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'लांन-वुल्फ़' हमले आतंकवाद के नए चेहरे के रूप में विकसित हुए है तथा ये आतंकवाद का मुकाबला करने के लिए विशिष्ट चुनौतियां उत्पन्न कर रहे हैं। चर्चा कीजिए। साथ ही, इस संदर्भ में भारत की सुभेद्यताओं पर प्रकाश डालिए। (150 शब्दों में उत्तर दीजिए)
'लोन वुल्फ' हमले, जहाँ एक व्यक्ति या छोटे समूह स्वतंत्र रूप से हमला करता है, आतंकवाद का नया चेहरा बन चुका है। इन हमलों की विशिष्ट विशेषताएँ हैं—इनमें जटिल संगठनात्मक ढांचे की कमी होती है और इनकी योजना अक्सर छोटे पैमाने पर होती है। यह आतंकवाद को जटिल और अप्रत्याशित बना देता है, जिससे पहचान और रोकथामRead more
‘लोन वुल्फ’ हमले, जहाँ एक व्यक्ति या छोटे समूह स्वतंत्र रूप से हमला करता है, आतंकवाद का नया चेहरा बन चुका है। इन हमलों की विशिष्ट विशेषताएँ हैं—इनमें जटिल संगठनात्मक ढांचे की कमी होती है और इनकी योजना अक्सर छोटे पैमाने पर होती है। यह आतंकवाद को जटिल और अप्रत्याशित बना देता है, जिससे पहचान और रोकथाम की प्रक्रिया कठिन हो जाती है।
भारत की सुभेद्यताएँ:
इन चुनौतियों का सामना करने के लिए भारत को बेहतर खुफिया और निगरानी प्रणालियाँ, और समर्पित काउंटर-टेररिज़्म उपायों को लागू करने की आवश्यकता है।
See lessयुद्ध का स्वरूप निरंतर बदलता रहा है तथा ड्रोन एवं काउंटर-ड्रोन सिस्टम के आगमन ने भविष्य में हमारे लड़ने के तरीके को मौलिक रूप से बदल दिया है। टिप्पणी कीजिए। (150 शब्दों में उत्तर दीजिए)
युद्ध का स्वरूप निरंतर विकसित होता रहा है और ड्रोन तथा काउंटर-ड्रोन सिस्टम का आगमन इस बदलाव को और भी गहरा कर रहा है। ड्रोन, जो स्वचालित हवाई वाहन होते हैं, युद्धक्षेत्र में निगरानी, हवाई हमलों और सटीक लक्ष्यीकरण के लिए उपयोग किए जा रहे हैं। ये कम लागत वाले और आसानी से तैनात किए जा सकने वाले होते हैंRead more
युद्ध का स्वरूप निरंतर विकसित होता रहा है और ड्रोन तथा काउंटर-ड्रोन सिस्टम का आगमन इस बदलाव को और भी गहरा कर रहा है। ड्रोन, जो स्वचालित हवाई वाहन होते हैं, युद्धक्षेत्र में निगरानी, हवाई हमलों और सटीक लक्ष्यीकरण के लिए उपयोग किए जा रहे हैं। ये कम लागत वाले और आसानी से तैनात किए जा सकने वाले होते हैं, जो पारंपरिक सैन्य रणनीतियों को चुनौती देते हैं।
काउंटर-ड्रोन सिस्टम, जैसे कि रेडार, इलेक्ट्रॉनिक युद्ध प्रणालियाँ, और लेजर तकनीक, ड्रोन के खतरों को पहचानने और नष्ट करने के लिए विकसित किए गए हैं। इन प्रणालियों के जरिए, ड्रोन हमलों को विफल किया जा सकता है और उनकी प्रभावशीलता को कम किया जा सकता है।
भविष्य में, ड्रोन और काउंटर-ड्रोन तकनीकें युद्ध की रणनीतियों, युद्धक्षेत्र की गतिशीलता और सैन्य अभियानों की प्रकृति को मौलिक रूप से बदल देंगी, जिससे युद्ध की अवधारणाओं और तकनीकों में क्रांतिकारी परिवर्तन होंगे।
