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ऊर्जा क्या है? इसके विभिन्न रूपों का वर्णन कीजिए। रिन्यूएबल ऊर्जा के बारे में विस्तार से चर्चा कीजिए।
परिचय: ऊर्जा वह क्षमता है जिसका उपयोग कार्य करने या परिवर्तन लाने के लिए किया जा सकता है। ऊर्जा विभिन्न रूपों में मौजूद होती है और यह प्राकृतिक और मानव-निर्मित प्रक्रियाओं में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। ऊर्जा के विभिन्न रूप: कीनेटिक ऊर्जा (Kinetic Energy): विवरण: यह ऊर्जा वस्तुओं की गति के कारण होRead more
परिचय: ऊर्जा वह क्षमता है जिसका उपयोग कार्य करने या परिवर्तन लाने के लिए किया जा सकता है। ऊर्जा विभिन्न रूपों में मौजूद होती है और यह प्राकृतिक और मानव-निर्मित प्रक्रियाओं में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
ऊर्जा के विभिन्न रूप:
रिन्यूएबल ऊर्जा: रिन्यूएबल ऊर्जा उन स्रोतों से प्राप्त होती है जो प्राकृतिक रूप से निरंतर पुनः प्राप्त होते हैं और इन्हें उपयोग करने से पर्यावरण पर कम नकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
1. सौर ऊर्जा (Solar Energy):
2. पवन ऊर्जा (Wind Energy):
3. जलविद्युत ऊर्जा (Hydropower):
4. बायोमास ऊर्जा (Biomass Energy):
5. जियोथर्मल ऊर्जा (Geothermal Energy):
फायदे और चुनौतियाँ:
निष्कर्ष: ऊर्जा विभिन्न रूपों में उपलब्ध है, और रिन्यूएबल ऊर्जा स्रोत जैसे सौर, पवन, जलविद्युत, बायोमास, और जियोथर्मल ऊर्जा, पर्यावरण के अनुकूल और स्थायी विकल्प प्रदान करते हैं। हालिया उदाहरण और प्रौद्योगिकी में प्रगति रिन्यूएबल ऊर्जा की महत्ता और संभावनाओं को उजागर करते हैं।
See lessदेश में नवीकरणीय ऊर्जा के स्रोतों के संदर्भ में इनकी वर्तमान स्थिति और प्राप्त किए जाने वाले लक्ष्यों का विवरण दीजिए। प्रकाश उत्सर्जक डायोड (एल० ई० डी०) पर राष्ट्रीय कार्यक्रम के महत्त्व की विवेचना संक्षेप में कीजिए। (200 words) [UPSC 2016]
देश में नवीकरणीय ऊर्जा के स्रोतों की वर्तमान स्थिति और प्राप्त किए जाने वाले लक्ष्य भारत ने नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में महत्वपूर्ण प्रगति की है, और इसका उद्देश्य 2030 तक 500 गीगावॉट नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता प्राप्त करना है। वर्तमान में, भारत की कुल नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता 176 गीगावॉट है, जिसमें प्रमुखRead more
देश में नवीकरणीय ऊर्जा के स्रोतों की वर्तमान स्थिति और प्राप्त किए जाने वाले लक्ष्य
भारत ने नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में महत्वपूर्ण प्रगति की है, और इसका उद्देश्य 2030 तक 500 गीगावॉट नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता प्राप्त करना है। वर्तमान में, भारत की कुल नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता 176 गीगावॉट है, जिसमें प्रमुख स्रोत निम्नलिखित हैं:
भारत की सौर ऊर्जा क्षमता लगभग 61 गीगावॉट है। सौर पार्कों और सौर Rooftop परियोजनाओं ने इस क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। 2023 में, भारत ने 30,000 मेगावॉट की सौर ऊर्जा क्षमता का लक्ष्य पूरा किया।
