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"लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम के अन्तर्गत भ्रष्ट आचरण के दोषी व्यक्तियों को अयोग्य ठहराने की प्रक्रिया के सरलीकरण की आवश्यकता है"। टिप्पणी कीजिए। (150 words) [UPSC 2020]
लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम (Representation of the People Act, 1951) के तहत भ्रष्ट आचरण के दोषी व्यक्तियों को अयोग्य ठहराने का प्रावधान लोकतंत्र को स्वच्छ और पारदर्शी बनाए रखने के उद्देश्य से किया गया है। हालांकि, वर्तमान में इस प्रक्रिया में कई जटिलताएँ और कानूनी बाधाएँ हैं, जो इसे प्रभावी ढंग से लागूRead more
लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम (Representation of the People Act, 1951) के तहत भ्रष्ट आचरण के दोषी व्यक्तियों को अयोग्य ठहराने का प्रावधान लोकतंत्र को स्वच्छ और पारदर्शी बनाए रखने के उद्देश्य से किया गया है। हालांकि, वर्तमान में इस प्रक्रिया में कई जटिलताएँ और कानूनी बाधाएँ हैं, जो इसे प्रभावी ढंग से लागू करने में रुकावट पैदा करती हैं।
पहली समस्या यह है कि दोष सिद्ध होने में लंबा समय लग सकता है, जिससे दोषी व्यक्ति चुनाव लड़ सकते हैं और सार्वजनिक पद पर बने रह सकते हैं। दूसरी समस्या यह है कि कानून की जटिलताओं के कारण दोषी ठहराए गए व्यक्ति कानूनी अपीलों के माध्यम से अपनी अयोग्यता को चुनौती देकर इसे टाल सकते हैं।
इसलिए, इस प्रक्रिया के सरलीकरण की आवश्यकता है ताकि भ्रष्ट आचरण में संलिप्त व्यक्ति शीघ्रता से अयोग्य घोषित किए जा सकें। इसके लिए, समयबद्ध सुनवाई, त्वरित न्यायिक प्रक्रिया, और भ्रष्टाचार के मामलों में सख्त प्रावधानों की आवश्यकता है। इससे न केवल लोकतंत्र की गुणवत्ता में सुधार होगा, बल्कि जनता का विश्वास भी बढ़ेगा।
See lessभारत में "एक राष्ट्र एक चुनाव" की अवधारणा की अपनी संभावनाएं एवं सीमाएं है, परीक्षण कीजिये। (200 Words) [UPPSC 2022]
भारत में "एक राष्ट्र एक चुनाव" की अवधारणा की संभावनाएँ और सीमाएँ संभावनाएँ: वित्तीय लाभ: एक साथ चुनाव कराने से सरकार और जनता दोनों पर वित्तीय बोझ कम होगा। उदाहरण के लिए, 2024 लोकसभा चुनाव के लिए अनुमानित लागत ₹50,000 करोड़ के आस-पास है, जबकि एक साथ चुनाव से इन खर्चों में कमी आ सकती है। प्रशासनिक सुवRead more
भारत में “एक राष्ट्र एक चुनाव” की अवधारणा की संभावनाएँ और सीमाएँ
संभावनाएँ:
सीमाएँ:
निष्कर्ष: “एक राष्ट्र एक चुनाव” की अवधारणा वित्तीय और प्रशासनिक दृष्टिकोण से लाभकारी हो सकती है, लेकिन संविधानिक, कानूनी, और लॉजिस्टिक चुनौतियाँ इसे लागू करने में बाधा डालती हैं। सही ढंग से कार्यान्वित करने के लिए व्यापक विचार-विमर्श और योजना की आवश्यकता होगी।
See lessलोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 के अन्तर्गत संसद अथवा राज्य विधायिका के सदस्यों के चुनाव से उभरे विवादों के निर्णय की प्रक्रिया का विवेचन कीजिए। किन आधारों पर किसी निर्वाचित घोषित प्रत्याशी के निर्वाचन को शून्य घोषित किया जा सकता है ? इस निर्णय के विरुद्ध पीड़ित पक्ष को कौन-सा उपचार उपलब्ध है ? वाद विधियों का सन्दर्भ दीजिए। (250 words) [UPSC 2022]
लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 के अंतर्गत संसद और राज्य विधायिका के सदस्यों के चुनाव से उभरे विवादों का निवारण निम्नलिखित प्रक्रिया के माध्यम से किया जाता है: निर्णय की प्रक्रिया: याचिका दाखिल करना: किसी भी विवादित चुनाव के परिणाम के खिलाफ याचिका दाखिल करनी होती है। यह याचिका चुनाव परिणाम घोषित होनेRead more
लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 के अंतर्गत संसद और राज्य विधायिका के सदस्यों के चुनाव से उभरे विवादों का निवारण निम्नलिखित प्रक्रिया के माध्यम से किया जाता है:
निर्णय की प्रक्रिया:
निर्वाचन को शून्य घोषित करने के आधार:
उपचार: पीड़ित पक्ष उच्च न्यायालय के निर्णय के खिलाफ सर्वोच्च न्यायालय में अपील कर सकता है। सर्वोच्च न्यायालय का निर्णय अंतिम होता है और इसके खिलाफ कोई अपील नहीं की जा सकती।
इस प्रकार, लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 एक सुव्यवस्थित प्रक्रिया प्रदान करता है, जो सुनिश्चित करती है कि चुनाव विवादों का समाधान कानूनी और पारदर्शी तरीके से हो।
See lessलोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 के तहत निरर्हता के आधारों को वर्णित कीजिए। साथ ही, निरर्ह प्रतिनिधियों के लिए उपलब्ध उपचारात्मक उपार्यो पर भी चर्चा कीजिए।(उत्तर 200 शब्दों में दें)
लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 में निरर्हता के आधार: नागरिकता: एक व्यक्ति को भारतीय नागरिकता होनी चाहिए। आयु: न्यूनतम आयु सीमा का पालन करना चाहिए। मानव स्वास्थ्य: उर्वरित रोग, मानसिक अस्वस्थता, या अपातकालीन तथा अस्वीकृत उपचार स्थिति में नहीं होना चाहिए। अपराधिक अभियोग: किसी भी अधिकारित अदालत द्वाराRead more
लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 में निरर्हता के आधार:
निरर्ह प्रतिनिधियों के लिए उपचारात्मक उपार्यों पर चर्चा:
निरर्ह प्रतिनिधित्व अधिनियम के तहत निरर्ह प्रतिनिधियों के लिए उपचारात्मक उपार्य उन्हें समर्थ और जागरूक बनाने के लिए महत्वपूर्ण हैं।
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