वैश्वीकरण एवं निजीकरण को परिभाषित कीजिये। इन दोनों के उद्देश्यों पर भी प्रकाश डालिये। (200 Words) [UPPSC 2022]
भारत में वैश्वीकरण ने महिलाओं पर कई सकारात्मक और नकारात्मक प्रभाव डाले हैं। वैश्वीकरण का आर्थिक, सामाजिक, और सांस्कृतिक पहलुओं पर गहरा असर पड़ा है, जिससे महिलाओं की स्थिति में सुधार हुआ है, लेकिन इसके साथ ही कई चुनौतियाँ भी आई हैं। सकारात्मक प्रभाव: आर्थिक अवसर: रोजगार के अवसर: वैश्वीकरण ने महिलाओंRead more
भारत में वैश्वीकरण ने महिलाओं पर कई सकारात्मक और नकारात्मक प्रभाव डाले हैं। वैश्वीकरण का आर्थिक, सामाजिक, और सांस्कृतिक पहलुओं पर गहरा असर पड़ा है, जिससे महिलाओं की स्थिति में सुधार हुआ है, लेकिन इसके साथ ही कई चुनौतियाँ भी आई हैं।
सकारात्मक प्रभाव:
आर्थिक अवसर:
रोजगार के अवसर: वैश्वीकरण ने महिलाओं के लिए नए रोजगार के अवसर उत्पन्न किए हैं, विशेषकर सेवाक्षेत्र और आईटी उद्योग में। इससे महिलाओं की आर्थिक स्वतंत्रता और आत्मनिर्भरता में वृद्धि हुई है।
उद्यमिता: वैश्वीकरण ने महिलाओं को उद्यमिता के अवसर प्रदान किए हैं। वे छोटे व्यवसाय और स्टार्टअप्स चला रही हैं, जो उनकी आर्थिक स्थिति को मजबूत कर रहे हैं।
शिक्षा और जागरूकता:
शिक्षा में सुधार: वैश्वीकरण के कारण शिक्षा के क्षेत्र में सुधार हुआ है, जिससे महिलाओं की शिक्षा और पेशेवर कौशल में वृद्धि हुई है। ऑनलाइन शिक्षा और संसाधनों की उपलब्धता ने इस सुधार को बढ़ावा दिया है।
समानता की जागरूकता: वैश्वीकरण ने महिलाओं के अधिकारों और समानता के प्रति जागरूकता बढ़ाई है, जिससे समाज में बदलाव आ रहे हैं।
सामाजिक सशक्तिकरण:
सांस्कृतिक आदान-प्रदान: वैश्वीकरण ने विभिन्न संस्कृतियों के आदान-प्रदान को बढ़ावा दिया, जिससे महिलाओं को विभिन्न सामाजिक सुधारों और आंदोलनों का हिस्सा बनने का अवसर मिला है।
नकारात्मक प्रभाव:
सामाजिक असमानता:
असमानता में वृद्धि: वैश्वीकरण ने कुछ क्षेत्रों में असमानता को बढ़ावा दिया है। उच्च शिक्षा प्राप्त महिलाओं और गरीब क्षेत्रों की महिलाओं के बीच अंतर गहरा हो गया है।
तनाव और प्रतिस्पर्धा: वैश्वीकरण के कारण बढ़ती प्रतिस्पर्धा ने महिलाओं पर मानसिक और शारीरिक तनाव को बढ़ाया है।
संस्कृतिक मान्यताओं का प्रभाव:
संस्कृतिक विसंगतियाँ: वैश्वीकरण के चलते कुछ पारंपरिक मान्यताएँ और सांस्कृतिक पहचान खतरे में पड़ सकती हैं, जिससे महिलाओं को पारंपरिक भूमिकाओं और मान्यताओं से जूझना पड़ सकता है।
कामकाजी परिस्थितियाँ:
कम वेतन और असुरक्षित कार्यस्थल: वैश्वीकरण के कारण कुछ उद्योगों में महिलाओं को कम वेतन और असुरक्षित कार्यस्थलों का सामना करना पड़ सकता है। यह विशेष रूप से असंगठित क्षेत्र में देखा जाता है।
इस प्रकार, भारत में वैश्वीकरण ने महिलाओं के जीवन पर दोनों सकारात्मक और नकारात्मक प्रभाव डाले हैं। एक संतुलित दृष्टिकोण और नीति निर्माण के माध्यम से, इन प्रभावों को प्रबंधित किया जा सकता है ताकि महिलाओं के लिए सकारात्मक बदलाव सुनिश्चित किए जा सकें।
वैश्वीकरण एवं निजीकरण की परिभाषा एवं उद्देश्य वैश्वीकरण: वैश्वीकरण को वह प्रक्रिया कहा जाता है जिसमें देशों के बीच आर्थिक एकीकरण और सम्बंधों का वृद्धि होता है। इसके तहत वस्तुओं, सेवाओं, धन और विचारों की मुक्त बाज़ारी होती है और इसमें प्रौद्योगिकी के विकास, व्यापार संतुलन और आर्थिक नीतियों की सुविधाRead more
वैश्वीकरण एवं निजीकरण की परिभाषा एवं उद्देश्य
वैश्वीकरण:
वैश्वीकरण को वह प्रक्रिया कहा जाता है जिसमें देशों के बीच आर्थिक एकीकरण और सम्बंधों का वृद्धि होता है। इसके तहत वस्तुओं, सेवाओं, धन और विचारों की मुक्त बाज़ारी होती है और इसमें प्रौद्योगिकी के विकास, व्यापार संतुलन और आर्थिक नीतियों की सुविधा दी जाती है।
वैश्वीकरण के उद्देश्य:
निजीकरण:
निजीकरण को वह प्रक्रिया कहा जाता है जिसमें सरकार के नियंत्रण में आने वाले संसाधनों, सेवाओं या उद्यमों को निजी个ाल या संगठनों को ट्रांसफर किया जाता है।
निजीकरण के उद्देश्य:
इन दोनों प्रक्रियाओं ने एक साथ घड़ी रहतीं हैं, जिसके तहत देशों के बीच आर्थिक एकीकरण और निजीकरण में बदलाव आता है।
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