See lessभारत की आंतरिक सुरक्षा पर तस्करी और जालसाजी के प्रभावों की विवेचना कीजिए। हालिया दिनों में इनसे निपटने के लिए क्या कदम उठाए गए हैं? (150 शब्दों में उत्तर दीजिए)
भारत की आंतरिक सुरक्षा पर तस्करी और जालसाजी का गंभीर प्रभाव पड़ता है। तस्करी, विशेष रूप से ड्रग्स, हथियार, और मानव तस्करी, अपराधियों को धन और संसाधन प्रदान करती है, जो सुरक्षा और कानून व्यवस्था को कमजोर करती है। जालसाजी, जैसे कि फर्जी दस्तावेज और वित्तीय धोखाधड़ी, आर्थिक प्रणाली में अस्थिरता उत्पन्नRead more
भारत की आंतरिक सुरक्षा पर तस्करी और जालसाजी का गंभीर प्रभाव पड़ता है। तस्करी, विशेष रूप से ड्रग्स, हथियार, और मानव तस्करी, अपराधियों को धन और संसाधन प्रदान करती है, जो सुरक्षा और कानून व्यवस्था को कमजोर करती है। जालसाजी, जैसे कि फर्जी दस्तावेज और वित्तीय धोखाधड़ी, आर्थिक प्रणाली में अस्थिरता उत्पन्न करती है और नागरिकों की सुरक्षा को खतरे में डालती है।
हालिया कदम:
इन प्रयासों के माध्यम से भारत ने आंतरिक सुरक्षा को सुदृढ़ करने और अपराध को नियंत्रित करने के लिए ठोस कदम उठाए हैं।
See lessस्पष्ट कीजिए कि धन शोधन (मनी लॉन्ड्रिंग) के लिए शेल कंपनियों का उपयोग कैसे किया जाता है। इस संदर्भ में, शेल कंपनियों के उपयोग को रोकने के लिए उठाए गए कदमों पर चर्चा कीजिए। (150 शब्दों में उत्तर दीजिए)
धन शोधन (मनी लॉन्ड्रिंग) में शेल कंपनियों का उपयोग करना एक सामान्य रणनीति है। शेल कंपनियां ऐसी फर्में होती हैं जिनके पास वास्तविक संचालन या गतिविधियां नहीं होती हैं, लेकिन कानूनी रूप से मौजूद रहती हैं। अपराधी इन कंपनियों का उपयोग संदिग्ध वित्तीय लेन-देन छिपाने, नकली लेन-देन करने और अपराध से अर्जित धRead more
धन शोधन (मनी लॉन्ड्रिंग) में शेल कंपनियों का उपयोग करना एक सामान्य रणनीति है। शेल कंपनियां ऐसी फर्में होती हैं जिनके पास वास्तविक संचालन या गतिविधियां नहीं होती हैं, लेकिन कानूनी रूप से मौजूद रहती हैं। अपराधी इन कंपनियों का उपयोग संदिग्ध वित्तीय लेन-देन छिपाने, नकली लेन-देन करने और अपराध से अर्जित धन को वैध दिखाने के लिए करते हैं। शेल कंपनियों के माध्यम से, वे धन को अलग-अलग खातों और देशों में ट्रांसफर कर सकते हैं, जिससे उसकी उत्पत्ति को छिपाना आसान हो जाता है।
शेल कंपनियों के उपयोग को रोकने के लिए उठाए गए कदम:
इन कदमों के माध्यम से, शेल कंपनियों के माध्यम से धन शोधन को रोकने और वित्तीय प्रणाली की पारदर्शिता को बढ़ावा देने का प्रयास किया जा रहा है।
See lessभारतीय सुरक्षा बलों को अधिक सशक्त कैसे बनाया जा सकता है? अपने सुझाव दीजिये । (125 Words) [UPPSC 2023]
