धारा 370 पर भारत सरकार की कार्यवाही ने जम्मू-कश्मीर की यथास्थिति को परिवर्तित कर दिया है। यह इस क्षेत्र के विकास को किस प्रकार से प्रभावित कर सकता हैं? चर्चा कीजिये। (200 Words) [UPPSC 2018]
भारत में समान सिविल संहिता (UCC) को लागू करने में कई कारक बाधा डालते हैं: धार्मिक विविधता: भारत में विभिन्न धर्मों के अनुयायी अपने-अपने व्यक्तिगत कानूनों का पालन करते हैं, जैसे हिंदू कानून, मुस्लिम कानून, और ईसाई कानून। इन विविधताओं को एक समान संहिता में समेटना कठिन है, क्योंकि प्रत्येक समुदाय अपनेRead more
भारत में समान सिविल संहिता (UCC) को लागू करने में कई कारक बाधा डालते हैं:
धार्मिक विविधता: भारत में विभिन्न धर्मों के अनुयायी अपने-अपने व्यक्तिगत कानूनों का पालन करते हैं, जैसे हिंदू कानून, मुस्लिम कानून, और ईसाई कानून। इन विविधताओं को एक समान संहिता में समेटना कठिन है, क्योंकि प्रत्येक समुदाय अपने पारंपरिक कानूनों को संरक्षित रखना चाहता है।
राजनीतिक संवेदनशीलता: UCC एक संवेदनशील राजनीतिक मुद्दा है। राजनीतिक दल अपने वोट बैंक को ध्यान में रखते हुए इस मुद्दे पर एकराय नहीं बना पाते। खासकर धार्मिक आधार पर वोटिंग के चलते किसी भी बदलाव से राजनीतिक हानि का डर होता है।
सांस्कृतिक और धार्मिक मान्यता: कई समुदाय अपने धार्मिक कानूनों को सांस्कृतिक और पहचान से जुड़े मुद्दों के रूप में देखते हैं। UCC के माध्यम से इन कानूनों में बदलाव करने से इन समुदायों के पहचान पर खतरा माना जाता है।
कानूनी और व्यवस्थागत चुनौतियाँ: समान सिविल संहिता को लागू करने के लिए जटिल कानूनी और व्यवस्थागत ढांचे की आवश्यकता होती है। इसके लिए सभी समुदायों का समर्थन और व्यापक सलाह-मशविरा आवश्यक है, जो कठिन हो सकता है।
इन कारकों के कारण, भारत में UCC को लागू करने में कठिनाई आती है, जिससे समानता और न्याय की दिशा में कदम उठाना चुनौतीपूर्ण हो जाता है।
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धारा 370 पर भारत सरकार की कार्यवाही और जम्मू-कश्मीर के विकास पर प्रभाव **1. धारा 370 की समाप्ति का पृष्ठभूमि: 5 अगस्त 2019 को भारत सरकार ने धारा 370 को समाप्त कर दिया, जो जम्मू-कश्मीर को विशेष स्वायत्ता प्रदान करता था। इसके साथ ही जम्मू-कश्मीर और लद्दाख को केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित किया गया।Read more
धारा 370 पर भारत सरकार की कार्यवाही और जम्मू-कश्मीर के विकास पर प्रभाव
**1. धारा 370 की समाप्ति का पृष्ठभूमि: 5 अगस्त 2019 को भारत सरकार ने धारा 370 को समाप्त कर दिया, जो जम्मू-कश्मीर को विशेष स्वायत्ता प्रदान करता था। इसके साथ ही जम्मू-कश्मीर और लद्दाख को केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित किया गया।
**2. विकास पर प्रभाव:
**3. चुनौतियाँ और चिंताएँ:
निष्कर्ष: धारा 370 की समाप्ति जम्मू-कश्मीर के विकास के लिए आधारभूत संरचना, आर्थिक निवेश, और शासन सुधार के माध्यम से महत्वपूर्ण अवसर प्रदान करती है, लेकिन इसे सुरक्षा और स्थानीय संवेदनाओं के मुद्दों का समाधान भी करना होगा।
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