भारत की पवन ऊर्जा क्षमता लगभग 42 गीगावॉट है। तमिलनाडु और गुजरात जैसे राज्यों में बड़े पवन ऊर्जा पार्क स्थापित किए गए हैं।
बायोमास और छोटे जलविद्युत परियोजनाएँ मिलाकर लगभग 27 गीगावॉट की क्षमता है।
प्रकाश उत्सर्जक डायोड (LED) पर राष्ट्रीय कार्यक्रम का महत्त्व
प्रकाश उत्सर्जक डायोड (LED) पर राष्ट्रीय कार्यक्रम ने ऊर्जा दक्षता में क्रांति ला दी है। इसके महत्त्व को निम्नलिखित बिंदुओं के माध्यम से समझा जा सकता है:
LED बल्ब पारंपरिक इन्कैंडसेंट बल्बों की तुलना में 80% तक अधिक ऊर्जा बचाते हैं। 2019 में, भारत ने लगभग 36 करोड़ LED बल्ब वितरित किए, जिससे बिजली की बचत में योगदान मिला।
LED बल्ब की लंबी उम्र और कम ऊर्जा खपत से लंबे समय तक लागत में कमी आई है। यह गरीब और ग्रामीण इलाकों में ऊर्जा खर्च को कम करने में मदद करता है।
LEDs की कम ऊर्जा खपत और कम कार्बन उत्सर्जन से पर्यावरण पर सकारात्मक प्रभाव पड़ा है, जिससे भारत की जलवायु लक्ष्यों की दिशा में प्रगति हुई है।
निष्कर्ष
नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में भारत की प्रगति और LED पर राष्ट्रीय कार्यक्रम दोनों ही ऊर्जा सुरक्षा और पर्यावरणीय स्थिरता की दिशा में महत्वपूर्ण कदम हैं। ये उपाय भारत को सतत विकास की ओर अग्रसर करने में सहायक हैं।
See lessजवाहरलाल नेहरू राष्ट्रीय सौर ऊर्जा मिशन (JNNSM) कब प्रारंभ किया गया था?
जवाहरलाल नेहरू राष्ट्रीय सौर ऊर्जा मिशन (JNNSM) कब प्रारंभ किया गया था? परिचय जवाहरलाल नेहरू राष्ट्रीय सौर ऊर्जा मिशन (JNNSM) भारत सरकार द्वारा स्थापित एक महत्वपूर्ण पहल है जिसका उद्देश्य सौर ऊर्जा के क्षेत्र में भारत की स्थिति को मजबूत करना है। यह मिशन भारत की ऊर्जा सुरक्षा और पर्यावरण संरक्षण के लRead more
जवाहरलाल नेहरू राष्ट्रीय सौर ऊर्जा मिशन (JNNSM) कब प्रारंभ किया गया था?
परिचय
जवाहरलाल नेहरू राष्ट्रीय सौर ऊर्जा मिशन (JNNSM) भारत सरकार द्वारा स्थापित एक महत्वपूर्ण पहल है जिसका उद्देश्य सौर ऊर्जा के क्षेत्र में भारत की स्थिति को मजबूत करना है। यह मिशन भारत की ऊर्जा सुरक्षा और पर्यावरण संरक्षण के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है।
JNNSM की शुरुआत
1. प्रारंभिक तारीख: जवाहरलाल नेहरू राष्ट्रीय सौर ऊर्जा मिशन (JNNSM) की शुरुआत 11 जनवरी 2010 को की गई थी। इसे भारत सरकार ने सौर ऊर्जा के विकास और उपयोग को बढ़ावा देने के लिए स्थापित किया।
2. उद्देश्य: इस मिशन का मुख्य उद्देश्य 2022 तक सौर ऊर्जा से 20,000 मेगावाट बिजली उत्पादन करना है। इसमें सौर ऊर्जा को एक प्रमुख ऊर्जा स्रोत के रूप में स्थापित करने पर ध्यान केंद्रित किया गया है।
3. प्रमुख पहल:
4. हालिया उदाहरण:
निष्कर्ष
जवाहरलाल नेहरू राष्ट्रीय सौर ऊर्जा मिशन (JNNSM) की शुरुआत 11 जनवरी 2010 को की गई थी। इस मिशन ने भारत को सौर ऊर्जा के क्षेत्र में महत्वपूर्ण प्रगति करने में सक्षम बनाया है और ऊर्जा सुरक्षा एवं पर्यावरण संरक्षण की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं।
See lessऊर्जा के पारम्परिक स्रोत से क्या तात्पर्य है?
