हिमालय क्षेत्र तथा पश्चिमी घाटों में भू-स्खलनों के विभिन्न कारणों का अंतर स्पष्ट कीजिए । (150 words)[UPSC 2021]
नौ नंबर चैनल, जिसे "नौसैनिक चैनल" भी कहा जाता है, भारतीय रक्षा के सामरिक दृष्टिकोण से अत्यंत महत्वपूर्ण है। यह चैनल भारतीय उपमहाद्वीप के पश्चिमी तट पर स्थित है और इसे अरब सागर से जोड़ता है। इसके माध्यम से भारत की नौसैनिक गतिविधियाँ और समुद्री सुरक्षा सुनिश्चित की जाती है। यह चैनल विदेशी जहाजों और उपRead more
नौ नंबर चैनल, जिसे “नौसैनिक चैनल” भी कहा जाता है, भारतीय रक्षा के सामरिक दृष्टिकोण से अत्यंत महत्वपूर्ण है। यह चैनल भारतीय उपमहाद्वीप के पश्चिमी तट पर स्थित है और इसे अरब सागर से जोड़ता है। इसके माध्यम से भारत की नौसैनिक गतिविधियाँ और समुद्री सुरक्षा सुनिश्चित की जाती है। यह चैनल विदेशी जहाजों और उपग्रहों की निगरानी के लिए एक महत्वपूर्ण मार्ग है, जो आतंकवाद और समुद्री अपराधों से निपटने में सहायक होता है। इसके अलावा, नौ नंबर चैनल के माध्यम से तेल और गैस के ट्रांसपोर्टेशन के मार्ग भी गुजरते हैं, जो आर्थिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण हैं। इस प्रकार, यह चैनल भारत की सामरिक सुरक्षा और आर्थिक स्थिरता के लिए केंद्रीय भूमिका निभाता है।
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हिमालय क्षेत्र तथा पश्चिमी घाटों में भू-स्खलनों के विभिन्न कारणों का अंतर हिमालय क्षेत्र में भू-स्खलनों के कारण: भौगोलिक विशेषताएँ: हिमालय क्षेत्र में तीव्र ढलान और युवा पर्वत निर्माण के कारण भूमि अस्थिर रहती है। उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश में कई भूस्खलन हाल ही में देखे गए हैं, जो इन विशेषताओं का परRead more
हिमालय क्षेत्र तथा पश्चिमी घाटों में भू-स्खलनों के विभिन्न कारणों का अंतर
हिमालय क्षेत्र में भू-स्खलनों के कारण:
पश्चिमी घाटों में भू-स्खलनों के कारण:
इन दोनों क्षेत्रों में भू-स्खलनों के कारण भौगोलिक, जलवायु, और मानवजनित कारकों में स्पष्ट अंतर हैं, जो उनकी भूस्खलन की प्रकृति को प्रभावित करते हैं।
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