भारत सरकार की वर्तमान औद्योगिक नीति का ‘मेक इन इन्डिया’ तथा ‘स्टैण्ड अप इन्डिया’ के विशेष संदर्भ में मूल्यांकन कीजिए । (125 Words) [UPPSC 2022]
प्रधानमंत्री जन-धन योजना , जो 2014 में शुरू की गई थी, भारत में वित्तीय समावेशन को सुनिश्चित करने के लिए एक महत्वपूर्ण पहल है। इस योजना का उद्देश्य बैंकिंग सेवाओं की पहुँच को सभी भारतीय नागरिकों तक विस्तारित करना है, विशेषकर उन लोगों तक जो वित्तीय सेवाओं से वंचित हैं। प्रधानमंत्री जन-धन योजना की भूमिRead more
प्रधानमंत्री जन-धन योजना , जो 2014 में शुरू की गई थी, भारत में वित्तीय समावेशन को सुनिश्चित करने के लिए एक महत्वपूर्ण पहल है। इस योजना का उद्देश्य बैंकिंग सेवाओं की पहुँच को सभी भारतीय नागरिकों तक विस्तारित करना है, विशेषकर उन लोगों तक जो वित्तीय सेवाओं से वंचित हैं।
प्रधानमंत्री जन-धन योजना की भूमिका का मूल्यांकन:
बैंक खाता खोलना: योजना के तहत लाखों लोगों को बिना किसी न्यूनतम बैलेंस के बैंक खाते खोलने की सुविधा मिली है। इससे वित्तीय सेवा की पहुँच में सुधार हुआ है।
वित्तीय साक्षरता: योजना ने ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में वित्तीय शिक्षा को बढ़ावा दिया है, जिससे लोग बैंकिंग सेवाओं और उत्पादों के लाभ को समझने लगे हैं।
डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (DBT): जन-धन खातों के माध्यम से सरकारी सब्सिडी और लाभ सीधे खाताधारकों के खातों में ट्रांसफर किए जाते हैं, जिससे वित्तीय पारदर्शिता और भ्रष्ट्राचार में कमी आई है।
बीमा और पेंशन योजनाएँ: योजना के अंतर्गत खाता धारकों को दुर्घटना बीमा और जीवन बीमा जैसे लाभ मिलते हैं, जिससे सामाजिक सुरक्षा में सुधार हुआ है।
डिजिटल लेनदेन को बढ़ावा: जन-धन खातों को आधार से लिंक कर डिजिटल लेनदेन को प्रोत्साहित किया गया है, जिससे वित्तीय समावेशन में वृद्धि हुई है।
कुल मिलाकर, प्रधानमंत्री जन-धन योजना ने भारत में वित्तीय समावेशन को व्यापक रूप से बढ़ावा दिया है, और इससे आर्थिक और सामाजिक स्थिरता में महत्वपूर्ण योगदान मिला है।
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भारत सरकार की वर्तमान औद्योगिक नीति: 'मेक इन इंडिया' और 'स्टैंड अप इंडिया' 'मेक इन इंडिया': उद्देश्य: 2014 में शुरू की गई इस योजना का उद्देश्य भारत को वैश्विक विनिर्माण हब बनाना है। सफलताएँ: इसने FDI (विदेशी प्रत्यक्ष निवेश) को आकर्षित किया और उद्योगों के विकास को बढ़ावा दिया। उदाहरण के लिए, भारत केRead more
भारत सरकार की वर्तमान औद्योगिक नीति: ‘मेक इन इंडिया’ और ‘स्टैंड अप इंडिया’
‘मेक इन इंडिया’:
‘स्टैंड अप इंडिया’:
मूल्यांकन: ये नीतियाँ औद्योगिक वृद्धि और सामाजिक समावेश को बढ़ावा देती हैं, लेकिन कार्यान्वयन में सुधार और चुनौतियों को दूर करने की आवश्यकता है।
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