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आतंकावाद और भ्रष्टाचार किसी देश की आन्तरिक सुरक्षा को बाधित करते हैं। समीक्षा कीजिये। (200 Words) [UPPSC 2021]
आतंकवाद और भ्रष्टाचार किसी भी देश की आन्तरिक सुरक्षा को गंभीर रूप से प्रभावित करते हैं। आतंकवाद: स्थिरता में बाधा: आतंकवादी गतिविधियाँ समाज में भय और असुरक्षा फैला देती हैं, जिससे सामान्य जीवन अस्त-व्यस्त हो जाता है और सरकारी संस्थाओं पर जनता का विश्वास कमजोर होता है। हाल का उदाहरण: कश्मीर में 2023Read more
आतंकवाद और भ्रष्टाचार किसी भी देश की आन्तरिक सुरक्षा को गंभीर रूप से प्रभावित करते हैं।
आतंकवाद:
भ्रष्टाचार:
निष्कर्ष: आतंकवाद और भ्रष्टाचार दोनों आन्तरिक सुरक्षा को गंभीर रूप से प्रभावित करते हैं, जिससे राष्ट्रीय स्थिरता और सार्वजनिक विश्वास कमजोर होता है। इन समस्याओं का प्रभावी समाधान आन्तरिक सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए अनिवार्य है।
See lessविभिन्न प्रकार के साइबर अपराधों के बारे में बताइये। आप अपने को साइबर अपराधों से कैसे सुरक्षित रख सकते हैं? (200 Words) [UPPSC 2021]
साइबर अपराधों के प्रकार फ़िशिंग (Phishing): यह धोखाधड़ी की एक विधि है जिसमें साइबर अपराधी संवेदनशील जानकारी प्राप्त करने के लिए धोखाधड़ी वाले ईमेल या वेबसाइट का उपयोग करते हैं। हाल का उदाहरण: 2023 में भारतीय बैंकों पर हुए फ़िशिंग हमले, जिसमें अपराधियों ने बैंक अधिकारियों के रूप में पहचान बनाई और व्यRead more
साइबर अपराधों के प्रकार
साइबर अपराधों से सुरक्षा के उपाय
इन उपायों को अपनाकर आप अपनी डिजिटल सुरक्षा को बेहतर बना सकते हैं और साइबर अपराधों से खुद को सुरक्षित रख सकते हैं।
See lessभारत की रक्षा आवश्यकताओं को दृष्टिगत रखते हुये भारत सरकार की 'अग्मिवीर' योजना का विश्लेषण कीजिए । (125 Words) [UPPSC 2022]
भारत सरकार की 'अग्निवीर' योजना: विश्लेषण 'अग्निवीर' योजना (2022) भारतीय सशस्त्र बलों में युवाओं को 4 वर्ष के अनुबंध पर भर्ती करने की योजना है। यह योजना रक्षा बलों की युवा शक्ति और आधुनिक प्रौद्योगिकी के साथ तैनाती की दक्षता को बढ़ाने का प्रयास है। विश्लेषण: रोजगार और बजट: योजना लंबी अवधि की पेंशन औरRead more
भारत सरकार की ‘अग्निवीर’ योजना: विश्लेषण
‘अग्निवीर’ योजना (2022) भारतीय सशस्त्र बलों में युवाओं को 4 वर्ष के अनुबंध पर भर्ती करने की योजना है। यह योजना रक्षा बलों की युवा शक्ति और आधुनिक प्रौद्योगिकी के साथ तैनाती की दक्षता को बढ़ाने का प्रयास है।
विश्लेषण:
चुनौतियाँ:
संक्षेप में, ‘अग्निवीर’ योजना भारत की रक्षा आवश्यकताओं के अनुरूप एक आधुनिक और वित्तीय दृष्टि से उपयुक्त भर्ती प्रणाली है, लेकिन इसके प्रभावी कार्यान्वयन के लिए समुचित प्रबंधन की आवश्यकता है।
