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भारत की 'राष्ट्रीय रक्षा परिषद' पर प्रकाश डालें। (125 Words) [UPPSC 2018]
भारत की राष्ट्रीय रक्षा परिषद परिचय राष्ट्रीय रक्षा परिषद (NDC) भारत का एक उच्चस्तरीय निकाय है जो रक्षा संबंधित मुद्दों पर सरकार को सलाह देता है। इसका उद्देश्य राष्ट्रीय सुरक्षा और रक्षा की रणनीतियों को सुदृढ़ करना है। संरचना NDC की अध्यक्षता प्रधानमंत्री करते हैं और इसमें रक्षा मंत्री, मुख्य रक्षा.Read more
भारत की राष्ट्रीय रक्षा परिषद
परिचय राष्ट्रीय रक्षा परिषद (NDC) भारत का एक उच्चस्तरीय निकाय है जो रक्षा संबंधित मुद्दों पर सरकार को सलाह देता है। इसका उद्देश्य राष्ट्रीय सुरक्षा और रक्षा की रणनीतियों को सुदृढ़ करना है।
संरचना NDC की अध्यक्षता प्रधानमंत्री करते हैं और इसमें रक्षा मंत्री, मुख्य रक्षा.staff (CDS), और थलसेना, नौसेना और वायुसेना के प्रमुख शामिल होते हैं। राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) भी एक महत्वपूर्ण सदस्य हैं जो रणनीतिक सलाह प्रदान करते हैं।
कार्य
हालिया उदाहरण CDS की नियुक्ति और सशस्त्र बलों के बीच समन्वय को बेहतर बनाने के लिए रक्षा विभाग का गठन NDC के तहत किया गया, जो नई रणनीतिक पहल का प्रतीक है।
निष्कर्ष राष्ट्रीय रक्षा परिषद भारत की रक्षा योजनाओं और राष्ट्रीय सुरक्षा को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है, जो देश की सुरक्षा को सुनिश्चित करती है।
See lessभारत के सुरक्षा परिदृश्य में 'रिवोलूशन इन मिलिट्री अफेयर्स' क्या है? (125 Words) [UPPSC 2020]
भारत के सुरक्षा परिदृश्य में 'रिवोलूशन इन मिलिट्री अफेयर्स' (RMA) 1. परिभाषा और अवधारणा RMA से तात्पर्य सैन्य क्षमताओं और रणनीतियों में महत्वपूर्ण तकनीकी और वैधानिक परिवर्तनों से है। यह उन्नत प्रौद्योगिकियों के समेकन को संदर्भित करता है। 2. हाल की विकास स्वदेशी तकनीकी समेकन: भारत ने अस्त्र मिसाइल औरRead more
भारत के सुरक्षा परिदृश्य में ‘रिवोलूशन इन मिलिट्री अफेयर्स’ (RMA)
1. परिभाषा और अवधारणा
RMA से तात्पर्य सैन्य क्षमताओं और रणनीतियों में महत्वपूर्ण तकनीकी और वैधानिक परिवर्तनों से है। यह उन्नत प्रौद्योगिकियों के समेकन को संदर्भित करता है।
2. हाल की विकास
3. रणनीतिक निहितार्थ
निष्कर्ष
See lessRMA भारत की रक्षा रणनीति के लिए महत्वपूर्ण है, जो उन्नत प्रौद्योगिकियों को समेकित कर रणनीतिक श्रेष्ठता बनाए रखने और आधुनिक सुरक्षा चुनौतियों का प्रभावी ढंग से सामना करने पर केंद्रित है।
मानवाधिकार सक्रियतावादी लगातार इस विचार को उजागर करते रहे हैं कि सशस्त्र बल (विशेष शक्तियाँ) अधिनियम, 1958 (ए.एफ.एस.पी.ए.) एक क्रूर अधिनियम है, जिससे सुरक्षा बलों के द्वारा मानवाधिकार दुरुपयोगों के मामले उत्पन्न होते हैं। इस अधिनियम की कौन-सी धाराओं का सक्रियतावादी विरोध करते हैं ? उच्चतम न्यायालय के द्वारा व्यक्त विचार के संदर्भ में इसकी आवश्यकता का समालोचनात्मक मूल्यांकन कीजिए । (200 words) [UPSC 2015]
