सोने के लिए भारतीयों के उन्माद ने हाल के वर्षों में सोने के आयात में प्रोत्कर्ष (उछाल) उत्पन्न कर दिया है और भुगतान संतुलन और रुपए के बाह्य मूल्य पर दबाव डाला है। इसको देखते हुए, स्वर्ण मुद्रीकरण योजना के ...
देखभाल अर्थव्यवस्था और मुद्रीकृत अर्थव्यवस्था के बीच अंतर: देखभाल अर्थव्यवस्था: परिभाषा: देखभाल अर्थव्यवस्था में वे सेवाएँ शामिल हैं जो घर और समुदाय में देखभाल के काम को समर्पित होती हैं, जैसे कि बच्चों की देखभाल, बुजुर्गों की देखभाल, और घरेलू कामकाज। यह मुख्यतः अनौपचारिक क्षेत्र में होती है और इसमेRead more
देखभाल अर्थव्यवस्था और मुद्रीकृत अर्थव्यवस्था के बीच अंतर:
देखभाल अर्थव्यवस्था:
- परिभाषा: देखभाल अर्थव्यवस्था में वे सेवाएँ शामिल हैं जो घर और समुदाय में देखभाल के काम को समर्पित होती हैं, जैसे कि बच्चों की देखभाल, बुजुर्गों की देखभाल, और घरेलू कामकाज। यह मुख्यतः अनौपचारिक क्षेत्र में होती है और इसमें महिलाओं का प्रमुख योगदान होता है।
- अवस्था: इसमें कई बार वेतन या सामाजिक मान्यता नहीं मिलती, और यह अक्सर स्वैच्छिक या परिवारिक जिम्मेदारी के रूप में देखी जाती है।
- उदाहरण: भारत में महिलाएं परिवार की देखभाल और घरेलू कामकाज की अधिकांश जिम्मेदारी निभाती हैं, जो आर्थिक रूप से मापी नहीं जाती।
मुद्रीकृत अर्थव्यवस्था:
- परिभाषा: मुद्रीकृत अर्थव्यवस्था वह है जिसमें सभी आर्थिक गतिविधियाँ बाजार में वित्तीय लेन-देन के माध्यम से संचालित होती हैं। इसमें औपचारिक कार्यक्षेत्र, वेतन, और सामाजिक सुरक्षा योजनाएँ शामिल होती हैं।
- अवस्था: इसमें आर्थिक गतिविधियाँ औपचारिक रूप से मापी जाती हैं और इसके लिए पारिश्रमिक प्राप्त होता है।
- उदाहरण: IT सेक्टर, सरकारी सेवाएँ, और औद्योगिक क्षेत्र में कामकाजी गतिविधियाँ जो औपचारिक और मुद्रीकृत होती हैं।
महिला सशक्तिकरण के माध्यम से देखभाल अर्थव्यवस्था को मुद्रीकृत अर्थव्यवस्था में लाना:
- शिक्षा और प्रशिक्षण: महिलाओं को पेशेवर कौशल और शिक्षा प्रदान कर उनकी देखभाल क्षमताओं को पेशेवर क्षेत्र में बदलना। उदाहरण के तौर पर, भारत सरकार ने “स्टार्टअप इंडिया” योजना के अंतर्गत महिला उद्यमियों को समर्थन प्रदान किया है।
- सामाजिक सुरक्षा योजनाएँ: देखभाल कार्य में लगे लोगों के लिए वेतन और सामाजिक सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए नीतियाँ बनाना। जैसे कि, “आंगनवाड़ी सेविकाओं” को नियमित वेतन और सुविधाएँ प्रदान करने के प्रयास।
- मान्यता और समर्थन: देखभाल कार्य को औपचारिक रूप से मान्यता देना और उसके लिए उचित पारिश्रमिक तय करना। उदाहरण के लिए, कनाडा ने घरेलू कामकाजी श्रमिकों के लिए न्यूनतम वेतन और कानूनी सुरक्षा का प्रावधान किया है।
- पारिवारिक और कार्यस्थल समर्थन: महिलाओं को परिवार और कार्यस्थल पर समान अवसर प्रदान करना और मितव्ययी कामकाजी नीतियाँ लागू करना। भारत में मातृत्व लाभ कानून और कार्य-जीवन संतुलन के प्रयास इस दिशा में महत्वपूर्ण कदम हैं।
इस प्रकार, महिला सशक्तिकरण से देखभाल अर्थव्यवस्था को मुद्रीकृत अर्थव्यवस्था में बदलने के लिए शिक्षा, सामाजिक सुरक्षा, मान्यता और समर्थन आवश्यक हैं।
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भारतीयों के सोने के उन्माद का प्रभाव और स्वर्ण मुद्रीकरण योजना के गुण भारतीयों का सोने के प्रति उन्माद ने हाल के वर्षों में सोने के आयात में तेजी ला दी है, जिससे भुगतान संतुलन पर दबाव पड़ा है और रुपए के बाह्य मूल्य में गिरावट आई है। उदाहरण के लिए, 2022 में भारत ने लगभग 40 अरब डॉलर का सोना आयात किया,Read more
भारतीयों के सोने के उन्माद का प्रभाव और स्वर्ण मुद्रीकरण योजना के गुण
भारतीयों का सोने के प्रति उन्माद ने हाल के वर्षों में सोने के आयात में तेजी ला दी है, जिससे भुगतान संतुलन पर दबाव पड़ा है और रुपए के बाह्य मूल्य में गिरावट आई है। उदाहरण के लिए, 2022 में भारत ने लगभग 40 अरब डॉलर का सोना आयात किया, जिससे व्यापार घाटा बढ़ा और रुपए पर दबाव बढ़ा।
स्वर्ण मुद्रीकरण योजना के गुण
स्वर्ण मुद्रीकरण योजना (GMS), जो 2015 में शुरू की गई थी, इन समस्याओं का समाधान करने के लिए तैयार की गई है। इसके प्रमुख गुण निम्नलिखित हैं:
इस प्रकार, स्वर्ण मुद्रीकरण योजना सोने के आयात निर्भरता को कम करने, घरेलू तरलता को बढ़ाने, रुपए की स्थिरता को सुनिश्चित करने और वित्तीय समावेशन को बढ़ावा देने में सहायक होती है।
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