“भारत में आधुनिक कानून की सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण उपलब्धि सर्वोच्च न्यायालय द्वारा पर्यावरणीय समस्याओं का संविधानीकरण है।” सुसंगत वाद विधियों की सहायता से इस कथन की विवेचना कीजिए । (150 words)[UPSC 2022]
राज्य सभा की विशिष्ट शक्तियाँ संकल्प और संशोधन प्रस्ताव: राज्य सभा केवल संविधान संशोधन के प्रस्ताव पर प्रस्तावना और सहमति देने में सक्रिय भूमिका निभाती है। लोकसभा इस प्रक्रिया में स्वतंत्र होती है, लेकिन राज्य सभा के बिना संशोधन लागू नहीं हो सकता। नियुक्ति की शक्ति: राष्ट्रपति द्वारा नियुक्त सदस्योंRead more
राज्य सभा की विशिष्ट शक्तियाँ
- संकल्प और संशोधन प्रस्ताव: राज्य सभा केवल संविधान संशोधन के प्रस्ताव पर प्रस्तावना और सहमति देने में सक्रिय भूमिका निभाती है। लोकसभा इस प्रक्रिया में स्वतंत्र होती है, लेकिन राज्य सभा के बिना संशोधन लागू नहीं हो सकता।
- नियुक्ति की शक्ति: राष्ट्रपति द्वारा नियुक्त सदस्यों (जैसे न्यायाधीश, उपराष्ट्रपति) की नियुक्ति पर राज्य सभा की सहमति आवश्यक होती है। लोकसभा इस पर प्रभावी नहीं होती।
- वित्तीय बिलों की भूमिका: वित्तीय बिलों की प्रस्तुति और चर्चा की अधिकारिता केवल लोकसभा को है, लेकिन राज्य सभा केवल सुझाव दे सकती है और इसे वापसी या संशोधन के लिए लोकसभा के पास भेज सकती है।
- राष्ट्रीय महत्व के मामलों पर संकल्प: राज्य सभा राष्ट्र के महत्वपूर्ण मामलों पर संकल्प कर सकती है जो विशेषतः संसदीय पद्धतियों से संबंधित होते हैं, जैसे विशेष राज्य क्षेत्र के निर्माण के प्रस्ताव।
निष्कर्ष: राज्य सभा की विशिष्ट शक्तियाँ संविधान संशोधन, नियुक्तियाँ, और वित्तीय बिलों पर सीमित भूमिका निभाती हैं, जो लोकसभा के अधिकारों से भिन्न हैं।
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पर्यावरणीय समस्याओं का संविधानीकरण: सर्वोच्च न्यायालय की भूमिका परिचय भारत में सर्वोच्च न्यायालय द्वारा पर्यावरणीय समस्याओं का संविधानीकरण आधुनिक कानून की एक प्रमुख उपलब्धि है। यह प्रक्रिया पर्यावरण संरक्षण को संवैधानिक अधिकारों और कर्तव्यों के अंतर्गत लाकर उसे नागरिकों के मौलिक अधिकारों से जोड़ती हRead more
पर्यावरणीय समस्याओं का संविधानीकरण: सर्वोच्च न्यायालय की भूमिका
परिचय भारत में सर्वोच्च न्यायालय द्वारा पर्यावरणीय समस्याओं का संविधानीकरण आधुनिक कानून की एक प्रमुख उपलब्धि है। यह प्रक्रिया पर्यावरण संरक्षण को संवैधानिक अधिकारों और कर्तव्यों के अंतर्गत लाकर उसे नागरिकों के मौलिक अधिकारों से जोड़ती है।
महत्त्वपूर्ण वाद विधियाँ
निष्कर्ष सर्वोच्च न्यायालय ने संवैधानिक ढांचे में पर्यावरण संरक्षण को मजबूत किया है, जिससे न्यायिक सक्रियता के माध्यम से पर्यावरणीय समस्याओं का समाधान संभव हुआ है।
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