सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (CBDC) क्या है? भारत में इसे शुरू करने के नीतिगत निहितार्थों पर चर्चा कीजिए। (150 शब्दों में उत्तर दीजिए)
रुपये का अंतर्राष्ट्रीयकरण व्यापक लाभ भी प्रदान करता है, लेकिन इसमें कुछ जोखिम भी समाहित हैं। पहले, अंतर्राष्ट्रीय बाजारों में रुपये की मौजूदगी भारतीय अर्थव्यवस्था को विश्वासी बनाती है और नवाचारिकता को प्रोत्साहित करती है। इसके साथ ही, विदेशी निवेशकों के लिए भी संभावनाएं बढ़ जाती हैं। हालांकि, रुपयेRead more
रुपये का अंतर्राष्ट्रीयकरण व्यापक लाभ भी प्रदान करता है, लेकिन इसमें कुछ जोखिम भी समाहित हैं। पहले, अंतर्राष्ट्रीय बाजारों में रुपये की मौजूदगी भारतीय अर्थव्यवस्था को विश्वासी बनाती है और नवाचारिकता को प्रोत्साहित करती है। इसके साथ ही, विदेशी निवेशकों के लिए भी संभावनाएं बढ़ जाती हैं। हालांकि, रुपये के मूल्य में तेजी से परिवर्तन भारतीय अर्थव्यवस्था को अस्थिर बना सकता है और निरंतरता को खतरे में डाल सकता है। इसके अतिरिक्त, अन्य देशों के आर्थिक परिवर्तनों का अस्वास्थ्यकरण भी रुपये को प्रभावित कर सकता है। इसलिए, सरकार को चाहिए कि वह अंतर्राष्ट्रीय बाजारों को समझकर संज्ञान में रखे और रुपये के अंतर्राष्ट्रीयकरण को संतुलित रखने के लिए सजग रहे।
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सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (CBDC) एक नई वित्तीय प्रौद्योगिकी है जिसमें सेंट्रल बैंक द्वारा जारी की गई एक आधिकारिक वाल्यू वाली डिजिटल मुद्रा होती है। यह विभिन्न देशों द्वारा विचारों में है क्योंकि इसके अनुमानित लाभ और चुनौतियों का अध्ययन किया जा रहा है। भारत में CBDC को शुरू करने के नीतिगत निहितार्थRead more
सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (CBDC) एक नई वित्तीय प्रौद्योगिकी है जिसमें सेंट्रल बैंक द्वारा जारी की गई एक आधिकारिक वाल्यू वाली डिजिटल मुद्रा होती है। यह विभिन्न देशों द्वारा विचारों में है क्योंकि इसके अनुमानित लाभ और चुनौतियों का अध्ययन किया जा रहा है।
भारत में CBDC को शुरू करने के नीतिगत निहितार्थ वित्तीय समावेशन, भुगतान प्रणालियों का सुधार, अनियमितता कम करना, वित्तीय समावेशन में वृद्धि, और भारतीय रुपये के अंतरराष्ट्रीय प्रतिष्ठा को बढ़ावा देना शामिल है। इसके अलावा, CBDC नकदी के उपयोग को कम करने में मददगार हो सकता है, डिजिटल भुगतान की सुविधा प्रदान कर सकता है, और फिनटेक सेक्टर को बढ़ावा दे सकता है।
इन सभी कारणों से, CBDC भारतीय अर्थव्यवस्था में एक महत्वपूर्ण कदम हो सकता है जो नकदी का उपयोग करने के विकास को गति दे सकता है और डिजिटल अर्थव्यवस्था की दिशा में प्रेरित कर सकता है।
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