See lessस्पेशल फ्रंटियर फोर्स के अधिदेश पर चर्चा कीजिए। भारत की सुरक्षा सुनिश्चित करने में इसकी क्या उपलब्धियां रही हैं?(150 शब्दों में उत्तर दें)
स्पेशल फ्रंटियर फोर्स (SFF) भारत की विशेष सैन्य इकाई है, जिसे मुख्य रूप से उच्च-ऊंचाई वाले और कठिन भौगोलिक क्षेत्रों में संचालन के लिए स्थापित किया गया था। इसके अधिदेश में विशेष ऑपरेशंस, खुफिया एकत्रण, और सीमाओं की सुरक्षा शामिल है, विशेषकर तिब्बत और चीन के साथ सीमा क्षेत्रों में। SFF की प्रमुख उपलबRead more
स्पेशल फ्रंटियर फोर्स (SFF) भारत की विशेष सैन्य इकाई है, जिसे मुख्य रूप से उच्च-ऊंचाई वाले और कठिन भौगोलिक क्षेत्रों में संचालन के लिए स्थापित किया गया था। इसके अधिदेश में विशेष ऑपरेशंस, खुफिया एकत्रण, और सीमाओं की सुरक्षा शामिल है, विशेषकर तिब्बत और चीन के साथ सीमा क्षेत्रों में।
SFF की प्रमुख उपलब्धियों में 1962 के भारत-चीन युद्ध के दौरान, कठिन पर्वतीय क्षेत्रों में लड़ाई में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका रही है। इसके अलावा, सर्जिकल स्ट्राइक और अन्य आतंकवादी कार्रवाइयों में SFF ने उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है। उनकी प्रशिक्षण और युद्धकौशल ने उन्हें कठिन परिस्थितियों में प्रभावी बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
SFF की रणनीतिक क्षमताएं और गुप्त संचालन भारत की सुरक्षा और रक्षा रणनीति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं, जिससे सीमावर्ती क्षेत्रों में सुरक्षा सुनिश्चित होती है।
See lessअदृश्य युद्ध (इनविजिबल वारफेयर) से आप क्या समझते हैं? भारत की सुरक्षा के समक्ष इससे उत्पन्न होने वाली चुनौतियों पर चर्चा कीजिए और इस संबंध में उठाए गए कदमों का उल्लेख कीजिए। (250 शब्दों में उत्तर दीजिए)
अदृश्य युद्ध (इनविजिबल वारफेयर) से तात्पर्य उन प्रकार के संघर्षों से है जो पारंपरिक सैन्य टकराव की बजाय गैर-संवैधानिक और अनदेखे तरीकों से लड़े जाते हैं। इसमें साइबर हमले, सूचना युद्ध, मनोवैज्ञानिक ऑपरेशंस, और अन्य अनपरंपरागत रणनीतियाँ शामिल होती हैं जो प्रत्यक्ष शारीरिक टकराव से परे होती हैं। भारत कRead more
अदृश्य युद्ध (इनविजिबल वारफेयर) से तात्पर्य उन प्रकार के संघर्षों से है जो पारंपरिक सैन्य टकराव की बजाय गैर-संवैधानिक और अनदेखे तरीकों से लड़े जाते हैं। इसमें साइबर हमले, सूचना युद्ध, मनोवैज्ञानिक ऑपरेशंस, और अन्य अनपरंपरागत रणनीतियाँ शामिल होती हैं जो प्रत्यक्ष शारीरिक टकराव से परे होती हैं।
भारत की सुरक्षा के समक्ष चुनौतियाँ:
उठाए गए कदम:
इन प्रयासों से भारत अदृश्य युद्ध की चुनौतियों का सामना कर रहा है और राष्ट्रीय सुरक्षा को मजबूत करने की दिशा में कदम उठा रहा है।
