भारत में उपलब्ध विभिन्न गैर-पारंपरिक ऊर्जा स्रोत कौन से हैं? पर्यावरण के अनुकूल ऊर्जा प्रदान करने में उनके महत्व को रेखांकित कीजिए।(उत्तर 200 शब्दों में दें)
2050 तक भारत की शहरी आबादी में भारी वृद्धि के साथ, समावेशी, लचीले और संधारणीय शहरों का निर्माण अत्यावश्यक हो जाएगा। शहरी हरित स्थान, जैसे पार्क, उद्यान, और हरित गलियारे, इन शहरों के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। ये स्थान न केवल शहरी तापमान को नियंत्रित करते हैं, बल्कि वायु गुणवत्ता में सुधRead more
2050 तक भारत की शहरी आबादी में भारी वृद्धि के साथ, समावेशी, लचीले और संधारणीय शहरों का निर्माण अत्यावश्यक हो जाएगा। शहरी हरित स्थान, जैसे पार्क, उद्यान, और हरित गलियारे, इन शहरों के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। ये स्थान न केवल शहरी तापमान को नियंत्रित करते हैं, बल्कि वायु गुणवत्ता में सुधार, जल संचयन, और जैव विविधता को बढ़ावा देते हैं।
हरित स्थान शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए भी लाभकारी हैं, जो समुदायों को एकजुट करने और सामाजिक समावेशन को प्रोत्साहित करने में मदद करते हैं। इसके अलावा, ये स्थान शहरी क्षेत्रों को प्राकृतिक आपदाओं, जैसे बाढ़ और गर्मी की लहरों, के प्रति अधिक लचीला बनाते हैं।
इसलिए, शहरी नियोजन में हरित स्थानों का समावेश, भविष्य के शहरों को संधारणीय और रहने योग्य बनाने के लिए आवश्यक है। इससे आर्थिक विकास और पर्यावरणीय संतुलन के बीच सामंजस्य स्थापित किया जा सकेगा।
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भारत में गैर-पारंपरिक ऊर्जा स्रोत: सौर ऊर्जा: विवरण: सूरज की किरणों को विद्युत ऊर्जा में परिवर्तित करने के लिए सौर पैनल और सौर ताप प्रणाली का उपयोग किया जाता है। महत्व: सौर ऊर्जा अत्यधिक पर्यावरण के अनुकूल है क्योंकि यह नवीकरणीय है और इससे ग्रीनहाउस गैसों का उत्सर्जन नहीं होता। पवन ऊर्जा: विवरण: पवनRead more
भारत में गैर-पारंपरिक ऊर्जा स्रोत:
पर्यावरण के अनुकूल ऊर्जा प्रदान करने में इन स्रोतों का महत्व यह है कि ये कार्बन उत्सर्जन को कम करने, प्राकृतिक संसाधनों को संरक्षित करने और दीर्घकालिक ऊर्जा सुरक्षा सुनिश्चित करने में सहायक हैं।
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