लौह खनिज क्या हैं? भारत में लौह अयस्क के वितरण का उदाहरण सहित वर्णन कीजिए।(उत्तर 200 शब्दों में दें)
दक्षिण एशिया में रोहिंग्या शरणार्थी संकट मुख्यतः म्यांमार के रोहिंग्या मुसलमानों की मजबूरी को दर्शाता है, जो अत्याचार और हिंसा से भागकर पड़ोसी देश बांग्लादेश में शरण लेने को मजबूर हुए हैं। 2017 से, म्यांमार सेना द्वारा किए गए जातीय हमलों ने एक लाख से अधिक रोहिंग्या को बांग्लादेश के कक्स बाजार में स्Read more
दक्षिण एशिया में रोहिंग्या शरणार्थी संकट मुख्यतः म्यांमार के रोहिंग्या मुसलमानों की मजबूरी को दर्शाता है, जो अत्याचार और हिंसा से भागकर पड़ोसी देश बांग्लादेश में शरण लेने को मजबूर हुए हैं। 2017 से, म्यांमार सेना द्वारा किए गए जातीय हमलों ने एक लाख से अधिक रोहिंग्या को बांग्लादेश के कक्स बाजार में स्थित विशाल शरणार्थी शिविरों में भेजा। इन शिविरों में अत्यधिक भीड़, अस्वच्छ परिस्थितियाँ, और सीमित स्वास्थ्य व शिक्षा सेवाएँ हैं। स्थानीय समुदायों और संसाधनों पर दबाव बढ़ रहा है। अंतर्राष्ट्रीय संगठनों द्वारा मानवीय सहायता प्रदान की जा रही है, लेकिन स्थायी समाधान और म्यांमार में स्थिरता की आवश्यकता बनी हुई है।
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लौह खनिज, जो मुख्यतः लौह अयस्क के रूप में पाए जाते हैं, वे खनिज हैं जिनमें लौह की पर्याप्त मात्रा होती है और जिन्हें धातु उत्पादन के लिए प्रयोग किया जाता है। लौह अयस्क मुख्यतः हेमाटाइट (Fe2O3), मैग्नेटाइट (Fe3O4), और लिमोनाइट (FeO(OH)·nH2O) के रूप में पाया जाता है। भारत में लौह अयस्क का वितरण प्रमुखRead more
लौह खनिज, जो मुख्यतः लौह अयस्क के रूप में पाए जाते हैं, वे खनिज हैं जिनमें लौह की पर्याप्त मात्रा होती है और जिन्हें धातु उत्पादन के लिए प्रयोग किया जाता है। लौह अयस्क मुख्यतः हेमाटाइट (Fe2O3), मैग्नेटाइट (Fe3O4), और लिमोनाइट (FeO(OH)·nH2O) के रूप में पाया जाता है।
भारत में लौह अयस्क का वितरण प्रमुख रूप से चार प्रमुख क्षेत्रों में होता है:
इन क्षेत्रों में लौह अयस्क की उच्च गुणवत्ता और भरपूर मात्रा के कारण भारत लौह अयस्क के उत्पादन में अग्रणी देशों में शामिल है।
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