प्रश्न का उत्तर अधिकतम 15 से 20 शब्दों में दीजिए। यह प्रश्न 03 अंक का है। [MPPSC 2023] पुरातन प्रशासन और नव प्रशासन के बीच मुख्य अन्तर क्या है?
संगठन के शास्त्रीय और आधुनिक दृष्टिकोण की विशेषताओं में अंतर परिचय संगठन के शास्त्रीय और आधुनिक दृष्टिकोण व्यवस्थापन और संगठनात्मक संरचनाओं को समझने के दो भिन्न दृष्टिकोण प्रस्तुत करते हैं। जबकि शास्त्रीय दृष्टिकोण परंपरागत और औपचारिक पहलुओं पर ध्यान केंद्रित करता है, आधुनिक दृष्टिकोण लचीलापन और मानRead more
संगठन के शास्त्रीय और आधुनिक दृष्टिकोण की विशेषताओं में अंतर
परिचय
संगठन के शास्त्रीय और आधुनिक दृष्टिकोण व्यवस्थापन और संगठनात्मक संरचनाओं को समझने के दो भिन्न दृष्टिकोण प्रस्तुत करते हैं। जबकि शास्त्रीय दृष्टिकोण परंपरागत और औपचारिक पहलुओं पर ध्यान केंद्रित करता है, आधुनिक दृष्टिकोण लचीलापन और मानव तत्वों पर जोर देता है।
शास्त्रीय दृष्टिकोण
- वैज्ञानिक प्रबंधन
- फोकस: कार्य प्रक्रियाओं की वैज्ञानिक विश्लेषण के माध्यम से दक्षता और उत्पादकता को बढ़ाना।
- मुख्य विशेषताएँ:
- मानकीकरण: कार्य प्रक्रियाओं और कार्यों के मानकीकरण पर ध्यान।
- विशेषीकरण: श्रम का विभाजन विशेष कार्यों में।
- उदाहरण: हेनरी फोर्ड की असेंबली लाइन ने निर्माण में मानकीकरण के माध्यम से उत्पादकता बढ़ाई और प्रक्रियाओं को सुव्यवस्थित किया।
- प्रशासनिक प्रबंधन
- फोकस: प्रशासन और संगठनात्मक संरचना के सिद्धांतों पर ध्यान केंद्रित।
- मुख्य विशेषताएँ:
- स्तरीकृत संरचना: स्पष्ट आदेश और अधिकार की श्रृंखला।
- औपचारिक नियम: औपचारिक नियम और प्रक्रियाओं पर जोर।
- उदाहरण: मैक्स वेबर का ब्योरोक्रेसी सिद्धांत एक संगठित ढांचे का समर्थन करता है जिसमें स्पष्ट भूमिकाएँ, जिम्मेदारियाँ, और नियम होते हैं।
- ब्योरोक्रेटिक प्रबंधन
- फोकस: एक संरचित और तार्किक प्रबंधन दृष्टिकोण।
- मुख्य विशेषताएँ:
- औपचारिक प्रक्रियाएँ: नियमों और प्रक्रियाओं की कठोर अनुपालना।
- निरपेक्षता: निर्णय नियमों पर आधारित होते हैं, व्यक्तिगत संबंधों पर नहीं।
- उदाहरण: सरकारी प्रशासनिक प्रणालियाँ अक्सर ब्योरोक्रेटिक सिद्धांतों का पालन करती हैं ताकि सार्वजनिक सेवाओं की समान और निरपेक्ष प्रबंधन सुनिश्चित किया जा सके।
आधुनिक दृष्टिकोण
- मानव संबंध दृष्टिकोण
- फोकस: मानव तत्वों और कर्मचारी संतोष की महत्वपूर्णता पर जोर।
- मुख्य विशेषताएँ:
- प्रेरणा और मनोबल: कर्मचारियों की प्रेरणा और मनोबल को सुधारना।
- भागीदारी प्रबंधन: निर्णय-निर्माण प्रक्रियाओं में कर्मचारियों की भागीदारी।
