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नीति निर्माण प्रक्रिया में गैर-सरकारी संगठनों की भूमिका का विवेचना कीजिए। (125 Words) [UPPSC 2022]
नीति निर्माण प्रक्रिया में गैर-सरकारी संगठनों (NGOs) की भूमिका अधिवक्तापन और जागरूकता: NGOs अधिवक्तापन और जागरूकता फैलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। उदाहरण के लिए, ग्लोबल हंगर इंडेक्स पर काम करने वाले संगठनों ने भुखमरी के मुद्दे को उजागर किया, जिससे पॉलिसी रिफॉर्म्स को बढ़ावा मिला। अनुसंधान औRead more
नीति निर्माण प्रक्रिया में गैर-सरकारी संगठनों (NGOs) की भूमिका
निष्कर्ष
NGOs नीति निर्माण प्रक्रिया में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, जिससे नीतियों की प्रभावशीलता और समावेशिता में सुधार होता है। इनका योगदान अधिवक्तापन, अनुसंधान, कार्यान्वयन, और मूल्यांकन के रूप में होता है।
See lessभारत में ई-गवर्नेस में पारदर्शिता और जवाबदेहिता को बढ़ावा देने में ओपन डेटा क्या भूमिका निभा सकता है? देश में ओपन डेटा की गुणवत्ता और विश्वसनीयता सुनिश्चित करने में कौन-सी चुनौतियां विद्यमान हैं? (250 शब्दों में उत्तर दीजिए)
ओपन डेटा भारत में ई-गवर्नेस में पारदर्शिता और जवाबदेहिता को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। यह सार्वजनिक रूप से उपलब्ध डेटा है जिसे जनता, अनुसंधानकर्ता, और व्यवसायिक संगठन उपयोग कर सकते हैं। ओपन डेटा को उपयोग करके सरकार अपने निर्णयों के लिए सार्वजनिक जानकारी उपलब्ध करा सकती है और जनतRead more
ओपन डेटा भारत में ई-गवर्नेस में पारदर्शिता और जवाबदेहिता को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। यह सार्वजनिक रूप से उपलब्ध डेटा है जिसे जनता, अनुसंधानकर्ता, और व्यवसायिक संगठन उपयोग कर सकते हैं। ओपन डेटा को उपयोग करके सरकार अपने निर्णयों के लिए सार्वजनिक जानकारी उपलब्ध करा सकती है और जनता को सरकारी कामकाज में पारदर्शिता और भागीदारी प्रदान कर सकती है।
ओपन डेटा की गुणवत्ता और विश्वसनीयता सुनिश्चित करने में कई चुनौतियाँ हैं। इनमें सबसे मुख्य हैं डेटा की सुरक्षा और गोपनीयता। सरकार को उपयुक्त तकनीकी सुरक्षा उपाय अपनाने और डेटा की सही गोपनीयता सुनिश्चित करने की जरूरत है।
अगली चुनौती है डेटा की गुणवत्ता। डेटा का सत्यापन, मानकीकरण, और संगठन करना मुश्किल हो सकता है।
तीसरी चुनौती है तकनीकी और मानव संसाधनों की कमी। ओपन डेटा के प्रबंधन और गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए उचित संसाधनों की आवश्यकता है।
इन चुनौतियों का सामना करने के लिए, सरकार को सशक्त डेटा प्रबंधन नीतियों को अपनाना होगा ताकि ओपन डेटा का सही उपयोग किया जा सके और लोगों को भरोसा और पारदर्शिता मिल सके।
See lessगति-शक्ति योजना को संयोजकता के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए सरकार और निजी क्षेत्र के मध्य सतर्क समन्वय की आवश्यकता है। विवेचना कीजिए। (150 words)[UPSC 2022]
गति-शक्ति योजना के संयोजकता के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए सरकार और निजी क्षेत्र के मध्य सतर्क समन्वय अत्यंत आवश्यक है। इस योजना के तहत, सरकार की भूमिका परियोजनाओं के लिए नीतिगत दिशा-निर्देश प्रदान करना, आवश्यक अनुमतियों की प्रक्रिया को सरल बनाना और बुनियादी ढांचे का समन्वय सुनिश्चित करना है। निजीRead more
