भारत के पास 1,80,000 मेगावाट महासागरीय तापीय ऊर्जा उत्पादित करने की क्षमता है, हालांकि, इस दिशा में प्रगति धीमी रही है। इस संदर्भ में, संबंधित चुनौतियों को रेखांकित कीजिए और सुधारात्मक उपायों का सुझाव दीजिए। (250 शब्दों में उत्तर दीजिए) ...
भारत की पवन ऊर्जा की उच्च क्षमता का पूर्ण रूप से दोहन न कर पाने के पीछे कई कारण हैं। प्रमुख कारणों में निम्नलिखित शामिल हैं: स्थानीय चुनौतियाँ: पवन ऊर्जा परियोजनाएँ अक्सर उन क्षेत्रों में स्थापित की जाती हैं जहां हवा की गति उच्च होती है, लेकिन ये क्षेत्र ग्रामीण और दूरस्थ होते हैं, जिससे निर्माण औरRead more
भारत की पवन ऊर्जा की उच्च क्षमता का पूर्ण रूप से दोहन न कर पाने के पीछे कई कारण हैं। प्रमुख कारणों में निम्नलिखित शामिल हैं:
- स्थानीय चुनौतियाँ: पवन ऊर्जा परियोजनाएँ अक्सर उन क्षेत्रों में स्थापित की जाती हैं जहां हवा की गति उच्च होती है, लेकिन ये क्षेत्र ग्रामीण और दूरस्थ होते हैं, जिससे निर्माण और रखरखाव की लागत बढ़ जाती है।
- संविधान और नियम: प्रौद्योगिकी की कमी और सख्त नियम कभी-कभी विकास में बाधा डालते हैं।
- वित्तीय मुद्दे: परियोजनाओं की उच्च प्रारंभिक लागत और वित्तीय समर्थन की कमी भी समस्या है।
- अवसंरचना: पवन ऊर्जा संयंत्रों के लिए आवश्यक अवसंरचना, जैसे ट्रांसमिशन लाइनें, अक्सर अपर्याप्त होती हैं।
आगे की राह में निम्नलिखित उपाय किए जा सकते हैं:
- निवेश और प्रोत्साहन: सरकार को पवन ऊर्जा परियोजनाओं के लिए वित्तीय प्रोत्साहन और सब्सिडी बढ़ानी चाहिए।
- प्रौद्योगिकी सुधार: उच्च क्षमता वाली पवन टरबाइन और बेहतर तकनीकें अपनाई जानी चाहिए।
- सुविधा और अवसंरचना: बेहतर ट्रांसमिशन नेटवर्क और प्रबंधन सुविधाएँ स्थापित करनी चाहिए।
इन प्रयासों से भारत पवन ऊर्जा की अपार संभावनाओं का पूरा लाभ उठा सकता है।
See less
भारत में महासागरीय तापीय ऊर्जा (ओशेन थर्मल एनर्जी) की विशाल क्षमता के बावजूद, इसके विकास में कई चुनौतियाँ सामने आई हैं। चुनौतियाँ: तकनीकी और वैज्ञानिक चुनौतियाँ: महासागरीय तापीय ऊर्जा प्रणाली की डिजाइन और संचालन जटिल होते हैं, जिसमें गहरे समुद्र में उपकरणों को स्थापित करना और उनकी दीर्घकालिक स्थिरताRead more
भारत में महासागरीय तापीय ऊर्जा (ओशेन थर्मल एनर्जी) की विशाल क्षमता के बावजूद, इसके विकास में कई चुनौतियाँ सामने आई हैं।
चुनौतियाँ:
सुधारात्मक उपाय:
इन उपायों को अपनाकर, भारत महासागरीय तापीय ऊर्जा के क्षेत्र में अपनी क्षमता को पूरी तरह से उपयोग कर सकता है और सतत ऊर्जा उत्पादन की दिशा में महत्वपूर्ण प्रगति कर सकता है।
See less