मुद्रा के विभिन्न कार्यों का उल्लेख करते हुए, अन्य प्रकार की परिसंपत्तियों की तुलना में इसके लाभों का वर्णन कीजिए।(उत्तर 200 शब्दों में दें)
भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) मौद्रिक नीति के माध्यम से अर्थव्यवस्था को नियंत्रित करता है और वित्तीय स्थिरता बनाए रखता है। इसके मुख्य साधनों में प्रमुख ब्याज दरों को नियंत्रित करना, रिज़र्व रेपोर्ट रेट (RRR), कैश रिज़र्व रेट (CRR), और ओपेन मार्केट ऑपरेशंस (OMO) शामिल हैं। प्रमुख ब्याज दरें: RBI रेपो रेटRead more
भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) मौद्रिक नीति के माध्यम से अर्थव्यवस्था को नियंत्रित करता है और वित्तीय स्थिरता बनाए रखता है। इसके मुख्य साधनों में प्रमुख ब्याज दरों को नियंत्रित करना, रिज़र्व रेपोर्ट रेट (RRR), कैश रिज़र्व रेट (CRR), और ओपेन मार्केट ऑपरेशंस (OMO) शामिल हैं।
- प्रमुख ब्याज दरें: RBI रेपो रेट और रिवर्स रेपो रेट को निर्धारित करता है, जो बैंकों के लिए उधारी की लागत को प्रभावित करते हैं। इसके माध्यम से, RBI अर्थव्यवस्था में तरलता की मात्रा को नियंत्रित करता है और मुद्रास्फीति को नियंत्रित करने में मदद करता है।
- कैश रिज़र्व रेट (CRR): बैंकों को अपनी कुल जमा राशि का एक निश्चित प्रतिशत RBI के पास जमा करना होता है। इससे बैंकों के पास उपलब्ध तरलता की मात्रा को नियंत्रित किया जाता है।
- ओपेन मार्केट ऑपरेशंस (OMO): RBI सरकारी सिक्योरिटीज की खरीद और बिक्री करके बाजार में मुद्रा की आपूर्ति को नियंत्रित करता है।
RBI सरकार के लिए एक बैंकर के रूप में कार्य करता है। यह सरकारी खाता संचालित करता है, सरकारी कर्ज का प्रबंधन करता है, और सरकारी धन के लेनदेन में सहायता करता है। यह न केवल सरकारी पॉलिसी को कार्यान्वित करने में मदद करता है बल्कि सरकारी बांडों की बिक्री और खरीद में भी योगदान करता है, जिससे वित्तीय स्थिरता और पूंजी बाजार की दक्षता बढ़ती है। इस प्रकार, RBI मौद्रिक नीति के साधनों के माध्यम से वाणिज्यिक बैंकों और सरकार दोनों के लिए एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
See less
मुद्रा के मुख्य कार्यों में आदान-प्रदान का माध्यम, मूल्य मापने का यंत्र, और भविष्य के भुगतान के लिए संचित करने का साधन शामिल हैं। यह सुविधाएँ मुद्रा को अन्य परिसंपत्तियों, जैसे कि संपत्तियां या सोना, से अलग बनाती हैं। मुद्रा आदान-प्रदान के लिए सबसे सरल और सुलभ माध्यम है, जबकि संपत्तियां और सोना ट्राRead more
मुद्रा के मुख्य कार्यों में आदान-प्रदान का माध्यम, मूल्य मापने का यंत्र, और भविष्य के भुगतान के लिए संचित करने का साधन शामिल हैं। यह सुविधाएँ मुद्रा को अन्य परिसंपत्तियों, जैसे कि संपत्तियां या सोना, से अलग बनाती हैं। मुद्रा आदान-प्रदान के लिए सबसे सरल और सुलभ माध्यम है, जबकि संपत्तियां और सोना ट्रांजेक्शन के लिए अधिक समय और लागत ले सकते हैं। मूल्य मापने में मुद्रा की भूमिका से कीमतों की तुलना और व्यापार सरल हो जाता है, जो अन्य परिसंपत्तियों में कठिन हो सकता है। अंततः, मुद्रा तरलता के मामले में भी श्रेष्ठ है, क्योंकि इसे आसानी से सहेजा और उपयोग किया जा सकता है, जबकि संपत्तियों और सोने को परिवर्तित करने में अधिक समय और प्रयास लगता है। इसलिए, मुद्रा की तरलता और सुविधा इसे अन्य परिसंपत्तियों की तुलना में एक महत्वपूर्ण और प्रभावी विकल्प बनाते हैं।
See less