- उदाहरण: हॉथोर्न अध्ययन ने दिखाया कि जब कर्मचारी मूल्यवान महसूस करते हैं और संगठनात्मक निर्णयों में शामिल होते हैं, तो उनकी उत्पादकता में वृद्धि होती है।
- सिस्टम दृष्टिकोण
- फोकस: संगठनों को खुले सिस्टम के रूप में देखना जो अपने पर्यावरण के साथ इंटरैक्ट करते हैं।
- मुख्य विशेषताएँ:
- आपसी निर्भरता: विभिन्न संगठनात्मक घटकों की आपसी निर्भरता की मान्यता।
- लचीलापन: पर्यावरणीय परिवर्तनों के प्रति लचीलापन और अनुकूलता पर जोर।
- उदाहरण: टोयोटा प्रोडक्शन सिस्टम एक सिस्टम दृष्टिकोण का उपयोग करता है जो निर्माण प्रक्रियाओं को अनुकूलित करने के लिए निरंतर सुधार और लचीलापन पर ध्यान केंद्रित करता है।
- संदर्भ दृष्टिकोण
- फोकस: सुझाव देता है कि संगठनात्मक रणनीतियाँ और संरचनाएँ बाहरी और आंतरिक परिस्थितियों के आधार पर बदलनी चाहिए।
- मुख्य विशेषताएँ:
- लचीलापन: प्रबंधन प्रथाओं को विशिष्ट परिस्थितियों के आधार पर अनुकूलित किया जाना चाहिए।
- परिस्थितिजन्य विश्लेषण: सर्वोत्तम प्रबंधन दृष्टिकोण निर्धारित करने के लिए परिस्थितिजन्य विश्लेषण पर जोर।
- उदाहरण: एजाइल प्रबंधन तकनीकें तकनीकी कंपनियों में संदर्भ दृष्टिकोण को दर्शाती हैं, जहाँ परियोजना की विशिष्ट आवश्यकताओं और चुनौतियों के आधार पर प्रबंधन तकनीकों को अनुकूलित किया जाता है।
तुलना
- संरचना के प्रति दृष्टिकोण:
- शास्त्रीय: कठोर, स्तरबद्ध संरचनाओं पर जोर।
- आधुनिक: लचीले, अनुकूलनशील संरचनाओं पर ध्यान।
- मानव तत्वों पर ध्यान:
- शास्त्रीय: मानव तत्वों पर सीमित ध्यान, मुख्य रूप से दक्षता और नियमों पर ध्यान।
- आधुनिक: कर्मचारी संतोष, प्रेरणा, और भागीदारी पर जोर।
- संगठन की दृष्टि:
- शास्त्रीय: संगठनों को बंद प्रणालियों के रूप में देखा जाता है जिनकी निश्चित भूमिकाएँ और प्रक्रियाएँ होती हैं।
- आधुनिक: संगठनों को खुले प्रणालियों के रूप में देखा जाता है जो अपने पर्यावरण के साथ इंटरैक्ट करते हैं और अनुकूलित होते हैं।
निष्कर्ष
शास्त्रीय और आधुनिक दृष्टिकोण संगठन के अध्ययन में भिन्न दृष्टिकोण प्रदान करते हैं। शास्त्रीय दृष्टिकोण दक्षता, संरचना, और मानकीकरण पर ध्यान केंद्रित करता है, जबकि आधुनिक दृष्टिकोण लचीलापन, मानव तत्व, और अनुकूलनशीलता पर जोर देता है। इन भिन्न दृष्टिकोणों को समझकर UPSC Mains उम्मीदवार संगठनात्मक सिद्धांतों की जटिलताओं को बेहतर तरीके से समझ सकते हैं और विभिन्न संदर्भों में उचित प्रथाओं को लागू कर सकते हैं।
See less