See lessथिएटराइजेशन योजनाओं के पीछे निहित तर्क का विवरण दीजिए, जिनका उद्देश्य भारत में रक्षा बलों को विशिष्ट थिएटर कमांड में एकीकृत करना है। इस संदर्भ में विद्यमान चुनौतियों पर भी चर्चा कीजिए। (150 शब्दों में उत्तर दीजिए)
थिएटराइजेशन योजनाओं का उद्देश्य भारत में रक्षा बलों को विशिष्ट थिएटर कमांड में एकीकृत करना है ताकि सामरिक दक्षता और समन्वय में सुधार हो सके। यह दृष्टिकोण सैन्य संचालन को क्षेत्रीय आधार पर संरेखित करता है, जिससे त्वरित प्रतिक्रिया और बेहतर समन्वय सुनिश्चित होता है। प्रत्येक थिएटर कमांड विशिष्ट भौगोलिRead more
थिएटराइजेशन योजनाओं का उद्देश्य भारत में रक्षा बलों को विशिष्ट थिएटर कमांड में एकीकृत करना है ताकि सामरिक दक्षता और समन्वय में सुधार हो सके। यह दृष्टिकोण सैन्य संचालन को क्षेत्रीय आधार पर संरेखित करता है, जिससे त्वरित प्रतिक्रिया और बेहतर समन्वय सुनिश्चित होता है। प्रत्येक थिएटर कमांड विशिष्ट भौगोलिक क्षेत्र और उसके सुरक्षा परिदृश्य के अनुसार कार्य करेगा, जिससे संसाधनों का प्रभावी प्रबंधन और रणनीतिक निर्णय लेना आसान होगा।
हालांकि, इस योजना के कार्यान्वयन में कई चुनौतियाँ हैं। विभिन्न सेवा शाखाओं के बीच समन्वय की कमी, विभिन्न संस्कृतियों और संचालन की विशेषताओं का अंतर, और बड़े पैमाने पर प्रशासनिक परिवर्तन कुछ प्रमुख चुनौतियाँ हैं। इसके अतिरिक्त, मौजूदा संरचनात्मक बदलाव और प्रशिक्षण के लिए समय और संसाधनों की आवश्यकता होती है, जो योजना के सफल कार्यान्वयन में बाधक हो सकते हैं।
See lessअसम राइफल्स को पूर्वोत्तर भारत में सीमा प्रबंधन और उग्रवाद से निपटने में किन चुनौतियों का सामना करना पड़ता है? चर्चा कीजिए कि कैसे इन चुनौतियों के समाधान हेतु इस बल के फोकस में बदलाव की आवश्यकता है। (150 शब्दों में उत्तर दीजिए)
असम राइफल्स को पूर्वोत्तर भारत में सीमा प्रबंधन और उग्रवाद से निपटने में कई महत्वपूर्ण चुनौतियों का सामना करना पड़ता है: भौगोलिक कठिनाइयाँ: पर्वतीय और घने जंगलों से भरे इलाकों में गश्त और निगरानी कठिन होती है। उग्रवाद: क्षेत्र में विभिन्न उग्रवादी समूह सक्रिय हैं, जिनके खिलाफ सामरिक और प्रशासनिक दृषRead more
असम राइफल्स को पूर्वोत्तर भारत में सीमा प्रबंधन और उग्रवाद से निपटने में कई महत्वपूर्ण चुनौतियों का सामना करना पड़ता है:
भौगोलिक कठिनाइयाँ: पर्वतीय और घने जंगलों से भरे इलाकों में गश्त और निगरानी कठिन होती है।
उग्रवाद: क्षेत्र में विभिन्न उग्रवादी समूह सक्रिय हैं, जिनके खिलाफ सामरिक और प्रशासनिक दृष्टिकोण से संघर्ष करना चुनौतीपूर्ण है।
स्थानीय जनसंख्या का सहयोग: स्थानीय समुदायों के साथ संबंधों का प्रबंधन और उनके सहयोग की प्राप्ति कठिन होती है।
इन चुनौतियों के समाधान हेतु असम राइफल्स को अपने फोकस में बदलाव की आवश्यकता है:
