उत्तर प्रदेश की विधान सभा में विधि-निर्माण प्रक्रिया का वर्णन कीजिए। (200 Words) [UPPSC 2023]
कर चोरी: व्यापक कर चोरी और बड़ी अनौपचारिक अर्थव्यवस्था के कारण सटीक राजस्व संग्रह में बाधा उत्पन्न होती है और राज्य के वित्तीय संसाधनों में कमी आती है। प्रशासनिक अक्षमताएँ: पुरानी प्रक्रियाएँ और राजस्व विभागों के बीच समन्वय की कमी से कर संग्रहण और भूमि प्रबंधन में देरी और अक्षमता होती है। भूमRead more
- कर चोरी: व्यापक कर चोरी और बड़ी अनौपचारिक अर्थव्यवस्था के कारण सटीक राजस्व संग्रह में बाधा उत्पन्न होती है और राज्य के वित्तीय संसाधनों में कमी आती है।
- प्रशासनिक अक्षमताएँ: पुरानी प्रक्रियाएँ और राजस्व विभागों के बीच समन्वय की कमी से कर संग्रहण और भूमि प्रबंधन में देरी और अक्षमता होती है।
- भूमि रिकॉर्ड प्रबंधन: असंगठित और पुरानी भूमि रिकॉर्ड की वजह से विवाद और जटिलताएँ उत्पन्न होती हैं, जो भूमि संबंधी करों से राजस्व संग्रहण को प्रभावित करती हैं।
- भ्रष्टाचार: भ्रष्टाचार और नौकरशाही की जटिलताएँ राजस्व संग्रहण की दक्षता को प्रभावित करती हैं और करदाताओं को अनुपालन से हतोत्साहित करती हैं।
- केंद्र सरकार पर निर्भरता: केंद्रीय स्थानांतरण और अनुदानों पर भारी निर्भरता राज्य की वित्तीय स्वायत्तता को सीमित करती है और स्थानीय आवश्यकताओं को स्वतंत्र रूप से संबोधित करने की क्षमता को प्रभावित करती है।
इन चुनौतियों का समाधान करने के लिए कर प्रशासन में सुधार, भूमि रिकॉर्ड प्रबंधन में आधुनिकीकरण, और पारदर्शिता बढ़ाने की आवश्यकता है।
See less
उत्तर प्रदेश की विधान सभा में विधि-निर्माण प्रक्रिया निम्नलिखित चरणों में संपन्न होती है: विधेयक का मसौदा: विधेयक (बिल) सरकार द्वारा मंत्री या एक सदस्य द्वारा पेश किया जा सकता है। यह मसौदा विधायी प्रस्तावों के लिए तैयार किया जाता है, जिसमें कानूनी विशेषज्ञों और संबंधित विभागों की सलाह शामिल होती है।Read more
उत्तर प्रदेश की विधान सभा में विधि-निर्माण प्रक्रिया निम्नलिखित चरणों में संपन्न होती है:
इस प्रक्रिया के माध्यम से विधेयक की सभी पहलुओं पर सावधानीपूर्वक विचार और चर्चा की जाती है, ताकि प्रभावी और न्यायसंगत कानून बनाए जा सकें।
See less