‘लांन-वुल्फ़’ हमले आतंकवाद के नए चेहरे के रूप में विकसित हुए है तथा ये आतंकवाद का मुकाबला करने के लिए विशिष्ट चुनौतियां उत्पन्न कर रहे हैं। चर्चा कीजिए। साथ ही, इस संदर्भ में भारत की सुभेद्यताओं पर प्रकाश डालिए। (150 ...
भारत की आंतरिक सुरक्षा चिंताओं और अवैध गतिविधियों के बीच कड़ियाँ अफीम उगाने वाले राज्यों की निकटता: भारत की अफगानिस्तान और म्यांमार से निकटता, जो दुनिया के दो प्रमुख अफीम उगाने वाले क्षेत्र हैं, ने आंतरिक सुरक्षा चिंताओं को बढ़ा दिया है। इन क्षेत्रों से प्राप्त हेरोइन और अन्य नशीली दवाएं भारत में अवRead more
भारत की आंतरिक सुरक्षा चिंताओं और अवैध गतिविधियों के बीच कड़ियाँ
अफीम उगाने वाले राज्यों की निकटता:
भारत की अफगानिस्तान और म्यांमार से निकटता, जो दुनिया के दो प्रमुख अफीम उगाने वाले क्षेत्र हैं, ने आंतरिक सुरक्षा चिंताओं को बढ़ा दिया है। इन क्षेत्रों से प्राप्त हेरोइन और अन्य नशीली दवाएं भारत में अवैध व्यापार के प्रमुख स्रोत हैं।
नशीली दवाओं और बंदूक बेचने की कड़ी:
- सुरक्षा और शक्ति: ड्रग तस्कर अक्सर अपने नेटवर्क को सुरक्षित और शक्तिशाली बनाए रखने के लिए हथियारों का उपयोग करते हैं। इस प्रकार, नशीली दवाओं का व्यापार और बंदूक बेचने का व्यापार एक-दूसरे को समर्थन प्रदान करता है। उदाहरण के लिए, पूर्वोत्तर भारत में, आतंकवादी संगठनों और उग्रवादी समूहों द्वारा ड्रग और हथियारों का कारोबार किया जाता है।
नशीली दवाओं और धन विदेश भेजने की कड़ी:
- धन शोधन: ड्रग तस्करी से प्राप्त अधिकांश धन को वैध बनाने के लिए धन शोधन की प्रक्रियाओं का इस्तेमाल किया जाता है। उदाहरण के तौर पर, पंजाब में हाल ही में पकड़े गए धन शोधन के मामलों में ड्रग माफिया के लिप्त होने की पुष्टि हुई है।
नशीली दवाओं और मानव तस्करी की कड़ी:
- शोषण और मजबूरी: नशीली दवाओं के व्यापारी अक्सर मानव तस्करी का सहारा लेते हैं। पीड़ितों को श्रमिक या यौन शोषण के लिए मजबूर किया जाता है। मुंबई और दिल्ली में, मानव तस्करी नेटवर्क ड्रग तस्करी के साथ जुड़े हुए पाए गए हैं।
प्रतिरोधी उपाय
सिमित सीमा निगरानी:
- सर्विलांस में सुधार: भारत को सिमा पर निगरानी में सुधार करना चाहिए, जैसे कि सुरक्षा बलों और प्रौद्योगिकी का उपयोग करके सीमा पर अवैध गतिविधियों को रोकना। ऑपरेशन सर्ड हवा जैसे अभियानों को बढ़ावा देना चाहिए।
वित्तीय नियमन में सख्ती:
- धन शोधन विरोधी कानून: धन शोधन और आर्थिक अपराधों के खिलाफ कड़े कानूनों को लागू किया जाना चाहिए। फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) की सिफारिशों को अपनाकर वित्तीय निगरानी को सशक्त बनाना चाहिए।
आतंकवाद और बंदूक बेचने के खिलाफ कार्रवाई:
- अंतर-एजेंसी सहयोग: आतंकवाद और हथियारों के व्यापार के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय सहयोग और कानूनी प्रवर्तन को मजबूत करना चाहिए। इंटरपोल और सीआईडी के साथ सहयोग करना चाहिए।
मानव तस्करी से निपटना:
- पीड़ित सहायता कार्यक्रम: मानव तस्करी के पीड़ितों के लिए सहायता और पुनर्वास कार्यक्रम लागू करने चाहिए। राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) और एनजीओ को इस दिशा में सक्रिय भूमिका निभानी चाहिए।
अंतर्राष्ट्रीय सहयोग:
- क्रॉस-बॉर्डर सहयोग: ड्रग तस्करी, बंदूक बेचने, धन शोधन, और मानव तस्करी के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय समझौतों और सहयोग को बढ़ावा देना चाहिए। संयुक्त राष्ट्र संगठनों के साथ मिलकर काम करना चाहिए।
इन उपायों के माध्यम से भारत अपनी आंतरिक सुरक्षा को मजबूत कर सकता है और अवैध गतिविधियों के नेटवर्क को प्रभावी ढंग से तोड़ सकता है।
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'लोन वुल्फ' हमले, जहाँ एक व्यक्ति या छोटे समूह स्वतंत्र रूप से हमला करता है, आतंकवाद का नया चेहरा बन चुका है। इन हमलों की विशिष्ट विशेषताएँ हैं—इनमें जटिल संगठनात्मक ढांचे की कमी होती है और इनकी योजना अक्सर छोटे पैमाने पर होती है। यह आतंकवाद को जटिल और अप्रत्याशित बना देता है, जिससे पहचान और रोकथामRead more
‘लोन वुल्फ’ हमले, जहाँ एक व्यक्ति या छोटे समूह स्वतंत्र रूप से हमला करता है, आतंकवाद का नया चेहरा बन चुका है। इन हमलों की विशिष्ट विशेषताएँ हैं—इनमें जटिल संगठनात्मक ढांचे की कमी होती है और इनकी योजना अक्सर छोटे पैमाने पर होती है। यह आतंकवाद को जटिल और अप्रत्याशित बना देता है, जिससे पहचान और रोकथाम की प्रक्रिया कठिन हो जाती है।
भारत की सुभेद्यताएँ:
इन चुनौतियों का सामना करने के लिए भारत को बेहतर खुफिया और निगरानी प्रणालियाँ, और समर्पित काउंटर-टेररिज़्म उपायों को लागू करने की आवश्यकता है।
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