सामुदायिक सगाई: स्थानीय समुदायों के साथ बेहतर संवाद और सहयोग स्थापित कर उग्रवादियों की गतिविधियों की रोकथाम की जा सकती है।
See lessप्रौद्योगिकी का उपयोग: आधुनिक निगरानी और संचार उपकरणों का उपयोग करके सीमा प्रबंधन को प्रभावी बनाया जा सकता है।
समन्वय और प्रशिक्षण: उग्रवाद से निपटने के लिए व्यापक प्रशिक्षण और बेहतर समन्वय की आवश्यकता है, जिससे बल की दक्षता में सुधार हो सके।
आतंकवाद के वित्तपोषण पर अंकुश लगाने हेतु किए गए अनेक प्रयासों के बावजूद अंतर्राष्ट्रीय समुदाय के लिए यह एक मुख्य चुनौती बना हुआ है। चर्चा कीजिए। (250 शब्दों में उत्तर दीजिए)
आतंकवाद के वित्तपोषण पर अंकुश लगाना अंतर्राष्ट्रीय समुदाय के लिए एक गंभीर चुनौती बनी हुई है, चाहे इसके लिए कितने भी प्रयास किए गए हों। आतंकवाद को आर्थिक सहायता मिलना, आतंकवादी संगठनों के लिए जीवन रेखा के समान है। यह उन्हें हथियार खरीदने, नई भर्ती करने और प्रचार-प्रसार करने में सक्षम बनाता है। पहला बRead more
आतंकवाद के वित्तपोषण पर अंकुश लगाना अंतर्राष्ट्रीय समुदाय के लिए एक गंभीर चुनौती बनी हुई है, चाहे इसके लिए कितने भी प्रयास किए गए हों। आतंकवाद को आर्थिक सहायता मिलना, आतंकवादी संगठनों के लिए जीवन रेखा के समान है। यह उन्हें हथियार खरीदने, नई भर्ती करने और प्रचार-प्रसार करने में सक्षम बनाता है।
पहला बड़ा प्रयास संयुक्त राष्ट्र द्वारा किया गया, जिसमें अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय प्रणाली की निगरानी और सुधार हेतु कई संधियाँ और समझौते किए गए। इनमें FATF (Financial Action Task Force) जैसी संस्थाओं का गठन हुआ, जो देशों को आतंकवाद के वित्तपोषण के खिलाफ कठोर कदम उठाने के लिए प्रेरित करती हैं। इन संगठनों ने नियमों को लागू करने के लिए बैंकों और वित्तीय संस्थानों को कड़े निर्देश दिए हैं।
हालांकि, इसके बावजूद आतंकवाद का वित्तपोषण जारी है, और इसका प्रमुख कारण आतंकवादियों के लिए उपलब्ध कई वैकल्पिक वित्तपोषण स्रोत हैं। अवैध व्यापार, जबरन वसूली, अपहरण, और ड्रग्स की तस्करी जैसे अवैध तरीकों से भी आतंकवादी संगठनों को धन मिलता है। इसके अलावा, कुछ देश या संगठन भी अपने राजनीतिक या धार्मिक एजेंडा के तहत इन्हें गुप्त रूप से समर्थन प्रदान करते हैं।
तकनीकी और डिजिटल वित्तीय प्रणालियों का दुरुपयोग भी एक बड़ी चुनौती है। क्रिप्टोकरेंसी और अन्य डिजिटल माध्यमों के माध्यम से आतंकवादी संगठन धन हस्तांतरित कर सकते हैं, जिससे वित्तीय निगरानी और भी कठिन हो जाती है।
अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को इन चुनौतियों से निपटने के लिए अधिक सहयोग, तकनीकी नवाचार, और सख्त निगरानी की आवश्यकता है। साथ ही, वैश्विक स्तर पर समन्वित प्रयास और कानूनों का कठोर क्रियान्वयन ही इस समस्या का समाधान हो सकता है।
