र को सशक्त बनाने में मदद मिलती है।
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भारतीय राजनीति में चरम राष्ट्रवादी भावना को जन्म देने का श्रेय तिलक को जाता है परिचय बाल गंगाधर तिलक, जिन्हें "लोकमान्य" या "प्रिय नेता" के रूप में जाना जाता है, भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के एक प्रमुख नेता थे। उनका योगदान भारतीय राजनीति में चरम राष्ट्रवादी भावना को जन्म देने में अत्यंत महत्वपूर्ण था।Read more
भारतीय राजनीति में चरम राष्ट्रवादी भावना को जन्म देने का श्रेय तिलक को जाता है
परिचय
बाल गंगाधर तिलक, जिन्हें “लोकमान्य” या “प्रिय नेता” के रूप में जाना जाता है, भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के एक प्रमुख नेता थे। उनका योगदान भारतीय राजनीति में चरम राष्ट्रवादी भावना को जन्म देने में अत्यंत महत्वपूर्ण था। तिलक ने भारतीय राजनीतिक चेतना को संवारने और उग्र राष्ट्रवाद को प्रोत्साहित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, जिससे स्वतंत्रता संघर्ष की दिशा और तीव्रता बदल गई।
तिलक की प्रारंभिक भूमिकाएँ
चरम राष्ट्रवाद को बढ़ावा देने में तिलक के प्रमुख योगदान
भारतीय राजनीति पर प्रभाव
हालिया उदाहरण और तुलनात्मक विश्लेषण
निष्कर्ष
बाल गंगाधर तिलक का भारतीय राजनीति में चरम राष्ट्रवादी भावना को जन्म देने में अहम योगदान था। उनकी स्वदेशी आंदोलन, जनसाधारण को जुटाने की रणनीतियाँ, और उग्र राष्ट्रवादी विचारधारा ने भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन की दिशा और तीव्रता को बदल दिया। तिलक का दृष्टिकोण भारतीय राजनीति की परंपरा में एक महत्वपूर्ण मोड़ था, जो आज भी आधुनिक राजनीतिक रणनीतियों और राष्ट्रीय आंदोलनों में प्रभावशाली है।
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