अफ्रीका में भारत की बढ़ती हुई रुचि के सकारात्मक और नकारात्मक पक्ष है। समालोचनापूर्वक परीक्षण कीजिए। (200 words) [UPSC 2015]
यूनेस्को के मैक्ब्राइड आयोग के लक्ष्य और उद्देश्य और भारत की स्थिति परिचय यूनेस्को के मैक्ब्राइड आयोग (1980) का पूरा नाम "कमेटी ऑन एम्सट्रिंग इनफॉर्मेशन फ्लो" है। इसका गठन वैश्विक संचार और सूचना प्रवाह की असमानताओं को दूर करने के लिए किया गया था। इस आयोग ने एक महत्वपूर्ण रिपोर्ट, "मैक्रोब्राइड रिपोरRead more
यूनेस्को के मैक्ब्राइड आयोग के लक्ष्य और उद्देश्य और भारत की स्थिति
परिचय यूनेस्को के मैक्ब्राइड आयोग (1980) का पूरा नाम “कमेटी ऑन एम्सट्रिंग इनफॉर्मेशन फ्लो” है। इसका गठन वैश्विक संचार और सूचना प्रवाह की असमानताओं को दूर करने के लिए किया गया था। इस आयोग ने एक महत्वपूर्ण रिपोर्ट, “मैक्रोब्राइड रिपोर्ट” प्रस्तुत की, जिसमें संचार और सूचना के क्षेत्र में समानता की आवश्यकता पर जोर दिया गया।
लक्ष्य और उद्देश्य
- संचार असमानताओं को दूर करना:
- रिपोर्ट ने वैश्विक संचार के असमान प्रवाह को दर्शाते हुए कहा कि विकासशील देशों को प्रौद्योगिकी और सूचनाओं में समानता प्राप्त होनी चाहिए।
- सूचना की स्वतंत्रता और समानता को बढ़ावा देना:
- आयोग ने सभी देशों में स्वतंत्र और समान सूचना प्रवाह के महत्व को रेखांकित किया। इसका उद्देश्य दुनिया भर के लोगों को समान सूचना तक पहुँच सुनिश्चित करना था।
- संविधानिक और राजनीतिक स्वतंत्रता को प्रोत्साहित करना:
- आयोग ने देशों के संविधानिक और राजनीतिक स्वतंत्रता को सुरक्षित रखने और मीडिया के स्वतंत्रता को बढ़ावा देने पर जोर दिया।
भारत की स्थिति
- संचार और सूचना में विकास:
- भारत ने सूचना और संचार प्रौद्योगिकी में महत्वपूर्ण प्रगति की है, जैसे “डिजिटल इंडिया” और “आधार” जैसी पहलों के माध्यम से। लेकिन, ग्रामीण और दूरदराज क्षेत्रों में सूचना की पहुंच में असमानता बनी हुई है।
- सार्वजनिक मीडिया और सूचना स्वतंत्रता:
- भारत में स्वतंत्र मीडिया और सूचना की स्वतंत्रता की सुरक्षा के लिए संविधानिक प्रावधान हैं, लेकिन हाल ही में कुछ चुनौतियाँ भी सामने आई हैं, जैसे “राजनीतिक दबाव” और “मीडिया सेंसरशिप”।
- वैश्विक संचार असमानता:
- भारत ने वैश्विक संचार में सुधार के लिए कई अंतरराष्ट्रीय पहलों में भाग लिया है, लेकिन अभी भी वैश्विक संचार असमानता को दूर करने के लिए निरंतर प्रयासों की आवश्यकता है।
निष्कर्ष मैक्ब्राइड आयोग ने वैश्विक संचार और सूचना प्रवाह में समानता की आवश्यकता को रेखांकित किया। भारत ने इस दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं, लेकिन संचार और सूचना असमानताओं को पूरी तरह से दूर करने के लिए निरंतर प्रयास किए जाने की आवश्यकता है।
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अफ्रीका में भारत की बढ़ती हुई रुचि: सकारात्मक और नकारात्मक पक्ष
सकारात्मक पक्ष:
नकारात्मक पक्ष:
निष्कर्ष: अफ्रीका में भारत की बढ़ती रुचि के सकारात्मक और नकारात्मक दोनों पहलू हैं। आर्थिक, रणनीतिक और शैक्षिक लाभ के साथ-साथ भू-राजनीतिक प्रतिस्पर्धा, संसाधन निर्भरता और स्थानीय विरोध के जोखिम भी जुड़े हैं। इन पहलुओं को संतुलित करना भारत की अफ्रीका के साथ बढ़ती हुई साझेदारी की सफलता के लिए आवश्यक है।
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