पुरातन प्रशासन और नव प्रशासन के बीच मुख्य अंतर 1. दृष्टिकोण और कार्यपद्धति: पुरातन प्रशासन मुख्य रूप से कठोर, नौकरशाही और नियम-आधारित था, जिसमें प्रशासनिक प्रक्रियाओं का पालन और केंद्रीकृत नियंत्रण पर जोर दिया जाता था। यह शासन प्रणाली कानूनों और आदेशों के सख्त अनुपालन पर केंद्रित थी। इसके विपरीत, नवRead more
पुरातन प्रशासन और नव प्रशासन के बीच मुख्य अंतर
1. दृष्टिकोण और कार्यपद्धति: पुरातन प्रशासन मुख्य रूप से कठोर, नौकरशाही और नियम-आधारित था, जिसमें प्रशासनिक प्रक्रियाओं का पालन और केंद्रीकृत नियंत्रण पर जोर दिया जाता था। यह शासन प्रणाली कानूनों और आदेशों के सख्त अनुपालन पर केंद्रित थी। इसके विपरीत, नव प्रशासन अधिक लचीला, विकेंद्रीकृत और उत्तरदायी है। यह जन-केंद्रित है और निर्णय लेने की प्रक्रिया में सहभागिता और सहयोग को प्रोत्साहित करता है।
2. प्रौद्योगिकी और नवाचार: नव प्रशासन का एक प्रमुख अंतर तकनीक और डिजिटल प्लेटफार्मों का उपयोग है, जो दक्षता और पारदर्शिता को बढ़ाता है। पुरातन प्रशासनिक प्रक्रिया मैन्युअल और कागजी कार्यों पर निर्भर थी, जिससे निर्णय लेने में विलंब होता था। उदाहरण के लिए, डिजिटल इंडिया (2015 में शुरू किया गया) ने ई-गवर्नेंस के माध्यम से सेवाओं को ऑनलाइन और त्वरित बना दिया है। इससे पारंपरिक प्रणाली से आधुनिक, तकनीक-संचालित प्रशासन में बदलाव आया है।
3. सार्वजनिक उत्तरदायित्व और पारदर्शिता: पुरातन प्रशासन को अक्सर अपारदर्शी और उत्तरदायित्वहीन माना जाता था, क्योंकि इसमें निर्णय-निर्माण की प्रक्रिया केंद्रित होती थी और नागरिकों को जानकारी तक सीमित पहुंच होती थी। नव प्रशासन में पारदर्शिता और उत्तरदायित्व पर अधिक जोर दिया गया है, जैसे कि सूचना का अधिकार अधिनियम (2005), जिसने नागरिकों को सरकारी प्रक्रियाओं के बारे में जानकारी प्राप्त करने का अधिकार दिया है। इससे प्रशासन में जनता का विश्वास बढ़ा है।
4. सेवा वितरण और शासन: पुरातन प्रशासन का मॉडल ऊपर से नीचे (टॉप-डाउन) वाला था, जिसमें केंद्रीकृत नीति और निर्णय सभी के लिए समान रूप से लागू होते थे। इसके विपरीत, नव प्रशासन में विकेंद्रीकरण और स्थानीय आवश्यकताओं के अनुसार नीतियाँ बनती हैं। उदाहरण के लिए, स्मार्ट सिटी मिशन स्थानीय समस्याओं के लिए विशेष समाधान खोजने का एक उदाहरण है, जो नव प्रशासन की लचीली दृष्टिकोण को दर्शाता है।
निष्कर्ष: पुरातन प्रशासन से नव प्रशासन में बदलाव का उद्देश्य उत्तरदायी, पारदर्शी और तकनीक-संचालित प्रशासन को बढ़ावा देना है। नव प्रशासन नागरिकों की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए प्रभावी सेवा वितरण, उत्तरदायित्व और प्रशासनिक सुधार की दिशा में काम कर रहा है, जो अधिक पारदर्शिता और सहभागिता को सुनिश्चित करता है।
See less