सशस्त्र बल (विशेष शक्तियाँ) अधिनियम, 1958 (AFSPA) और मानवाधिकार संबंधी चिंताएँ: 1. विवादित धाराएँ: धारा 4: इस धारा के तहत सुरक्षा बलों को बिना वारंट के गिरफ्तारी और बल का उपयोग करने का अधिकार मिलता है, यदि उन्हें लगता है कि कोई व्यक्ति कानून का उल्लंघन कर रहा है या अवैध गतिविधियों में संलिप्त है। माRead more
सशस्त्र बल (विशेष शक्तियाँ) अधिनियम, 1958 (AFSPA) और मानवाधिकार संबंधी चिंताएँ:
1. विवादित धाराएँ:
2. मानवाधिकार सक्रियतावादियों का विरोध:
3. उच्चतम न्यायालय की राय:
4. हाल की घटनाएँ:
5. समालोचनात्मक मूल्यांकन:
निष्कर्ष:
सशस्त्र बल (विशेष शक्तियाँ) अधिनियम, 1958 की विशेष शक्तियाँ और छूट, जबकि सुरक्षा आवश्यकताओं को पूरा करती हैं, मानवाधिकार उल्लंघनों के लिए गंभीर चिंताओं का कारण बनती हैं। सुधार और मानवाधिकार संरक्षण की दिशा में संगठित प्रयास आवश्यक हैं।
See lessउग्र अनुसरण' एवं 'शल्यक प्रहार' पदों का प्रयोग प्रायः आतंकी हमलों के विरुद्ध सैन्य कार्यवाही के लिए किया जाता है। इस प्रकार की कार्यवाहियों के युद्धनीतिक प्रभाव की विवेचना कीजिए। (200 words) [UPSC 2016]
उग्र अनुसरण' और 'शल्यक प्रहार' के युद्धनीतिक प्रभाव 1. परिभाषाएँ और उदाहरण: उग्र अनुसरण (Hot Pursuit): यह सैन्य कार्रवाई की एक विधि है जिसमें एक देश आतंकी या विद्रोही तत्वों का पीछा करता है और उन्हें अंतर्राष्ट्रीय सीमाओं के पार जाकर भी लक्षित करता है। उदाहरण के तौर पर, भारत ने 2016 में म्यांमार मेंRead more
उग्र अनुसरण’ और ‘शल्यक प्रहार’ के युद्धनीतिक प्रभाव
1. परिभाषाएँ और उदाहरण:
2. युद्धनीतिक प्रभाव:
सार: ‘उग्र अनुसरण’ और ‘शल्यक प्रहार’ सैन्य दृष्टिकोण से प्रभावी हो सकते हैं, लेकिन इन्हें ध्यानपूर्वक और सोच-समझकर किया जाना चाहिए, ताकि इनकी युद्धनीतिक और कूटनीतिक परिणामों को नियंत्रित किया जा सके।
See lessभारत द्वारा सामना की जाने वाली आंतरिक सुरक्षा चुनौतियाँ क्या हैं? ऐसे खतरों का मुकाबला करने के लिए नियुक्त केन्द्रीय खुफिया और जाँच एजेंसियों की भूमिका बताइए। (250 words) [UPSC 2023]
भारत द्वारा सामना की जाने वाली आंतरिक सुरक्षा चुनौतियाँ 1. आतंकवाद और विद्रोह: भारत आतंकवाद और विद्रोह से लगातार जूझ रहा है। जम्मू और कश्मीर में सक्रिय आतंकवादी समूह जैसे जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा ने कई बड़े हमलों को अंजाम दिया है। पुलवामा हमला (2019) इस खतरे का एक प्रमुख उदाहरण है। इसके अलावा,Read more
भारत द्वारा सामना की जाने वाली आंतरिक सुरक्षा चुनौतियाँ
1. आतंकवाद और विद्रोह: भारत आतंकवाद और विद्रोह से लगातार जूझ रहा है। जम्मू और कश्मीर में सक्रिय आतंकवादी समूह जैसे जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा ने कई बड़े हमलों को अंजाम दिया है। पुलवामा हमला (2019) इस खतरे का एक प्रमुख उदाहरण है। इसके अलावा, नक्सल-माओवाद से प्रभावित क्षेत्र, जैसे छत्तीसगढ़ और झारखंड, में हिंसा की घटनाएँ बढ़ रही हैं।
2. जातीय और सांप्रदायिक हिंसा: भारत में जातीय और सांप्रदायिक हिंसा की घटनाएँ समय-समय पर होती रहती हैं। हाल ही में, मणिपुर हिंसा (2023) ने विभिन्न जातीय समूहों के बीच झगड़ों और विस्थापन की समस्या को उजागर किया है।