गति-शक्ति योजना के संयोजकता के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए सरकार और निजी क्षेत्र के मध्य सतर्क समन्वय अत्यंत आवश्यक है। इस योजना के तहत, सरकार की भूमिका परियोजनाओं के लिए नीतिगत दिशा-निर्देश प्रदान करना, आवश्यक अनुमतियों की प्रक्रिया को सरल बनाना और बुनियादी ढांचे का समन्वय सुनिश्चित करना है।
निजी क्षेत्र निवेश, तकनीकी नवाचार और कार्यान्वयन में विशेषज्ञता प्रदान करता है। इनके बीच सटीक समन्वय से परियोजनाओं का तेजी से निष्पादन होता है, लागत में कमी आती है, और संसाधनों का कुशल उपयोग होता है।
सतर्क समन्वय के माध्यम से सरकारी योजनाओं और निजी पहलों को बेहतर ढंग से समन्वित किया जा सकता है, जिससे अंततः सुगम और प्रभावी संपर्कता का निर्माण होगा। इस प्रकार, दोनों क्षेत्रों की भूमिका एक साथ काम करके ही गति-शक्ति योजना के उद्देश्य को पूरा किया जा सकता है।
See lessभारत में लोकतांत्रिक प्रक्रिया के सुदृढ़ीकरण में सिविल सेवकों की भूमिका को स्पष्ट कीजिए। (200 Words) [UPPSC 2023]
भारत में लोकतांत्रिक प्रक्रिया के सुदृढ़ीकरण में सिविल सेवकों की भूमिका 1. प्रशासनिक निष्पक्षता: समर्पण और निष्पक्षता: सिविल सेवक निष्पक्ष और प्रभावी प्रशासन सुनिश्चित करते हैं, जिससे लोकतांत्रिक प्रक्रियाएँ सुचारु रूप से चलती हैं। उनके द्वारा नीति निर्माण और कार्यान्वयन में निष्पक्षता और समर्पण सेRead more
भारत में लोकतांत्रिक प्रक्रिया के सुदृढ़ीकरण में सिविल सेवकों की भूमिका
1. प्रशासनिक निष्पक्षता:
2. लोगों की सेवा और अधिकार संरक्षण:
3. विकासात्मक कार्य:
4. सार्वजनिक शिकायत निवारण:
5. आर्थिक और सामाजिक नीतियों का कार्यान्वयन:
6. संविधान की रक्षा:
निष्कर्ष: सिविल सेवक भारत में लोकतांत्रिक प्रक्रिया के सुदृढ़ीकरण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। उनका निष्पक्ष प्रशासन, जन सेवा, और नीति कार्यान्वयन लोकतंत्र की स्थिरता और प्रभावशीलता को बनाए रखता है।
See lessनागरिक अधिकार पत्र क्या है? नागरिकों के कल्याण में इसकी क्या भूमिका है ? (200 Words) [UPPSC 2023]
नागरिक अधिकार पत्र: परिभाषा और भूमिका 1. नागरिक अधिकार पत्र (Citizen's Charter): नागरिक अधिकार पत्र एक संस्थागत दस्तावेज है जो सार्वजनिक सेवाओं के प्रस्ताव और मानकों को स्पष्ट करता है। इसमें सरकारी या निजी संस्थानों द्वारा प्रदाताओं को सेवा की गुणवत्ता, समय सीमा, और उत्तरदायित्व के मानक शामिल होते हRead more
नागरिक अधिकार पत्र: परिभाषा और भूमिका
1. नागरिक अधिकार पत्र (Citizen’s Charter): नागरिक अधिकार पत्र एक संस्थागत दस्तावेज है जो सार्वजनिक सेवाओं के प्रस्ताव और मानकों को स्पष्ट करता है। इसमें सरकारी या निजी संस्थानों द्वारा प्रदाताओं को सेवा की गुणवत्ता, समय सीमा, और उत्तरदायित्व के मानक शामिल होते हैं। इसका उद्देश्य पारदर्शिता, जवाबदेही, और ग्राहक सेवा को बढ़ावा देना है।
2. कल्याण में भूमिका:
