“भारत में आधुनिक कानून की सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण उपलब्धि सर्वोच्च न्यायालय द्वारा पर्यावरणीय समस्याओं का संविधानीकरण है।” सुसंगत वाद विधियों की सहायता से इस कथन की विवेचना कीजिए । (150 words)[UPSC 2022]
न्यायिक विधायन और शक्ति पृथक्करण परिचय: न्यायिक विधायन भारतीय संविधान में परिकल्पित शक्ति पृथक्करण सिद्धान्त का प्रतिपक्षी है। कार्यपालक अधिकारी को दिशा-निर्देश: कार्यपालक अधिकारी को न्यायिक विधायन में दिशा-निर्देश देने की प्रार्थना संबंधित है। लोक हित याचिकाएं: बड़ी संख्या में दायर होने वाली लोक हिRead more
न्यायिक विधायन और शक्ति पृथक्करण
परिचय:
न्यायिक विधायन भारतीय संविधान में परिकल्पित शक्ति पृथक्करण सिद्धान्त का प्रतिपक्षी है।
कार्यपालक अधिकारी को दिशा-निर्देश:
कार्यपालक अधिकारी को न्यायिक विधायन में दिशा-निर्देश देने की प्रार्थना संबंधित है।
लोक हित याचिकाएं:
बड़ी संख्या में दायर होने वाली लोक हित याचिकाएं न्याय के लिए महत्वपूर्ण हैं।
उचित न्याय:
हाल के उदाहरण में, हाईकोर्ट ने विभिन्न मुद्दों पर निर्णय दिया है, जैसे वायरल वीडियो के मामले में जल्दी से न्याय देना।
समाधान:
कार्यपालक अधिकारी को दिशा-निर्देश देने के साथ-साथ, न्यायिक संस्थानों को विशेष ध्यान देना चाहिए ताकि लोक हित याचिकाओं का वेश्यक और समय-सीमित न्याय सुनिश्चित हो।
निष्कर्ष:
इस प्रकार, न्यायिक विधायन में कार्यपालक अधिकारी को दिशा-निर्देश देने संबंधित बड़ी संख्या में दायर होने वाली लोक हित याचिकाओं का न्याय सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण है।
पर्यावरणीय समस्याओं का संविधानीकरण: सर्वोच्च न्यायालय की भूमिका परिचय भारत में सर्वोच्च न्यायालय द्वारा पर्यावरणीय समस्याओं का संविधानीकरण आधुनिक कानून की एक प्रमुख उपलब्धि है। यह प्रक्रिया पर्यावरण संरक्षण को संवैधानिक अधिकारों और कर्तव्यों के अंतर्गत लाकर उसे नागरिकों के मौलिक अधिकारों से जोड़ती हRead more
पर्यावरणीय समस्याओं का संविधानीकरण: सर्वोच्च न्यायालय की भूमिका
परिचय भारत में सर्वोच्च न्यायालय द्वारा पर्यावरणीय समस्याओं का संविधानीकरण आधुनिक कानून की एक प्रमुख उपलब्धि है। यह प्रक्रिया पर्यावरण संरक्षण को संवैधानिक अधिकारों और कर्तव्यों के अंतर्गत लाकर उसे नागरिकों के मौलिक अधिकारों से जोड़ती है।
महत्त्वपूर्ण वाद विधियाँ
निष्कर्ष सर्वोच्च न्यायालय ने संवैधानिक ढांचे में पर्यावरण संरक्षण को मजबूत किया है, जिससे न्यायिक सक्रियता के माध्यम से पर्यावरणीय समस्याओं का समाधान संभव हुआ है।
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