सीमा पार से शत्रुओं द्वारा हथियार /गोला-बारूद, ड्रग्स आदि मानवरहित हवाई वाहनों (यू० ए० वी०) की मदद से पहुँचाया जाना हमारी सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा है। इस खतरे से निपटने के लिए किए जा रहे उपायों पर टिप्पणी कीजिए। ...
आई.एस.आई.एस. और इसका ध्येय 1. आई.एस.आई.एस. क्या है? आई.एस.आई.एस. (इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक एंड सीरिया): यह एक कट्टरपंथी सुन्नी आतंकवादी संगठन है, जिसे इस्लामिक स्टेट (आई.एस.) या दाेश भी कहा जाता है। यह संगठन 2014 में अबू बक्र अल-बगदादी के नेतृत्व में एक स्वयं-घोषित खलीफत की स्थापना की घोषणा की थी। 2.Read more
आई.एस.आई.एस. और इसका ध्येय
1. आई.एस.आई.एस. क्या है?
- आई.एस.आई.एस. (इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक एंड सीरिया): यह एक कट्टरपंथी सुन्नी आतंकवादी संगठन है, जिसे इस्लामिक स्टेट (आई.एस.) या दाेश भी कहा जाता है। यह संगठन 2014 में अबू बक्र अल-बगदादी के नेतृत्व में एक स्वयं-घोषित खलीफत की स्थापना की घोषणा की थी।
2. आई.एस.आई.एस. का ध्येय:
- खलीफत की स्थापना: आई.एस.आई.एस. का लक्ष्य एक वैश्विक इस्लामिक खलीफत की स्थापना करना है, जिसे अपने सख्त शरीअ कानूनों के तहत संचालित किया जाए।
- वैश्विक जिहाद: यह संगठन आतंकवाद और विद्रोह के माध्यम से अपने विचारधारा का प्रसार करता है और वर्तमान सरकारों को बदलने की कोशिश करता है।
आई.एस.आई.एस. के द्वारा उत्पन्न आंतरिक सुरक्षा के ख़तरे
1. युवा आतंकवाद में शामिल होना:
- डिजिटल प्रचार: आई.एस.आई.एस. डिजिटल मीडिया का उपयोग कर भारतीय युवाओं को उग्रवाद की ओर आकर्षित करता है। सोशल मीडिया की सुलभता और गुमनामी के कारण यह भर्ती और विचारधारा फैलाने में सक्षम होता है। उदाहरणस्वरूप, हाल ही में केरल और कर्नाटक में आई.एस.आई.एस. से जुड़े युवाओं की गिरफ्तारी ने इस खतरे को उजागर किया है।
2. आतंकी हमलों की संभावना:
- घुसपैठ और हमले: आई.एस.आई.एस. से जुड़े व्यक्ति या सेल भारत में आतंकवादी हमलों की योजना बना सकते हैं। केरल और कर्नाटक में गिरफ्तार किए गए आई.एस.आई.एस. समर्थकों ने यह दर्शाया है कि ये संगठन भारत में भी आतंकी गतिविधियों में संलग्न हो सकता है।
3. सामाजिक अशांति:
- सांप्रदायिक तनाव: आई.एस.आई.एस. के समर्थक भारतीय समाज में सांप्रदायिक तनाव और अशांति को बढ़ा सकते हैं। आतंकवादी गतिविधियों के कारण समाज में भय और अस्थिरता उत्पन्न हो सकती है।
4. सुरक्षा एजेंसियों की चुनौतियाँ:
- आतंकवाद-विरोधी उपाय: आई.एस.आई.एस. की उन्नत तकनीक और एन्क्रिप्टेड संचार की विधियाँ भारतीय सुरक्षा एजेंसियों के लिए चुनौतीपूर्ण हैं। इसके लिए उन्नत खुफिया जानकारी और उग्रवाद-विरोधी रणनीतियों की आवश्यकता है।
हाल के उदाहरण:
- केरल और कर्नाटक: इन राज्यों में आई.एस.आई.एस. से जुड़े व्यक्तियों की गिरफ्तारियों ने इसके प्रभाव को स्पष्ट किया है।
- 2019 श्रीलंका बमबारी: जबकि यह सीधे तौर पर भारत से संबंधित नहीं है, 2019 की श्रीलंका बमबारी ने आई.एस.आई.एस. की वैश्विक क्षमता को उजागर किया है और इसके संभावित प्रभाव को दर्शाया है।
निष्कर्ष: आई.एस.आई.एस. भारत की आंतरिक सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा उत्पन्न करता है, इसके कट्टरपंथी प्रचार, संभावित आतंकवादी हमलों, और सुरक्षा उपायों की चुनौती के माध्यम से। इस खतरे से निपटने के लिए सख्त निगरानी, उग्रवाद-विरोधी रणनीतियाँ, और अंतर्राष्ट्रीय सहयोग आवश्यक हैं।
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यूवी (मानवरहित हवाई वाहन) द्वारा खतरा: मानवरहित हवाई वाहन (यूवी), या ड्रोन, सीमा पार से शत्रुओं द्वारा हथियार, गोला-बारूद, और ड्रग्स की तस्करी के लिए एक गंभीर खतरा बन गए हैं। ये ड्रोन पारंपरिक सुरक्षा उपायों को обход कर सकते हैं और तस्करी के लिए प्रभावी उपकरण साबित हो रहे हैं। खतरे से निपटने के उपायRead more
यूवी (मानवरहित हवाई वाहन) द्वारा खतरा:
खतरे से निपटने के उपाय:
निष्कर्ष: यूवी द्वारा अवैध गतिविधियों का उपयोग आंतरिक सुरक्षा के लिए एक गंभीर खतरा है। उन्नत सर्विलांस, सुरक्षा प्रोटोकॉल का उन्नयन, सख्त नियम, और अंतर्राष्ट्रीय सहयोग जैसे उपाय इस खतरे को संबोधित करने और कम करने के लिए महत्वपूर्ण हैं।
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