ऊर्जा के पारंपरिक स्रोत से क्या तात्पर्य है? **1. पारंपरिक ऊर्जा स्रोत की परिभाषा: पारंपरिक ऊर्जा स्रोत: ये वे ऊर्जा स्रोत हैं जिनका उपयोग कई वर्षों से किया जा रहा है और ये सामान्यतः प्राकृतिक संसाधनों से प्राप्त होते हैं। ये मुख्यतः गैर-नवीकरणीय होते हैं और औद्योगिकीकरण और आर्थिक विकास के लिए प्रमुRead more
ऊर्जा के पारंपरिक स्रोत से क्या तात्पर्य है?
**1. पारंपरिक ऊर्जा स्रोत की परिभाषा:
**2. पारंपरिक ऊर्जा स्रोतों की प्रकार:
**3. पारंपरिक ऊर्जा स्रोतों के लाभ:
**4. पारंपरिक ऊर्जा स्रोतों के नुकसान:
**5. हाल के उदाहरण और रुझान:
**6. निष्कर्ष:
भू-तापीय ऊर्जा से बिजली कैसे बनती है?
भू-तापीय ऊर्जा पृथ्वी की सतह के नीचे संग्रहीत गर्मी से प्राप्त की जाती है। इस गर्मी को विभिन्न विधियों के माध्यम से बिजली उत्पन्न करने के लिए उपयोग किया जाता है। भू-तापीय ऊर्जा का उपयोग करने की प्रक्रिया में कई महत्वपूर्ण चरण और प्रौद्योगिकियाँ शामिल होती हैं। मुख्य बिंदु: भू-तापीय ऊर्जा की समझ भू-तRead more
भू-तापीय ऊर्जा पृथ्वी की सतह के नीचे संग्रहीत गर्मी से प्राप्त की जाती है। इस गर्मी को विभिन्न विधियों के माध्यम से बिजली उत्पन्न करने के लिए उपयोग किया जाता है। भू-तापीय ऊर्जा का उपयोग करने की प्रक्रिया में कई महत्वपूर्ण चरण और प्रौद्योगिकियाँ शामिल होती हैं।
मुख्य बिंदु:
निष्कर्ष
भू-तापीय ऊर्जा से बिजली उत्पन्न करने की प्रक्रिया में पृथ्वी की सतह के नीचे की गर्मी का उपयोग करके बिजली उत्पन्न की जाती है। ड्राई स्टीम, फ्लैश स्टीम, और बाइनरी साइकिल प्लांट्स जैसे विभिन्न विधियाँ इस प्रक्रिया का हिस्सा हैं। हाल के उदाहरण जैसे गिज़र, हेलिसेइड़ी पावर स्टेशन, और क्राफला प्लांट भू-तापीय ऊर्जा के व्यावहारिक अनुप्रयोग और लाभों को प्रदर्शित करते हैं। जबकि भू-तापीय ऊर्जा स्थिरता और कम उत्सर्जन जैसे महत्वपूर्ण लाभ प्रदान करती है, यह स्थान, लागत और संभावित सिस्मिक प्रभावों से संबंधित चुनौतियों का सामना करती है। कुल मिलाकर, भू-तापीय ऊर्जा नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों की ओर वैश्विक शिफ्ट में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है और एक स्थिर और सस्टेनेबल ऊर्जा आपूर्ति में योगदान करती है।
See lessभारत में ऊर्जा संकट के कारणों की विवेचना कीजिये। (125 Words) [UPPSC 2019]
भारत में ऊर्जा संकट के कारण 1. जीवाश्म ईंधन पर निर्भरता: सीमित संसाधन: भारत की ऊर्जा जरूरतों का बड़ा हिस्सा कोयला, तेल, और प्राकृतिक गैस पर निर्भर है। कोल इंडिया लिमिटेड (CIL) कोयला उत्पादन में बढ़ोतरी की चुनौतियों का सामना कर रहा है, जिससे आपूर्ति में कमी आती है। आयात पर निर्भरता: तेल और गैस का अधिRead more
भारत में ऊर्जा संकट के कारण
1. जीवाश्म ईंधन पर निर्भरता:
