गति-शक्ति योजना को संयोजकता के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए सरकार और निजी क्षेत्र के मध्य सतर्क समन्वय की आवश्यकता है। विवेचना कीजिए। (150 words)[UPSC 2022]
सरकारी नीतियों के संदर्भ में सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी की भूमिका का मूल्यांकन 1. सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी (ICT) का योगदान: प्रशासनिक सुधार: ICT ने सरकारी सेवाओं की सुविधा और प्रभावशीलता में सुधार किया है। उदाहरण के लिए, e-Governance प्लेटफॉर्म जैसे मंत्रालयों की वेबसाइटें और मोबाइल एप्स नागरिRead more
सरकारी नीतियों के संदर्भ में सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी की भूमिका का मूल्यांकन
1. सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी (ICT) का योगदान:
- प्रशासनिक सुधार: ICT ने सरकारी सेवाओं की सुविधा और प्रभावशीलता में सुधार किया है। उदाहरण के लिए, e-Governance प्लेटफॉर्म जैसे मंत्रालयों की वेबसाइटें और मोबाइल एप्स नागरिकों को शासकीय सेवाओं तक सीधी पहुँच प्रदान करते हैं।
- डिजिटल प्लेटफॉर्म: मोडी योजना, जन धन योजना, और डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (DBT) जैसे कार्यक्रमों ने लाभार्थियों को सीधे लाभ पहुंचाने में मदद की है, जिससे समाज में पारदर्शिता और कार्यक्षमता बढ़ी है।
2. हालिया उदाहरण:
- कोविड-19 महामारी के दौरान, आरोग्य सेतु एप ने संपर्क ट्रेसिंग और स्वास्थ्य डेटा के आदान-प्रदान में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, जिससे स्वास्थ्य देखभाल नीतियों के कार्यान्वयन में सहायता मिली।
- ई-लर्निंग पहल ने शिक्षा की सुलभता को बढ़ाया, जैसे स्वयं और डिजिटल क्लासरूम ने विद्यार्थियों को साक्षरता और कौशल विकास में मदद की।
निष्कर्ष:
सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी (ICT) ने सरकारी नीतियों को प्रभावी, पारदर्शी, और सुलभ बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इससे सार्वजनिक सेवाओं की प्रणाली और सामाजिक सुधारों की सिद्धि में मदद मिली है।
गति-शक्ति योजना के संयोजकता के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए सरकार और निजी क्षेत्र के मध्य सतर्क समन्वय अत्यंत आवश्यक है। इस योजना के तहत, सरकार की भूमिका परियोजनाओं के लिए नीतिगत दिशा-निर्देश प्रदान करना, आवश्यक अनुमतियों की प्रक्रिया को सरल बनाना और बुनियादी ढांचे का समन्वय सुनिश्चित करना है। निजीRead more
गति-शक्ति योजना के संयोजकता के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए सरकार और निजी क्षेत्र के मध्य सतर्क समन्वय अत्यंत आवश्यक है। इस योजना के तहत, सरकार की भूमिका परियोजनाओं के लिए नीतिगत दिशा-निर्देश प्रदान करना, आवश्यक अनुमतियों की प्रक्रिया को सरल बनाना और बुनियादी ढांचे का समन्वय सुनिश्चित करना है।
निजी क्षेत्र निवेश, तकनीकी नवाचार और कार्यान्वयन में विशेषज्ञता प्रदान करता है। इनके बीच सटीक समन्वय से परियोजनाओं का तेजी से निष्पादन होता है, लागत में कमी आती है, और संसाधनों का कुशल उपयोग होता है।
सतर्क समन्वय के माध्यम से सरकारी योजनाओं और निजी पहलों को बेहतर ढंग से समन्वित किया जा सकता है, जिससे अंततः सुगम और प्रभावी संपर्कता का निर्माण होगा। इस प्रकार, दोनों क्षेत्रों की भूमिका एक साथ काम करके ही गति-शक्ति योजना के उद्देश्य को पूरा किया जा सकता है।
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