“संयुक्त राज्य अमेरिका, चीन के रूप में एक ऐसे अस्तित्व के खतरे का सामना कर रहा है जो तत्कालीन सोवियत संघ की तुलना में कहीं अधिक चुनौतीपूर्ण है।” विवेचना कीजिए। (150 words) [UPSC 2021]
चीन अपने आर्थिक संबंधों और व्यापार अधिशेष का उपयोग एशिया में अपनी सैन्य शक्ति बढ़ाने के लिए कर रहा है, जिससे क्षेत्रीय संतुलन में बदलाव आ रहा है। चीन की आर्थिक शक्ति उसे विशाल रक्षा बजट और सैन्य आधुनिकीकरण की क्षमता देती है, जिससे वह दक्षिण चीन सागर, पूर्वी चीन सागर, और भारतीय महासागर में अपनी उपस्थRead more
चीन अपने आर्थिक संबंधों और व्यापार अधिशेष का उपयोग एशिया में अपनी सैन्य शक्ति बढ़ाने के लिए कर रहा है, जिससे क्षेत्रीय संतुलन में बदलाव आ रहा है। चीन की आर्थिक शक्ति उसे विशाल रक्षा बजट और सैन्य आधुनिकीकरण की क्षमता देती है, जिससे वह दक्षिण चीन सागर, पूर्वी चीन सागर, और भारतीय महासागर में अपनी उपस्थिति को मजबूत कर रहा है।
भारत के लिए, यह स्थिति चिंताजनक है क्योंकि चीन का बढ़ता सैन्य प्रभाव उसकी सुरक्षा और रणनीतिक हितों के लिए खतरा पैदा कर सकता है। चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा (CPEC) और चीन की “String of Pearls” रणनीति भारत को घेरने का प्रयास मानी जाती है।
इसके जवाब में, भारत को अपनी सैन्य तैयारियों को बढ़ाना होगा, पड़ोसी देशों के साथ मजबूत रणनीतिक साझेदारी करनी होगी, और अपने आर्थिक और कूटनीतिक संबंधों को सुदृढ़ करना होगा। इसके अलावा, भारत को अपनी ‘एक्ट ईस्ट’ नीति को भी और अधिक प्रभावी बनाना चाहिए ताकि क्षेत्र में संतुलन कायम रखा जा सके।
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"संयुक्त राज्य अमेरिका, चीन के रूप में एक ऐसे अस्तित्व के खतरे का सामना कर रहा है जो तत्कालीन सोवियत संघ की तुलना में कहीं अधिक चुनौतीपूर्ण है" इस कथन की विवेचना करते हुए: सामरिक और आर्थिक दृष्टिकोण: आर्थिक शक्ति: चीन की तेजी से बढ़ती आर्थिक शक्ति और उसकी वैश्विक व्यापारिक उपस्थिति ने अमेरिका के लिएRead more
“संयुक्त राज्य अमेरिका, चीन के रूप में एक ऐसे अस्तित्व के खतरे का सामना कर रहा है जो तत्कालीन सोवियत संघ की तुलना में कहीं अधिक चुनौतीपूर्ण है” इस कथन की विवेचना करते हुए:
सामरिक और आर्थिक दृष्टिकोण:
आर्थिक शक्ति: चीन की तेजी से बढ़ती आर्थिक शक्ति और उसकी वैश्विक व्यापारिक उपस्थिति ने अमेरिका के लिए एक प्रमुख चुनौती उत्पन्न की है। चीन की आर्थिक वृद्धि और उसकी वैश्विक आपूर्ति श्रृंखलाओं पर पकड़ अमेरिका के वैश्विक आर्थिक प्रभुत्व को चुनौती देती है।
सैन्य और तकनीकी विकास: चीन का सैन्य विस्तार और तकनीकी उन्नति, जैसे कि साइबर युद्ध और कृत्रिम बुद्धिमत्ता में प्रगति, अमेरिका के लिए गंभीर सुरक्षा खतरे पैदा कर रही है। सोवियत संघ की तुलना में, चीन की आधुनिक तकनीकी क्षमताएँ और उसके क्षेत्रीय प्रभाव क्षेत्र में व्यापकता अमेरिकी सुरक्षा नीति के लिए अधिक जटिलता उत्पन्न करती हैं।
भौगोलिक और राजनीतिक दृष्टिकोण:
See lessवैश्विक प्रभाव: चीन की बेल्ट और रोड इनिशिएटिव और वैश्विक संस्थानों में बढ़ती भूमिका, अमेरिका की अंतरराष्ट्रीय स्थिति को चुनौती देती है। सोवियत संघ का प्रभाव मुख्यतः यूरोप और मध्य एशिया तक सीमित था, जबकि चीन का प्रभाव व्यापक और रणनीतिक है।
इस प्रकार, चीन के उदय ने अमेरिका के लिए एक नई और जटिल चुनौती उत्पन्न की है, जो सोवियत संघ की तुलना में अधिक व्यापक और बहुपरकारी है।