See lessभारत ने अपनी भू-स्थानिक क्षमताओं को बढ़ावा देने के लिए अनेक उपाय किए हैं। इस संदर्भ में, भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा को बनाए रखने में भू-स्थानिक डेटा और संबद्ध तकनीकों के महत्व पर चर्चा कीजिए। (250 शब्दों में उत्तर दीजिए)
भारत ने अपनी राष्ट्रीय सुरक्षा को बनाए रखने के लिए भू-स्थानिक क्षमताओं को बढ़ावा देने के कई महत्वपूर्ण उपाय किए हैं। भू-स्थानिक डेटा और संबंधित तकनीकों का महत्व राष्ट्रीय सुरक्षा में अनिवार्य भूमिका निभाता है: सटीक निगरानी और खुफिया संग्रहण: भू-स्थानिक डेटा, जैसे उपग्रह इमेजरी और रिमोट सेंसिंग, सुरकRead more
भारत ने अपनी राष्ट्रीय सुरक्षा को बनाए रखने के लिए भू-स्थानिक क्षमताओं को बढ़ावा देने के कई महत्वपूर्ण उपाय किए हैं। भू-स्थानिक डेटा और संबंधित तकनीकों का महत्व राष्ट्रीय सुरक्षा में अनिवार्य भूमिका निभाता है:
भू-स्थानिक तकनीकों की चुनौतियाँ:
इन उपायों के साथ, भारत अपनी राष्ट्रीय सुरक्षा को मजबूत करने और उभरते खतरों का प्रभावी ढंग से सामना करने में सक्षम है। भू-स्थानिक तकनीकों के सही उपयोग से, सुरक्षा बल बेहतर योजना, निगरानी, और त्वरित प्रतिक्रिया सुनिश्चित कर सकते हैं।
See lessभारत की लंबी तटरेखा तटीय सुरक्षा को भारत की सुरक्षा संरचना का एक अनिवार्य हिस्सा बनाती है। चर्चा कीजिए। साथ ही, भारत की वर्तमान तटीय सुरक्षा संरचना में विद्यमान कमियों को भी उजागर कीजिए। (250 शब्दों में उत्तर दीजिए)
भारत की लंबी तटरेखा—लगभग 7,517 किलोमीटर—देश की सुरक्षा संरचना में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। इसकी विस्तृत तटीय सीमा विभिन्न सुरक्षा चुनौतियों का सामना करती है, जैसे कि समुद्री आतंकवाद, तस्करी, अवैध प्रवासन, और अन्य सुरक्षा खतरों। तटीय सुरक्षा का महत्व: समुद्री आतंकवाद और सुरक्षा खतरे: भारतीय तटRead more
भारत की लंबी तटरेखा—लगभग 7,517 किलोमीटर—देश की सुरक्षा संरचना में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। इसकी विस्तृत तटीय सीमा विभिन्न सुरक्षा चुनौतियों का सामना करती है, जैसे कि समुद्री आतंकवाद, तस्करी, अवैध प्रवासन, और अन्य सुरक्षा खतरों।
तटीय सुरक्षा का महत्व:
वर्तमान तटीय सुरक्षा संरचना की कमियाँ:
इन कमियों को दूर करने के लिए, भारत को तटीय सुरक्षा को एकीकृत दृष्टिकोण से देखना होगा, जिसमें बेहतर तकनीकी उपकरण, समन्वयात्मक प्रयास, और संसाधनों की वृद्धि शामिल है। तटीय निगरानी, समन्वय और सूचना साझा करने की प्रक्रियाओं को सुधारने से भारत अपनी तटरेखा को अधिक सुरक्षित और प्रभावी तरीके से संरक्षित कर सकेगा।
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