भारत के तटीय क्षेत्रों में द्वीपों के डूबने की परिघटना के लिए उत्तरदायी कारणों की व्याख्या कीजिए। साथ ही, संपूर्ण राष्ट्र और विशेष रूप से द्वीपीय समुदाय के लिए इसके संभावित प्रभावों का मूल्यांकन कीजिए। (250 शब्दों में उत्तर दीजिए) ...
हिमालय क्षेत्र तथा पश्चिमी घाटों में भू-स्खलनों के विभिन्न कारणों का अंतर हिमालय क्षेत्र में भू-स्खलनों के कारण: भौगोलिक विशेषताएँ: हिमालय क्षेत्र में तीव्र ढलान और युवा पर्वत निर्माण के कारण भूमि अस्थिर रहती है। उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश में कई भूस्खलन हाल ही में देखे गए हैं, जो इन विशेषताओं का परRead more
हिमालय क्षेत्र तथा पश्चिमी घाटों में भू-स्खलनों के विभिन्न कारणों का अंतर
हिमालय क्षेत्र में भू-स्खलनों के कारण:
- भौगोलिक विशेषताएँ: हिमालय क्षेत्र में तीव्र ढलान और युवा पर्वत निर्माण के कारण भूमि अस्थिर रहती है। उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश में कई भूस्खलन हाल ही में देखे गए हैं, जो इन विशेषताओं का परिणाम हैं।
- भू-आकृतिक सक्रियता: हिमालय क्षेत्र में लगातार टेक्टोनिक गतिविधियाँ और भूकंपों का प्रभाव रहता है, जो भूमि को अस्थिर करता है। 2021 में, उत्तराखंड के चमोली में भूस्खलन इस बात का उदाहरण है।
- मानवजनित कारण: अवैध खनन, सड़क निर्माण, और शहरीकरण ने भू-स्खलनों की संभावना को बढ़ाया है। सोनितपुर (असम) में हाल ही में हुए भूस्खलन ने इसकी पुष्टि की है।
पश्चिमी घाटों में भू-स्खलनों के कारण:
- जलवायु और वर्षा: पश्चिमी घाटों में भारी वर्षा और मॉनसून की वजह से मिट्टी की भरपूर नमी और कटाव होता है, जिससे भूस्खलन होते हैं। केरला और कर्नाटक में लगातार बारिश के कारण हाल ही में बड़े भूस्खलन हुए हैं।
- वनों की कटाई: यहाँ वनों की कटाई और भूमि उपयोग में परिवर्तन भू-स्खलनों को बढ़ावा देते हैं। मलप्पुरम (केरला) में अवैध लकड़ी कटाई के कारण भूमि अस्थिरता देखी गई है।
- भौगोलिक संरचना: पश्चिमी घाटों की ढलान और उपजाऊ मिट्टी की विशेषताएँ भूस्खलनों की संभावना को बढ़ाती हैं।
इन दोनों क्षेत्रों में भू-स्खलनों के कारण भौगोलिक, जलवायु, और मानवजनित कारकों में स्पष्ट अंतर हैं, जो उनकी भूस्खलन की प्रकृति को प्रभावित करते हैं।
See less
भारत के तटीय क्षेत्रों में द्वीपों के डूबने की परिघटना की प्रमुख वजहें जलवायु परिवर्तन और समुद्र स्तर में वृद्धि से जुड़ी हैं। कारण: जलवायु परिवर्तन: वैश्विक तापमान में वृद्धि के कारण ध्रुवीय बर्फ और ग्लेशियरों का पिघलना समुद्र स्तर को बढ़ाता है। यह उच्च समुद्री स्तर की स्थिति को जन्म देता है, जो द्Read more
भारत के तटीय क्षेत्रों में द्वीपों के डूबने की परिघटना की प्रमुख वजहें जलवायु परिवर्तन और समुद्र स्तर में वृद्धि से जुड़ी हैं।
कारण:
संभावित प्रभाव:
राष्ट्र पर प्रभाव:
विशेषकर द्वीपीय समुदाय पर प्रभाव:
इन सभी कारणों और प्रभावों के कारण, द्वीपों के संरक्षण के लिए प्रभावी जलवायु नीतियाँ और तटीय प्रबंधन आवश्यक हैं, ताकि इन समस्याओं को न्यूनतम किया जा सके और द्वीपीय समुदायों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।
See less