3. उदाहरण: भारत में सार्वजनिक सेवा गारंटी कानून और म्यूनिसिपल चाटर्स जैसे दस्तावेज़ नागरिकों को सेवा के मानक और शिकायत निवारण प्रक्रिया को स्पष्ट करते हैं।
निष्कर्ष: नागरिक अधिकार पत्र सेवा की गुणवत्ता, पारदर्शिता, और जवाबदेही को बढ़ावा देते हुए नागरिकों के कल्याण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह सरकारी और निजी संस्थानों की सर्विस डिलीवरी को बेहतर बनाने में सहायक होता है।
See less"पारदर्शिता एवं जवाबदेही एक दूसरे के पूरक है।" टिप्पणी कीजिए। (125 Words) [UPPSC 2023]
पारदर्शिता एवं जवाबदेही: एक दूसरे के पूरक पारदर्शिता: पारदर्शिता (transparency) का तात्पर्य है कि सरकारी और संगठनात्मक निर्णय प्रक्रियाएँ और कार्यवाही जनता के लिए स्पष्ट और सुलभ होनी चाहिए। इससे जनता का विश्वास बढ़ता है और भ्रष्टाचार की संभावना कम होती है। उदाहरण के लिए, RTI (Right to Information) अRead more
पारदर्शिता एवं जवाबदेही: एक दूसरे के पूरक
पारदर्शिता: पारदर्शिता (transparency) का तात्पर्य है कि सरकारी और संगठनात्मक निर्णय प्रक्रियाएँ और कार्यवाही जनता के लिए स्पष्ट और सुलभ होनी चाहिए। इससे जनता का विश्वास बढ़ता है और भ्रष्टाचार की संभावना कम होती है। उदाहरण के लिए, RTI (Right to Information) अधिनियम ने सरकारी कार्यों में पारदर्शिता बढ़ाई है।
जवाबदेही: जवाबदेही (accountability) का मतलब है कि सरकारी और निजी संस्थाओं को उनके निर्णयों और कार्यों के लिए उत्तरदायी होना चाहिए। इसका तात्पर्य है कि गलतियों या भ्रष्टाचार के मामलों में दंडात्मक कार्रवाई की जा सकती है। लोकपाल और लोकायुक्त जैसी संस्थाएँ इस प्रक्रिया को सुनिश्चित करती हैं।
संपर्क: पारदर्शिता और जवाबदेही एक दूसरे के पूरक हैं क्योंकि पारदर्शिता प्रणाली को स्पष्ट करती है, जिससे जवाबदेही स्थापित होती है। जब निर्णय प्रक्रिया स्पष्ट होती है, तो उत्तरदायित्व की मांग स्वाभाविक रूप से बढ़ती है। उदाहरण के लिए, डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म्स जैसे E-Governance पारदर्शिता को बढ़ावा देते हैं और जवाबदेही सुनिश्चित करते हैं।
निष्कर्ष: पारदर्शिता और जवाबदेही दोनों ही एक मजबूत और निष्पक्ष प्रशासन के निर्माण में आवश्यक हैं, और एक के बिना दूसरा प्रभावी नहीं हो सकता।
See lessअभिशासन के एक महत्वपूर्ण उपकरण के रूप में ई-शासन ने सरकारों में प्रभावशीलता, पारदर्शिता और जवाबदेयता का आगाज कर दिया है। कौन-सी अपर्याप्तताएं इन विशेषताओं की अभिवृद्धि में बाधा बनती हैं ? (150 words)[UPSC 2023]
ई-शासन में पारदर्शिता, प्रभावशीलता और जवाबदेयता की बाधाएँ "डिजिटल विभाजन": ई-शासन के प्रभावी कार्यान्वयन में सबसे बड़ी बाधा डिजिटल विभाजन है। ग्रामीण और गरीब क्षेत्रों में इंटरनेट की पहुँच और डिजिटल साक्षरता की कमी से लोग सरकारी सेवाओं का पूरा लाभ नहीं उठा पाते। "तकनीकी और इंफ्रास्ट्रक्चर समस्याएँ":Read more
ई-शासन में पारदर्शिता, प्रभावशीलता और जवाबदेयता की बाधाएँ
निष्कर्ष: इन अपर्याप्तताओं को दूर करना आवश्यक है ताकि ई-शासन के द्वारा सरकार की प्रभावशीलता, पारदर्शिता, और जवाबदेही को बढ़ाया जा सके और नागरिकों को बेहतर सेवाएँ मिल सकें।
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