3. वामपंथी चरमपंथ: नक्सलवादी समूह भारतीय राज्यों में सुरक्षा के लिए एक बड़ा खतरा पैदा करते हैं। सुकमा हमला (2023) ने सुरक्षा बलों पर हुए हमलों की गंभीरता को दर्शाया है और नक्सलियों की बढ़ती सक्रियता को दिखाया है।
4. साइबर सुरक्षा के खतरे: डिजिटल इन्फ्रास्ट्रक्चर की बढ़ती निर्भरता के साथ साइबर हमलों और डेटा उल्लंघनों में वृद्धि हो रही है। हाल की AIIMS रैनसमवेयर हमला (2023) ने महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे की सुरक्षा में खामियों को उजागर किया है।
केन्द्रीय खुफिया और जाँच एजेंसियों की भूमिका
1. रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (RAW): RAW विदेशी खुफिया जानकारी इकट्ठा करने और आतंकवाद विरोधी प्रयासों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इसने कई आतंकवादी हमलों को रोकने में मदद की है और बाहरी खतरों की निगरानी करता है।
2. इंटेलिजेंस ब्यूरो (IB): IB घरेलू खुफिया जानकारी और आंतरिक सुरक्षा मामलों पर ध्यान केंद्रित करता है। यह आतंकवाद, विद्रोह, और सांप्रदायिक हिंसा को रोकने के लिए राज्य एजेंसियों के साथ समन्वय करता है और समय पर हस्तक्षेप करता है।
3. नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (NIA): NIA आतंकवाद से संबंधित अपराधों की जांच और अभियोजन का कार्य करती है। इसने पुलवामा हमला जैसे महत्वपूर्ण मामलों को हैंडल किया है और राज्यों के बीच आतंकवाद से निपटने में एक केंद्रीकृत दृष्टिकोण प्रदान करता है।
4. सेंट्रल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन (CBI): CBI गंभीर और जटिल अपराधों की जांच करती है, जिसमें भ्रष्टाचार और प्रमुख वित्तीय अपराध शामिल हैं। यह आतंकवाद और संगठित अपराध से संबंधित मामलों की जांच में भी सहायक होती है।
5. नेशनल सिक्योरिटी गार्ड (NSG): NSG आतंकवाद विरोधी और बंधक बचाव ऑपरेशनों में विशेषज्ञ है। मुंबई हमलों (2008) के दौरान इसकी त्वरित प्रतिक्रिया क्षमता ने इसे प्रमुख सुरक्षा एजेंसी के रूप में स्थापित किया है।
हाल की पहल:
भारतीय सरकार ने राष्ट्रीय आतंकवाद निरोधक केंद्र (NCTC) जैसी पहल की है और पुलिस बलों के आधुनिकीकरण के लिए धन बढ़ाया है। खुफिया एजेंसियों के बीच समन्वय और तकनीकी क्षमताओं में सुधार की दिशा में कदम उठाए गए हैं।
संक्षेप में, भारत आंतरिक सुरक्षा के क्षेत्र में आतंकवाद, जातीय हिंसा, वामपंथी चरमपंथ, और साइबर सुरक्षा के खतरे जैसे कई चुनौतियों का सामना कर रहा है। केंद्रीय खुफिया और जाँच एजेंसियाँ इन खतरों से निपटने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं, उनके द्वारा की गई कार्रवाइयाँ देश की आंतरिक सुरक्षा को मजबूत करती हैं।
See lessस्पेशल फ्रंटियर फोर्स के अधिदेश पर चर्चा कीजिए। भारत की सुरक्षा सुनिश्चित करने में इसकी क्या उपलब्धियां रही हैं?(150 शब्दों में उत्तर दें)