भारतीय सुरक्षा बलों को अधिक सशक्त बनाने के सुझाव आधुनिकीकरण और उपकरण: सुरक्षा बलों को उन्नत तकनीकी उपकरण और आधुनिक हथियारों से लैस किया जाना चाहिए। उदाहरण के तौर पर, स्वदेशी रक्षा उत्पादों जैसे AK-203 राइफल्स का समावेश किया गया है। प्रशिक्षण और क्षमता विकास: सुपीरियर प्रशिक्षण कार्यक्रम और स्नायु केRead more
भारतीय सुरक्षा बलों को अधिक सशक्त बनाने के सुझाव
हालिया उदाहरण: 2023 में, भारत ने थल सेना के लिए नई ‘अत्याधुनिक टैंक’ और ‘ड्रोन’ प्रौद्योगिकी का विकास किया है, जो सुरक्षा बलों की ताकत को और बढ़ा रहा है।
See lessसाइबर अपराधों से देश की सुरक्षा को बड़ा खतरा है। इन अपराधों से देश को कैसे बचाया जा सकता है ? (125 Words) [UPPSC 2023]
साइबर अपराधों से देश की सुरक्षा को बचाने के उपाय साइबर सुरक्षा नीतियाँ: सुदृढ़ साइबर सुरक्षा नीतियों और मानकों का निर्माण करना आवश्यक है। इसके तहत डेटा सुरक्षा कानून और साइबर सुरक्षा प्रोटोकॉल लागू किए जाने चाहिए। तकनीकी समाधान: आधुनिक एंटी-मैलवेयर सॉफ़्टवेयर और फ़ायरवॉल का उपयोग सुनिश्चित करना चाहिRead more
साइबर अपराधों से देश की सुरक्षा को बचाने के उपाय
हालिया उदाहरण: 2023 में, भारतीय सरकार ने साइबर सुरक्षा पर एक नई रणनीति जारी की, जिसमें देश की साइबर सुरक्षा ढांचे को मजबूत करने और संवेदनशील डेटा को सुरक्षित करने के उपाय शामिल हैं।
See lessमनी लॉन्ड्रिंग और कर अपराधों के बीच समानताएं तथा तालमेल होने के बावजूद, कर अपराधों से निपटने के लिए एंटी-मनी लॉन्ड्रिंग (AML) उपायों का प्रयोग राजनीतिक, कानूनी एवं साथ ही परिचालन संबंधी चुनौतियां प्रस्तुत करता है। विवेचना कीजिए।(250 शब्दों में उत्तर दें)
मनी लॉन्ड्रिंग और कर अपराधों के बीच महत्वपूर्ण समानताएं हैं, क्योंकि दोनों गतिविधियां अवैध रूप से अर्जित धन को छुपाने या इसके स्रोत को वैध दिखाने की कोशिश करती हैं। कर अपराधों से निपटने के लिए एंटी-मनी लॉन्ड्रिंग (AML) उपायों का उपयोग करना एक तार्किक कदम लगता है, लेकिन यह कई राजनीतिक, कानूनी, और परिRead more
मनी लॉन्ड्रिंग और कर अपराधों के बीच महत्वपूर्ण समानताएं हैं, क्योंकि दोनों गतिविधियां अवैध रूप से अर्जित धन को छुपाने या इसके स्रोत को वैध दिखाने की कोशिश करती हैं। कर अपराधों से निपटने के लिए एंटी-मनी लॉन्ड्रिंग (AML) उपायों का उपयोग करना एक तार्किक कदम लगता है, लेकिन यह कई राजनीतिक, कानूनी, और परिचालन संबंधी चुनौतियों को प्रस्तुत करता है।
राजनीतिक चुनौतियां: एएमएल उपायों का प्रयोग करते समय राजनीतिक इच्छाशक्ति की कमी एक बड़ी समस्या हो सकती है। कुछ मामलों में, उच्च-स्तरीय राजनीतिक हस्तियों या व्यापारिक समूहों की भागीदारी होती है, जिनका प्रभाव एएमएल के कार्यान्वयन पर पड़ सकता है। इस तरह के हस्तक्षेप से कानून का प्रभावी प्रवर्तन बाधित हो सकता है।
