‘क्वाड’ में भारत की भागीदारी के औचित्य की विवेचना कीजिए। (125 Words) [UPPSC 2023]
नाटो (उत्तर अटलांटिक संधि संगठन) का विस्तार और सुदृढ़ीकरण, साथ ही अमेरिका-यूरोप की मजबूत रणनीतिक साझेदारी, भारत के लिए विभिन्न दृष्टिकोणों से लाभकारी हो सकती है: क्षेत्रीय स्थिरता और सुरक्षा: नाटो का विस्तार और उसकी सैन्य शक्ति का सुदृढ़ीकरण यूरोप और उत्तरी अमेरिका में स्थिरता बनाए रखने में सहायक होRead more
नाटो (उत्तर अटलांटिक संधि संगठन) का विस्तार और सुदृढ़ीकरण, साथ ही अमेरिका-यूरोप की मजबूत रणनीतिक साझेदारी, भारत के लिए विभिन्न दृष्टिकोणों से लाभकारी हो सकती है:
क्षेत्रीय स्थिरता और सुरक्षा: नाटो का विस्तार और उसकी सैन्य शक्ति का सुदृढ़ीकरण यूरोप और उत्तरी अमेरिका में स्थिरता बनाए रखने में सहायक होता है। यह वैश्विक सुरक्षा को बेहतर बनाता है, जो भारत के लिए भी फायदेमंद है। उदाहरण के लिए, रूस-यूक्रेन संघर्ष में नाटो की भूमिका ने यूरोप में स्थिरता को बनाए रखने में मदद की है।
आतंकवाद के खिलाफ सहयोग: नाटो और अमेरिका-यूरोप की साझेदारी आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। भारत भी आतंकवाद से प्रभावित है, और इस प्रकार के अंतर्राष्ट्रीय सहयोग से उसे भी लाभ मिल सकता है। उदाहरण के लिए, अफगानिस्तान में नाटो की उपस्थिति ने आतंकवादी गतिविधियों को नियंत्रित करने में मदद की है।
आर्थिक सहयोग और व्यापार: अमेरिका और यूरोप के साथ मजबूत रणनीतिक साझेदारी भारत के लिए आर्थिक अवसर प्रदान कर सकती है। इससे व्यापारिक संबंधों में सुधार और निवेश के अवसर बढ़ सकते हैं। उदाहरण के लिए, भारत और यूरोपीय संघ के बीच व्यापारिक समझौतों से भारतीय अर्थव्यवस्था को लाभ हुआ है।
तकनीकी और सैन्य सहयोग: नाटो के सदस्य देशों के साथ तकनीकी और सैन्य सहयोग भारत की रक्षा क्षमताओं को बढ़ा सकता है। अमेरिका और यूरोप के साथ रक्षा समझौतों ने भारतीय सेना को आधुनिक तकनीक और उपकरणों से सुसज्जित किया है।
इन सभी कारणों से, नाटो का विस्तार और अमेरिका-यूरोप की मजबूत रणनीतिक साझेदारी भारत के लिए फायदेमंद हो सकती है। इससे न केवल सुरक्षा और स्थिरता में सुधार होता है, बल्कि आर्थिक और तकनीकी सहयोग के अवसर भी बढ़ते हैं।
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क्वाड में भारत की भागीदारी का औचित्य 1. सामरिक और रणनीतिक हित: QUAD (क्वाड) का गठन भारत, अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया के बीच सामरिक सहयोग को बढ़ावा देने के लिए किया गया है। भारत की भागीदारी उत्तरी हिंद महासागर और एशिया-पैसिफिक क्षेत्र में सुरक्षा और स्थिरता को सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण है। 2Read more
क्वाड में भारत की भागीदारी का औचित्य
1. सामरिक और रणनीतिक हित: QUAD (क्वाड) का गठन भारत, अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया के बीच सामरिक सहयोग को बढ़ावा देने के लिए किया गया है। भारत की भागीदारी उत्तरी हिंद महासागर और एशिया-पैसिफिक क्षेत्र में सुरक्षा और स्थिरता को सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण है।
2. अर्थशास्त्र और व्यापार: QUAD के माध्यम से भारत को सामरिक वाणिज्यिक सहयोग और आर्थिक निवेश के अवसर मिलते हैं, जो वाणिज्यिक मार्ग और आर्थिक स्थिरता को बढ़ावा देते हैं।
3. वैश्विक चुनौतियाँ: QUAD सदस्य देशों के साथ मिलकर भारत जलवायु परिवर्तन, साइबर सुरक्षा, और पैथोजन परिदृश्य जैसे वैश्विक चुनौतियों का प्रभावी समाधान निकाल सकता है।
4. ज्योग्राफिकल स्थिति: भारत की सामरिक स्थिति और आधुनिक सैन्य क्षमता QUAD में एक प्रमुख सहयोगी की भूमिका निभाने में सहायक है, जिससे क्षेत्रीय सुरक्षा को मजबूत किया जा सके।
निष्कर्ष: QUAD में भारत की भागीदारी सामरिक, आर्थिक, और वैश्विक स्थिरता की दृष्टि से उचित है, जो भारत की सुरक्षा और विकास के लक्ष्यों को प्राप्त करने में सहायक है।
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