2. अवसंरचना की कमी:
3. ऊर्जा का अव्यवस्थित उपयोग:
4. पर्यावरणीय चिंताएँ:
निष्कर्ष: भारत में ऊर्जा संकट का मुख्य कारण जीवाश्म ईंधन पर निर्भरता, अवसंरचना की कमी, ऊर्जा उपयोग की अक्षमता, और पर्यावरणीय चिंताएँ हैं। इन समस्याओं के समाधान के लिए नवीकरणीय ऊर्जा में निवेश और अवसंरचना उन्नयन आवश्यक है।
See lessए-सी.एन.जी.' क्या है? इसका विभिन्न उपयोग बताइये। (125 Words) [UPPSC 2020]
ए-सी.एन.जी. (S.CNG): परिभाषा और उपयोग परिभाषा: ए-सी.एन.जी. (S.CNG) का मतलब है सक्शन-कूल्ड कम्प्रेस्ड नेचुरल गैस। यह कम्प्रेस्ड नेचुरल गैस (CNG) का एक विशेष प्रकार है जिसमें गैस को सक्शन के दौरान ठंडा किया जाता है, जिससे प्रदर्शन और ऊर्जा दक्षता में सुधार होता है। विभिन्न उपयोग: 1. ऑटोमोटिव ईंधन: S.CRead more
ए-सी.एन.जी. (S.CNG): परिभाषा और उपयोग
परिभाषा: ए-सी.एन.जी. (S.CNG) का मतलब है सक्शन-कूल्ड कम्प्रेस्ड नेचुरल गैस। यह कम्प्रेस्ड नेचुरल गैस (CNG) का एक विशेष प्रकार है जिसमें गैस को सक्शन के दौरान ठंडा किया जाता है, जिससे प्रदर्शन और ऊर्जा दक्षता में सुधार होता है।
विभिन्न उपयोग:
1. ऑटोमोटिव ईंधन: S.CNG का मुख्य उपयोग वाहनों में ईंधन के रूप में किया जाता है। डेली और मुंबई जैसे शहरों में, CNG वाहनों का उपयोग वायु प्रदूषण कम करने और इंधन लागत घटाने के लिए किया जा रहा है।
2. पावर जनरेशन: S.CNG को स्थिर इंजन में पावर जनरेशन के लिए उपयोग किया जाता है, जैसे कि औद्योगिक क्षेत्रों में बिजली उत्पादन के लिए।
3. औद्योगिक उपयोग: यह औद्योगिक प्रक्रियाओं में भी उपयोग होता है जहां साफ और स्थिर ईंधन की आवश्यकता होती है, जिससे पर्यावरणीय प्रभाव कम होता है।
निष्कर्ष: S.CNG ईंधन दक्षता और पर्यावरणीय लाभ को बढ़ाता है, और इसका उपयोग वाहनों, पावर जनरेशन, और औद्योगिक प्रक्रियाओं में किया जाता है।
See lessपारम्परिक ऊर्जा उत्पादन के विपरीत सूर्य के प्रकाश से विद्युत् ऊर्जा प्राप्त करने के लाभों का वर्णन कीजिए। इस प्रयोजनार्थ हमारी सरकार द्वारा प्रस्तुत पहल क्या है? (250 words) [UPSC 2020]
सूर्य के प्रकाश से विद्युत् ऊर्जा प्राप्त करने के लाभ पर्यावरणीय लाभ: सौर ऊर्जा स्वच्छ और नवीकरणीय है, जो वायु प्रदूषण और ग्रीनहाउस गैसों के उत्सर्जन को कम करती है। इसके उपयोग से कार्बन फुटप्रिंट घटता है। उदाहरण के लिए, भारत का सोलर पार्क (खंभा 1,000 मेगावाट) प्रदूषण में कमी लाने में मदद करता है। अवRead more
सूर्य के प्रकाश से विद्युत् ऊर्जा प्राप्त करने के लाभ
सरकारी पहल
निष्कर्ष
सौर ऊर्जा पारंपरिक ऊर्जा स्रोतों के मुकाबले स्वच्छ, नवीकरणीय और कम लागत वाली है। भारत सरकार की पहल जैसे कि राष्ट्रीय सौर मिशन और ISA सौर ऊर्जा के प्रसार और इसके लाभों को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं। इन पहलों के माध्यम से, भारत स्थायी और पर्यावरण मित्रवत ऊर्जा भविष्य की ओर अग्रसर हो रहा है।