कानूनी चुनौतियां: कर अपराध और मनी लॉन्ड्रिंग के लिए अलग-अलग कानूनी ढांचे होते हैं। एएमएल कानूनों का विस्तार कर अपराधों पर करने से अधिकार क्षेत्र की अस्पष्टता उत्पन्न हो सकती है। उदाहरण के लिए, किसी देश के घरेलू कर कानूनों का उल्लंघन अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मनी लॉन्ड्रिंग की परिभाषा में नहीं आ सकता, जिससे कानूनी प्रवर्तन में जटिलता उत्पन्न हो सकती है।
परिचालन संबंधी चुनौतियां: एएमएल उपायों का प्रभावी कार्यान्वयन जटिल और महंगा होता है। इसमें बैंकिंग और वित्तीय संस्थानों को संदिग्ध लेनदेन की निगरानी और रिपोर्टिंग करने की आवश्यकता होती है, जो परिचालनिक दृष्टिकोण से चुनौतीपूर्ण हो सकता है। इसके अलावा, कर अपराधों की प्रकृति जटिल हो सकती है, जिससे एएमएल उपायों को उन पर लागू करना और भी कठिन हो जाता है।
इन चुनौतियों के बावजूद, कर अपराधों से निपटने के लिए एएमएल उपायों को प्रभावी ढंग से लागू करने के लिए बहुआयामी दृष्टिकोण की आवश्यकता है, जिसमें राजनीतिक प्रतिबद्धता, स्पष्ट कानूनी ढांचा, और मजबूत परिचालनिक क्षमता शामिल होनी चाहिए।
See lessभारत में वामपंथी उग्रवाद (LWE) में हुई कमी में किन कारकों ने योगदान दिया है? क्या आपको लगता है कि यह कमी निकट भविष्य में LWE की समस्या के संभावित अंत का संकेत देती है?(250 शब्दों में उत्तर दें)
भारत में वामपंथी उग्रवाद (Left-Wing Extremism, LWE) में हुई कमी के पीछे कई महत्वपूर्ण कारक हैं। सबसे पहले, सरकार द्वारा उठाए गए कड़े सुरक्षा उपायों ने इस समस्या पर काबू पाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। केंद्रीय और राज्य पुलिस बलों के बीच बेहतर समन्वय, खुफिया जानकारी का प्रभावी उपयोग, और आधुनिक तRead more
भारत में वामपंथी उग्रवाद (Left-Wing Extremism, LWE) में हुई कमी के पीछे कई महत्वपूर्ण कारक हैं। सबसे पहले, सरकार द्वारा उठाए गए कड़े सुरक्षा उपायों ने इस समस्या पर काबू पाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। केंद्रीय और राज्य पुलिस बलों के बीच बेहतर समन्वय, खुफिया जानकारी का प्रभावी उपयोग, और आधुनिक तकनीक का अपनाना LWE के खिलाफ अभियान में मददगार साबित हुआ है।
दूसरा, सरकार द्वारा आदिवासी और पिछड़े क्षेत्रों में विकास कार्यों पर ध्यान केंद्रित करना भी एक प्रमुख कारक है। सड़क निर्माण, शिक्षा, स्वास्थ्य सेवाओं और आजीविका के साधनों में सुधार ने इन क्षेत्रों में लोगों के जीवन को बेहतर बनाया है। इससे स्थानीय जनता का समर्थन उग्रवादियों से हटकर सरकार की ओर स्थानांतरित हुआ है।
