हिमालय क्षेत्र तथा पश्चिमी घाटों में भू-स्खलनों के विभिन्न कारणों का अंतर स्पष्ट कीजिए । (150 words)[UPSC 2021]
पश्चिमी घाट और हिमालय में होने वाले भूस्खलन के भिन्नताएँ पश्चिमी घाट और हिमालय में होने वाले भूस्खलन दोनों ही क्षेत्रों में पृथ्वी की तंत्रिका क्षमता के परिणाम स्वरूप होते हैं, लेकिन इनमें कुछ महत्वपूर्ण भिन्नताएँ होती हैं। क्षेत्र: पश्चिमी घाट: यह भारत के दक्षिणी भाग में स्थित है और यहाँ का भूस्खलनRead more
पश्चिमी घाट और हिमालय में होने वाले भूस्खलन के भिन्नताएँ
पश्चिमी घाट और हिमालय में होने वाले भूस्खलन दोनों ही क्षेत्रों में पृथ्वी की तंत्रिका क्षमता के परिणाम स्वरूप होते हैं, लेकिन इनमें कुछ महत्वपूर्ण भिन्नताएँ होती हैं।
- क्षेत्र:
- पश्चिमी घाट: यह भारत के दक्षिणी भाग में स्थित है और यहाँ का भूस्खलन अक्सर तल के करीबी क्षेत्रों में होता है।
- हिमालय: यह बड़े हिमालय पर्वत क्षेत्र में स्थित है और यहाँ के भूस्खलन अक्सर ऊँचाई और शिखरों के निकट होते हैं।
- कारण:
- पश्चिमी घाट: यहाँ के भूस्खलन अक्सर तकनीकी गतिविधियों, जैसे खनन, परियोजनाएं, और जल संचार के कारण होते हैं।
- हिमालय: यहाँ के भूस्खलन अक्सर तंत्रिका क्षमता और पर्वतीय स्थिति के कारण होते हैं।
- प्रभाव:
- पश्चिमी घाट: यह भूस्खलन सामाजिक और आर्थिक प्रभावों को उत्पन्न कर सकता है।
- हिमालय: इस क्षेत्र में भूस्खलन अक्सर भूगर्भीय क्रियाओं के कारण ज्यादा नुकसान पहुंचा सकता है।
इन भिन्नताओं के बावजूद, भूस्खलन दोनों क्षेत्रों में जीवन के लिए महत्वपूर्ण हैं और सावधानी बरतनी चाहिए।
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हिमालय क्षेत्र तथा पश्चिमी घाटों में भू-स्खलनों के विभिन्न कारणों का अंतर हिमालय क्षेत्र में भू-स्खलनों के कारण: भौगोलिक विशेषताएँ: हिमालय क्षेत्र में तीव्र ढलान और युवा पर्वत निर्माण के कारण भूमि अस्थिर रहती है। उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश में कई भूस्खलन हाल ही में देखे गए हैं, जो इन विशेषताओं का परRead more
हिमालय क्षेत्र तथा पश्चिमी घाटों में भू-स्खलनों के विभिन्न कारणों का अंतर
हिमालय क्षेत्र में भू-स्खलनों के कारण:
पश्चिमी घाटों में भू-स्खलनों के कारण:
इन दोनों क्षेत्रों में भू-स्खलनों के कारण भौगोलिक, जलवायु, और मानवजनित कारकों में स्पष्ट अंतर हैं, जो उनकी भूस्खलन की प्रकृति को प्रभावित करते हैं।
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