स्पेशल फ्रंटियर फोर्स (SFF) भारत की विशेष सैन्य इकाई है, जिसे मुख्य रूप से उच्च-ऊंचाई वाले और कठिन भौगोलिक क्षेत्रों में संचालन के लिए स्थापित किया गया था। इसके अधिदेश में विशेष ऑपरेशंस, खुफिया एकत्रण, और सीमाओं की सुरक्षा शामिल है, विशेषकर तिब्बत और चीन के साथ सीमा क्षेत्रों में। SFF की प्रमुख उपलबRead more
स्पेशल फ्रंटियर फोर्स (SFF) भारत की विशेष सैन्य इकाई है, जिसे मुख्य रूप से उच्च-ऊंचाई वाले और कठिन भौगोलिक क्षेत्रों में संचालन के लिए स्थापित किया गया था। इसके अधिदेश में विशेष ऑपरेशंस, खुफिया एकत्रण, और सीमाओं की सुरक्षा शामिल है, विशेषकर तिब्बत और चीन के साथ सीमा क्षेत्रों में।
SFF की प्रमुख उपलब्धियों में 1962 के भारत-चीन युद्ध के दौरान, कठिन पर्वतीय क्षेत्रों में लड़ाई में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका रही है। इसके अलावा, सर्जिकल स्ट्राइक और अन्य आतंकवादी कार्रवाइयों में SFF ने उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है। उनकी प्रशिक्षण और युद्धकौशल ने उन्हें कठिन परिस्थितियों में प्रभावी बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
SFF की रणनीतिक क्षमताएं और गुप्त संचालन भारत की सुरक्षा और रक्षा रणनीति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं, जिससे सीमावर्ती क्षेत्रों में सुरक्षा सुनिश्चित होती है।
See lessथिएटराइजेशन योजनाओं के पीछे निहित तर्क का विवरण दीजिए, जिनका उद्देश्य भारत में रक्षा बलों को विशिष्ट थिएटर कमांड में एकीकृत करना है। इस संदर्भ में विद्यमान चुनौतियों पर भी चर्चा कीजिए। (150 शब्दों में उत्तर दीजिए)
थिएटराइजेशन योजनाओं का उद्देश्य भारत में रक्षा बलों को विशिष्ट थिएटर कमांड में एकीकृत करना है ताकि सामरिक दक्षता और समन्वय में सुधार हो सके। यह दृष्टिकोण सैन्य संचालन को क्षेत्रीय आधार पर संरेखित करता है, जिससे त्वरित प्रतिक्रिया और बेहतर समन्वय सुनिश्चित होता है। प्रत्येक थिएटर कमांड विशिष्ट भौगोलिRead more
थिएटराइजेशन योजनाओं का उद्देश्य भारत में रक्षा बलों को विशिष्ट थिएटर कमांड में एकीकृत करना है ताकि सामरिक दक्षता और समन्वय में सुधार हो सके। यह दृष्टिकोण सैन्य संचालन को क्षेत्रीय आधार पर संरेखित करता है, जिससे त्वरित प्रतिक्रिया और बेहतर समन्वय सुनिश्चित होता है। प्रत्येक थिएटर कमांड विशिष्ट भौगोलिक क्षेत्र और उसके सुरक्षा परिदृश्य के अनुसार कार्य करेगा, जिससे संसाधनों का प्रभावी प्रबंधन और रणनीतिक निर्णय लेना आसान होगा।
हालांकि, इस योजना के कार्यान्वयन में कई चुनौतियाँ हैं। विभिन्न सेवा शाखाओं के बीच समन्वय की कमी, विभिन्न संस्कृतियों और संचालन की विशेषताओं का अंतर, और बड़े पैमाने पर प्रशासनिक परिवर्तन कुछ प्रमुख चुनौतियाँ हैं। इसके अतिरिक्त, मौजूदा संरचनात्मक बदलाव और प्रशिक्षण के लिए समय और संसाधनों की आवश्यकता होती है, जो योजना के सफल कार्यान्वयन में बाधक हो सकते हैं।
See lessकेंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) को विविध प्रकार के कार्यों को करना आवश्यक होता है, उन्हें देखते हुए यह कहने की जरूरत नहीं है कि इसके समक्ष कई चुनौतियां विद्यमान हैं। चर्चा कीजिए। (250 शब्दों में उत्तर दीजिए)
केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) भारत का एक प्रमुख केंद्रीय पुलिस संगठन है, जो कानून व्यवस्था बनाए रखने, आंतरिक सुरक्षा के मुद्दों से निपटने, और विभिन्न विशेष परिस्थितियों में सहायता प्रदान करने के लिए जिम्मेदार है। इसके विविध कार्यों की प्रकृति को देखते हुए, CRPF को कई महत्वपूर्ण चुनौतियों का सामनाRead more
केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) भारत का एक प्रमुख केंद्रीय पुलिस संगठन है, जो कानून व्यवस्था बनाए रखने, आंतरिक सुरक्षा के मुद्दों से निपटने, और विभिन्न विशेष परिस्थितियों में सहायता प्रदान करने के लिए जिम्मेदार है। इसके विविध कार्यों की प्रकृति को देखते हुए, CRPF को कई महत्वपूर्ण चुनौतियों का सामना करना पड़ता है:
इन चुनौतियों का सामना करने के लिए, CRPF को बेहतर प्रशिक्षण, आधुनिक तकनीक, और पर्याप्त संसाधनों की आवश्यकता है। इसके साथ ही, उनकी रणनीतियों और कार्यप्रणालियों को स्थानीय स्थितियों के अनुसार अनुकूलित करने की आवश्यकता है, ताकि वे अपने कर्तव्यों को प्रभावी और संवेदनशील तरीके से निभा सकें।
See lessहालांकि, ग्राम रक्षा गार्ड (VDGs) आत्म सुरक्षा की भावना पैदा कर सकते हैं, लेकिन उनके पुनरुत्थान से जुड़े कई मुद्दे विद्यमान हैं। जम्मू और कश्मीर में व्याप्त सुरक्षा संबंधी खतरों के संदर्भ में चर्चा कीजिए। (150 शब्दों में उत्तर दीजिए)
ग्राम रक्षा गार्ड (VDGs) जम्मू और कश्मीर में आत्म-सुरक्षा की भावना को बढ़ावा देने के लिए स्थापित किए गए हैं, लेकिन उनके पुनरुत्थान से कई समस्याएँ उत्पन्न हो सकती हैं। सुरक्षा संबंधी खतरों के संदर्भ में मुद्दे: स्थानीय संघर्ष: VDGs के पुनरुत्थान से स्थानीय तनाव और जातीय संघर्षों को बढ़ावा मिल सकता हैRead more
ग्राम रक्षा गार्ड (VDGs) जम्मू और कश्मीर में आत्म-सुरक्षा की भावना को बढ़ावा देने के लिए स्थापित किए गए हैं, लेकिन उनके पुनरुत्थान से कई समस्याएँ उत्पन्न हो सकती हैं।
सुरक्षा संबंधी खतरों के संदर्भ में मुद्दे:
इन समस्याओं को हल करने के लिए, VDGs के संचालन को कड़े निगरानी, उचित प्रशिक्षण और स्थानीय सामुदायिक सहयोग के साथ संतुलित करना आवश्यक है।
See lessभारतीय सुरक्षा बलों को अधिक सशक्त कैसे बनाया जा सकता है? अपने सुझाव दीजिये । (125 Words) [UPPSC 2023]
भारतीय सुरक्षा बलों को अधिक सशक्त बनाने के सुझाव आधुनिकीकरण और उपकरण: सुरक्षा बलों को उन्नत तकनीकी उपकरण और आधुनिक हथियारों से लैस किया जाना चाहिए। उदाहरण के तौर पर, स्वदेशी रक्षा उत्पादों जैसे AK-203 राइफल्स का समावेश किया गया है। प्रशिक्षण और क्षमता विकास: सुपीरियर प्रशिक्षण कार्यक्रम और स्नायु केRead more
भारतीय सुरक्षा बलों को अधिक सशक्त बनाने के सुझाव
हालिया उदाहरण: 2023 में, भारत ने थल सेना के लिए नई ‘अत्याधुनिक टैंक’ और ‘ड्रोन’ प्रौद्योगिकी का विकास किया है, जो सुरक्षा बलों की ताकत को और बढ़ा रहा है।
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