तीसरा, उग्रवादियों के आत्मसमर्पण को प्रोत्साहित करने के लिए सरकार द्वारा चलाए गए पुनर्वास कार्यक्रम भी इस कमी में योगदानकारी रहे हैं। इन कार्यक्रमों ने उग्रवादियों को मुख्यधारा में वापस लाने और समाज के पुनर्निर्माण में शामिल होने के लिए प्रेरित किया है।
हालांकि, यह कहना कि LWE की समस्या का निकट भविष्य में पूरी तरह से अंत हो जाएगा, शायद समयपूर्व होगा। LWE का प्रभाव भले ही घट रहा हो, लेकिन इसके जड़ें अभी भी कई क्षेत्रों में मौजूद हैं। सरकार को सतत् विकास, सामाजिक न्याय, और सुरक्षा बलों के प्रभावी संचालन को बनाए रखना होगा ताकि LWE का प्रभाव पूरी तरह समाप्त हो सके। निकट भविष्य में LWE की समस्या को समाप्त करने के लिए यह आवश्यक है कि सरकार अपनी रणनीति में निरंतरता बनाए रखे और नए उभरते खतरों के प्रति सतर्क रहे।
See lessआंतरिक सुरक्षा में मीडिया तथा सोशल नेटवर्किंग की भूमिका महत्वपूर्ण है। विश्लेषण कीजिये। (125 Words) [UPPSC 2021]
आंतरिक सुरक्षा में मीडिया और सोशल नेटवर्किंग की भूमिका 1. सूचना प्रसार: मीडिया और सोशल नेटवर्किंग प्लेटफार्म्स त्वरित सूचना प्रसार में सहायक होते हैं। ये प्लेटफार्म्स सार्वजनिक जागरूकता और सुरक्षा चेतावनियाँ फैलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। 2. सार्वजनिक निगरानी: सामाजिक मीडिया पर गतिविधियोंRead more
आंतरिक सुरक्षा में मीडिया और सोशल नेटवर्किंग की भूमिका
1. सूचना प्रसार:
2. सार्वजनिक निगरानी:
3. सूचना और दुष्प्रचार:
4. सुरक्षा बलों के सहयोग:
निष्कर्ष: मीडिया और सोशल नेटवर्किंग आंतरिक सुरक्षा के लिए सूचना प्रसार और सार्वजनिक निगरानी में महत्वपूर्ण हैं, लेकिन दुष्प्रचार और भ्रामक जानकारी से बचाव के लिए सतर्कता भी आवश्यक है।
See lessस्वतंत्रता के उपरान्त पूर्वोत्तर भारत में व्याप्त विद्रोह की स्थिति को विस्तार से समझाइये । (200 Words) [UPPSC 2022]
स्वतंत्रता के उपरान्त पूर्वोत्तर भारत में विद्रोह की स्थिति 1. सांस्कृतिक और ऐतिहासिक पृष्ठभूमि: विविधता: पूर्वोत्तर भारत में सांस्कृतिक और भाषाई विविधता ने अलगाववाद को बढ़ावा दिया। इस क्षेत्र में कई आदिवासी और जातीय समूह रहते हैं, जिनकी भाषा और संस्कृति अलग है। 2. आर्थिक और सामाजिक असमानता: विकास कRead more
स्वतंत्रता के उपरान्त पूर्वोत्तर भारत में विद्रोह की स्थिति
1. सांस्कृतिक और ऐतिहासिक पृष्ठभूमि:
2. आर्थिक और सामाजिक असमानता:
3. विद्रोही आंदोलन:
4. केंद्र-राज्य संबंध:
5. शांति प्रयास:
निष्कर्ष: स्वतंत्रता के बाद पूर्वोत्तर भारत में विद्रोह की स्थिति आर्थिक असमानता, सांस्कृतिक भिन्नता, और राजनीतिक असंतोष के कारण उत्पन्न हुई। इसके समाधान के लिए केंद्र-राज्य समन्वय, शांति वार्ताएं, और विकासात्मक प्रयास आवश्यक हैं।
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