अदृश्य युद्ध (इनविजिबल वारफेयर) से आप क्या समझते हैं? भारत की सुरक्षा के समक्ष इससे उत्पन्न होने वाली चुनौतियों पर चर्चा कीजिए और इस संबंध में उठाए गए कदमों का उल्लेख कीजिए। (250 शब्दों में उत्तर दीजिए)
वामपंथी उग्रवाद और सुधारक रणनीतियाँ: मल्कानगिरि और नक्सलबाड़ी के संदर्भ में 1. पृष्ठभूमि: विकास अभियान और विलगन: पिछड़े क्षेत्रों में बड़े उद्योगों के विकास के प्रयासों ने जनजातीय लोगों और किसानों को विस्थापित किया है, जिससे उनके सामाजिक और आर्थिक जीवन में संकट आया है। यह स्थिति वामपंथी उग्रवाद (LWERead more
वामपंथी उग्रवाद और सुधारक रणनीतियाँ: मल्कानगिरि और नक्सलबाड़ी के संदर्भ में
1. पृष्ठभूमि:
- विकास अभियान और विलगन: पिछड़े क्षेत्रों में बड़े उद्योगों के विकास के प्रयासों ने जनजातीय लोगों और किसानों को विस्थापित किया है, जिससे उनके सामाजिक और आर्थिक जीवन में संकट आया है। यह स्थिति वामपंथी उग्रवाद (LWE) को बढ़ावा देती है, जैसे कि मल्कानगिरि (ओडिशा) और नक्सलबाड़ी (पश्चिम बंगाल) में देखा गया है।
2. मल्कानगिरि और नक्सलबाड़ी का प्रभाव:
- मल्कानगिरि: ओडिशा का यह जिला उग्रवाद का एक प्रमुख केंद्र है, जहां विकास परियोजनाओं की वजह से जनजातीय समुदायों का विस्थापन हुआ है। इन परियोजनाओं की कमी के कारण बुनियादी सुविधाओं का अभाव और सामाजिक अवसाद बढ़ गया है।
- नक्सलबाड़ी: पश्चिम बंगाल का यह क्षेत्र नक्सली आंदोलन का गढ़ है, जो भूमि अधिकारों और गरीबी जैसे मुद्दों से उत्पन्न हुआ है। स्थानीय लोगों की समस्याओं का समाधान न होने के कारण इन आंदोलनों को बढ़ावा मिला है।
3. सुधारक रणनीतियाँ:
a. समावेशी विकास:
- स्थानीय भागीदारी: विकास योजनाओं में स्थानीय समुदायों को शामिल करें ताकि उनकी आवश्यकताओं और अधिकारों का सम्मान किया जा सके। उदाहरण के तौर पर, नरेगा (MGNREGA) कार्यक्रम स्थानीय लोगों को रोजगार प्रदान करने में सहायक हो सकता है।
- स्थायी प्रथाएँ: पर्यावरणीय और सामाजिक प्रभावों को न्यूनतम करने के लिए स्थायी विकास प्रथाओं को अपनाएं। जैसे कि उद्यमिता के लिए प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम (PMEGP)।
b. सामाजिक और आर्थिक एकीकरण:
- बुनियादी ढांचे का विकास: दूरदराज और जनजातीय क्षेत्रों में सड़क, स्कूल, और स्वास्थ्य सुविधाओं का सुधार करें। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (PMGSY) के तहत सड़क निर्माण इसका उदाहरण है।
- जीविका समर्थन: विस्थापित व्यक्तियों के लिए वैकल्पिक जीविका और व्यावसायिक प्रशिक्षण प्रदान करें। दीन दयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल योजना (DDU-GKY) इस दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है।
c. सुरक्षा और शासन:
- सुरक्षा उपाय: सुरक्षा बलों की कार्रवाई को समुदाय के अनुकूल बनाएं और भारी-भरकम तरीकों से बचें। स्थानीय नेताओं और बुद्धिजीवियों के साथ सहयोग करें।
- गुणवत्ता शासन: पारदर्शी और उत्तरदायी प्रशासन सुनिश्चित करें। वामपंथी उग्रवाद पर मंत्रियों की समिति की रिपोर्ट के अनुसार, शासन सुधारों की आवश्यकता है।
d. पुनर्वास और पुनर्स्थापन:
- पुनर्वास योजनाएं: विस्थापितों के लिए व्यापक पुनर्वास योजनाएं तैयार करें, जिसमें उचित मुआवजा, भूमि अधिकार, और नई बस्तियों में सहायक सुविधाएं शामिल हों।
- सामुदायिक विकास कार्यक्रम: शिक्षा, स्वास्थ्य, और आर्थिक सशक्तिकरण पर ध्यान केंद्रित करने वाले कार्यक्रमों की शुरुआत करें। प्रधानमंत्री ग्राम विकास योजना इसका एक उदाहरण हो सकती है।
4. हाल के उदाहरण:
- ओडिशा की पहल: ओडिशा ने जनजातीय समुदायों के विकास और समावेश के लिए कई कार्यक्रम शुरू किए हैं, जैसे कि राजीव गांधी पंचायत सशक्तिकरण योजना।
- छत्तीसगढ़ की पहल: छत्तीसगढ़ ने स्थानीय बुनियादी ढांचे में सुधार और विस्थापितों के लिए सहायता प्रदान करने के लिए कई योजनाएं शुरू की हैं।
निष्कर्ष: वामपंथी उग्रवाद से निपटने के लिए एक समग्र दृष्टिकोण की आवश्यकता है, जिसमें समावेशी विकास, सामाजिक और आर्थिक एकीकरण, बेहतर शासन, और प्रभावी पुनर्वास योजनाएं शामिल हों। इन रणनीतियों के माध्यम से प्रभावित समुदायों को मुख्यधारा में लाने में मदद मिल सकती है और उग्रवाद को कम किया जा सकता है।
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अदृश्य युद्ध (इनविजिबल वारफेयर) से तात्पर्य उन प्रकार के संघर्षों से है जो पारंपरिक सैन्य टकराव की बजाय गैर-संवैधानिक और अनदेखे तरीकों से लड़े जाते हैं। इसमें साइबर हमले, सूचना युद्ध, मनोवैज्ञानिक ऑपरेशंस, और अन्य अनपरंपरागत रणनीतियाँ शामिल होती हैं जो प्रत्यक्ष शारीरिक टकराव से परे होती हैं। भारत कRead more
अदृश्य युद्ध (इनविजिबल वारफेयर) से तात्पर्य उन प्रकार के संघर्षों से है जो पारंपरिक सैन्य टकराव की बजाय गैर-संवैधानिक और अनदेखे तरीकों से लड़े जाते हैं। इसमें साइबर हमले, सूचना युद्ध, मनोवैज्ञानिक ऑपरेशंस, और अन्य अनपरंपरागत रणनीतियाँ शामिल होती हैं जो प्रत्यक्ष शारीरिक टकराव से परे होती हैं।
भारत की सुरक्षा के समक्ष चुनौतियाँ:
उठाए गए कदम:
इन प्रयासों से भारत अदृश्य युद्ध की चुनौतियों का सामना कर रहा है और राष्ट्रीय सुरक्षा को मजबूत करने की दिशा में कदम उठा रहा है।
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