See lessऊर्जा की बढ़ती हुई जरूरतों के परिप्रेक्ष्य में क्या भारत को अपने नाभिकीय ऊर्जा कार्यक्रम का विस्तार करना जारी रखना चाहिए? नाभिकीय ऊर्जा से संबंधित तथ्यों एवं भयों की विवेचना कीजिए। (250 words) [UPSC 2018]
भारत में नाभिकीय ऊर्जा कार्यक्रम का विस्तार: तथ्यों और भयों की विवेचना 1. नाभिकीय ऊर्जा का महत्व: ऊर्जा की बढ़ती मांग: भारत की तेजी से बढ़ती जनसंख्या और औद्योगिकीकरण के चलते, ऊर्जा की मांग में लगातार वृद्धि हो रही है। नाभिकीय ऊर्जा एक स्थिर और उच्च उत्पादन क्षमता वाली ऊर्जा स्रोत है, जो ऊर्जा की कमीRead more
भारत में नाभिकीय ऊर्जा कार्यक्रम का विस्तार: तथ्यों और भयों की विवेचना
1. नाभिकीय ऊर्जा का महत्व:
2. नाभिकीय ऊर्जा से संबंधित तथ्यों:
3. नाभिकीय ऊर्जा से संबंधित भयों:
4. निष्कर्ष: भारत को अपनी नाभिकीय ऊर्जा कार्यक्रम का विस्तार जारी रखना चाहिए, क्योंकि यह ऊर्जा सुरक्षा और वातावरणीय स्थिरता के दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है। हालांकि, सुरक्षा संबंधी चिंताओं और न्यूक्लियर वेस्ट के प्रबंधन को ध्यान में रखते हुए, सतर्कता और सुरक्षित नीतियों को अपनाना आवश्यक है। यह सुनिश्चित करना होगा कि नाभिकीय ऊर्जा का विकास सतत और सुरक्षित तरीके से हो, ताकि इसके लाभ को जोखिम से बचाया जा सके।
See lessक्या आपके विचार में भारत अपनी ऊर्जा आवश्यकता का 50 प्रतिशत भाग, वर्ष 2030 तक नवीकरणीय ऊर्जा से प्राप्त कर लेगा ? अपने उत्तर के औचित्य को सिद्ध कीजिए। जीवाश्म ईंधनों से सब्सिडी हटाकर उसे नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों में लगाना उपर्युक्त उद्देश्य पूर्ति में किस प्रकार सहायक होगा ? समझाइए । (250 words) [UPSC 2022]
भारत का 2030 तक 50% नवीकरणीय ऊर्जा लक्ष्य **1. लक्ष्य की संभावना: भारत की प्रतिबद्धता: भारत ने 2030 तक अपनी ऊर्जा आवश्यकता का 50% भाग नवीकरणीय ऊर्जा से प्राप्त करने का लक्ष्य निर्धारित किया है, जो पेरिस समझौते के तहत राष्ट्रीय निर्धारित योगदान (NDCs) का हिस्सा है। वर्तमान प्रगति: 2024 की शुरुआत तक,Read more
भारत का 2030 तक 50% नवीकरणीय ऊर्जा लक्ष्य
**1. लक्ष्य की संभावना:
**2. हाल की पहलें:
**3. जीवाश्म ईंधनों से सब्सिडी का स्थानांतरण:
**4. चुनौतियाँ और समाधान:
निष्कर्ष: भारत द्वारा 2030 तक 50% नवीकरणीय ऊर्जा लक्ष्य प्राप्त करना संभव है यदि सही नीतियों, प्रौद्योगिकियों, और सब्सिडी की पुनरावृत्ति के माध्यम से समर्पित प्रयास जारी रहें। यह संक्रमण न केवल भारत के जलवायु लक्ष्यों को समर्थन देगा बल्कि सतत आर्थिक विकास को भी बढ़ावा देगा।
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