भारतीय रियासतों के एकीकरण की प्रक्रिया में मुख्य प्रशासनिक मुद्दों एवं सामाजिक-सांस्कृतिक समस्याओं का आकलन कीजिए । (150 words)[UPSC 2021]
औपनिवेशिक वन नीतियां ब्रिटिश साम्राज्य की आर्थिक और सैन्य आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए बनाई गईं, न कि स्थानीय लोगों के कल्याण या पर्यावरण की चिंता के लिए। भारत में, ब्रिटिश शासन ने वनों को वाणिज्यिक लाभ के लिए उपयोग किया, जैसे रेलवे की पटरियों के लिए लकड़ी और जहाजों के निर्माण के लिए सामग्री। इन नRead more
औपनिवेशिक वन नीतियां ब्रिटिश साम्राज्य की आर्थिक और सैन्य आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए बनाई गईं, न कि स्थानीय लोगों के कल्याण या पर्यावरण की चिंता के लिए। भारत में, ब्रिटिश शासन ने वनों को वाणिज्यिक लाभ के लिए उपयोग किया, जैसे रेलवे की पटरियों के लिए लकड़ी और जहाजों के निर्माण के लिए सामग्री।
इन नीतियों के तहत, ब्रिटिश प्रशासन ने बड़े पैमाने पर वनों की कटाई की और स्थानीय जनजातियों और ग्रामीणों को उनकी पारंपरिक वन आधारित आजीविका से वंचित कर दिया। वन क्षेत्रों को संरक्षित करने के नाम पर इनको ‘सर्विस’ और ‘प्रोटेक्टेड’ श्रेणियों में बांट दिया गया, जिससे स्थानीय लोगों की वन संसाधनों पर निर्भरता समाप्त हो गई। इसके परिणामस्वरूप, पारंपरिक वन उपयोग और बायोडायवर्सिटी पर नकारात्मक प्रभाव पड़ा, और स्थानीय समुदायों को आर्थिक और सामाजिक कठिनाइयों का सामना करना पड़ा।
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भारतीय रियासतों के एकीकरण की प्रक्रिया में मुख्य प्रशासनिक मुद्दे और सामाजिक-सांस्कृतिक समस्याएँ प्रशासनिक मुद्दे: विभिन्न प्रशासनिक व्यवस्थाएँ: विभिन्न रियासतों में भिन्न-भिन्न प्रशासनिक तंत्र और कानून थे। इन्हें एकीकृत भारतीय संविधान और प्रशासनिक प्रणाली में समाहित करना एक चुनौतीपूर्ण कार्य था। उदRead more
भारतीय रियासतों के एकीकरण की प्रक्रिया में मुख्य प्रशासनिक मुद्दे और सामाजिक-सांस्कृतिक समस्याएँ
प्रशासनिक मुद्दे:
सामाजिक-सांस्कृतिक समस्याएँ:
इन मुद्दों का समाधान संवाद, संवैधानिक उपायों और संवेदनशीलता के साथ किया गया, जिससे भारतीय संघ की एकता और अखंडता को बनाए रखा जा सका।
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