भारतीय संस्कृति विविधता में एकता का प्रतीक है।’ उपयुक्त उदाहरण देते हुए इस कथन का तार्किक विश्लेषण कीजिये। (200 Words) [UPPSC 2019]
भारत की विविधता में सांस्कृतिक इकाइयाँ अक्सर राज्यों की सीमाओं से परे होती हैं और विशिष्ट प्रदेशीय पहचान को दर्शाती हैं। भाषाई विविधता: उदाहरण के लिए, उत्तर प्रदेश में अवध और बुंदेलखंड क्षेत्र की सांस्कृतिक पहचान अलग-अलग है, जो केवल राज्य की सीमा तक सीमित नहीं है। इसी तरह, महाराष्ट्र में कोकण और पुणRead more
भारत की विविधता में सांस्कृतिक इकाइयाँ अक्सर राज्यों की सीमाओं से परे होती हैं और विशिष्ट प्रदेशीय पहचान को दर्शाती हैं।
- भाषाई विविधता: उदाहरण के लिए, उत्तर प्रदेश में अवध और बुंदेलखंड क्षेत्र की सांस्कृतिक पहचान अलग-अलग है, जो केवल राज्य की सीमा तक सीमित नहीं है। इसी तरह, महाराष्ट्र में कोकण और पुणे के क्षेत्रीय सांस्कृतिक तत्व भी अलग हैं।
- ऐतिहासिक प्रभाव: पंजाब, हिमाचल प्रदेश, और जम्मू-कश्मीर के सांस्कृतिक तत्व और परंपराएँ ऐतिहासिक कारणों से विशिष्ट हैं, जो राज्य की सीमाओं से बाहर की पहचान को दर्शाती हैं।
- त्योहार और परंपराएँ: बंगाल में दुर्गा पूजा और तमिलनाडु में पोंगल जैसे त्योहार क्षेत्रीय सांस्कृतिक इकाइयों को दर्शाते हैं, जो राज्य की सीमा से परे उनके विशिष्ट सांस्कृतिक दृष्टिकोण को उजागर करते हैं।
इस प्रकार, भारत की सांस्कृतिक विविधता प्रदेशीय सांस्कृतिक इकाइयों के माध्यम से अधिक स्पष्ट रूप से परिलक्षित होती है।
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भारतीय संस्कृति: विविधता में एकता का प्रतीक 1. सांस्कृतिक विविधता भारतीय संस्कृति में विविधता एक प्रमुख विशेषता है। भारत में भाषाएँ, धर्म, संप्रदाय, खानपान, और पहनावा के विविध रूप देखने को मिलते हैं। हिंदी, तमिल, तेलुगु, और बंगाली जैसी भाषाएँ, हinduism, इस्लाम, ईसाई धर्म, और सिख धर्म जैसे धर्मों कीRead more
1. सांस्कृतिक विविधता
भारतीय संस्कृति में विविधता एक प्रमुख विशेषता है। भारत में भाषाएँ, धर्म, संप्रदाय, खानपान, और पहनावा के विविध रूप देखने को मिलते हैं। हिंदी, तमिल, तेलुगु, और बंगाली जैसी भाषाएँ, हinduism, इस्लाम, ईसाई धर्म, और सिख धर्म जैसे धर्मों की विविधता भारत की सांस्कृतिक अमीरता को दर्शाती है।
2. धार्मिक सहिष्णुता
भारत में विभिन्न धर्मों के बीच धार्मिक सहिष्णुता का आदर्श उदाहरण देखा जा सकता है। दुर्गा पूजा और दीवाली जैसे हिन्दू त्योहार, ईद और क्रिसमस जैसे मुस्लिम और ईसाई त्योहारों के साथ मनाए जाते हैं। हाल ही में गुजरात में रथ यात्रा और ईद के दौरान दोनों त्योहारों को शांतिपूर्ण तरीके से मनाने की मिसाल प्रस्तुत की गई है।
3. सांस्कृतिक मेलजोल
भारतीय त्यौहारों और त्योहारों की विविधता में एकता का प्रमुख उदाहरण है। लोक संगीत, नृत्य, और पारंपरिक वस्त्र जैसे विविध सांस्कृतिक तत्व देश की एकता को मजबूत करते हैं। सारस कला और कच्छ के कम्बल और हस्तशिल्प इस विविधता का हिस्सा हैं जो सभी क्षेत्रों में समान मान्यता प्राप्त करते हैं।
4. भाषाई एकता
हिंदी को राष्ट्रीय भाषा के रूप में मान्यता प्राप्त है, जबकि विभिन्न प्रादेशिक भाषाएँ भी अपनी सांस्कृतिक पहचान को बनाए रखती हैं। राजस्थान की लोककला और केरल की शास्त्रीय नृत्य संस्कृतियों की एकता का प्रतीक हैं।
5. समकालीन उदाहरण
हाल ही में नरेन्द्र मोदी की अंतरराष्ट्रीय योग दिवस की पहल ने भारतीय संस्कृति की वैश्विक पहचान को बढ़ाया। संयुक्त राष्ट्र ने भी योग के महत्व को मान्यता दी है, जो भारतीय संस्कृति की विविधता में एकता का प्रतीक है।
इस प्रकार, भारतीय संस्कृति अपनी विविधता के बावजूद एकता का प्रतीक है, जो विभिन्न धर्मों, भाषाओं, और परंपराओं के बीच सामंजस्य और सहयोग को बढ़ावा देती है।