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वर्तमान प्रशासनिक संरचना में गुणात्मक सेवा प्रदान करने के लिये क्या कार्य-संस्कृति में बदलाव आवश्यक है? तर्क सहित उत्तर दीजिये। (200 Words) [UPPSC 2021]
वर्तमान प्रशासनिक संरचना में कार्य-संस्कृति में बदलाव की आवश्यकता **1. कुशलता में वृद्धि: एक आधुनिक कार्य-संस्कृति कुशलता को बढ़ावा देती है, जिससे प्रक्रियाओं की सरलता और तकनीकी एकीकरण होता है। उदाहरण के तौर पर, डिजिटल इंडिया पहल ने ई-गवर्नेंस प्लेटफार्मों के माध्यम से कागज के काम को कम किया है और पRead more
वर्तमान प्रशासनिक संरचना में कार्य-संस्कृति में बदलाव की आवश्यकता
**1. कुशलता में वृद्धि: एक आधुनिक कार्य-संस्कृति कुशलता को बढ़ावा देती है, जिससे प्रक्रियाओं की सरलता और तकनीकी एकीकरण होता है। उदाहरण के तौर पर, डिजिटल इंडिया पहल ने ई-गवर्नेंस प्लेटफार्मों के माध्यम से कागज के काम को कम किया है और प्रशासनिक प्रक्रियाओं को तेज किया है, जिससे सेवा की गुणवत्ता में सुधार हुआ है।
**2. कर्मचारी सशक्तिकरण: एक सहकारी और सशक्तिकरण की दिशा में बदलाव से कर्मचारी संतोष और उत्पादकता में वृद्धि हो सकती है। मिशन कर्मयोगी कार्यक्रम, जो सिविल सेवकों के पेशेवर विकास पर ध्यान केंद्रित करता है, इस बात का उदाहरण है कि कैसे कर्मचारियों को सशक्त बनाने से सेवा की गुणवत्ता और उत्तरदायिता बढ़ सकती है।
**3. ग्राहक-केंद्रित दृष्टिकोण: एक ग्राहक-केंद्रित कार्य-संस्कृति सुनिश्चित करती है कि नागरिकों की जरूरतें और फीडबैक प्राथमिकता पर हों। प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना (PM-GAY) ने नागरिकों की फीडबैक और सहभागी शासन पर ध्यान केंद्रित करके बेहतर कार्यान्वयन और सेवा प्रदान की है।
**4. अनुकूलन और नवाचार: आधुनिक कार्य-संस्कृति अनुकूलन और नवाचार को प्रोत्साहित करती है, जो बदलती सार्वजनिक जरूरतों को पूरा करने के लिए महत्वपूर्ण है। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) का उपयोग, जैसे कि सरकारी सेवाओं में AI आधारित चैटबॉट्स, तकनीक का लाभ उठाने का एक उदाहरण है जो सेवा की दक्षता को सुधारता है।
निष्कर्ष: प्रशासनिक संरचना में कार्य-संस्कृति का बदलाव गुणात्मक सेवा प्रदान करने के लिए आवश्यक है। कुशलता, कर्मचारी सशक्तिकरण, ग्राहक-केंद्रित दृष्टिकोण, और नवाचार को अपनाना अधिक उत्तरदायी और प्रभावी शासन की दिशा में आवश्यक कदम हैं। जैसे-जैसे सार्वजनिक अपेक्षाएँ बदलती हैं, कार्य-संस्कृति को इन मांगों को पूरा करने के लिए बदलना होगा।
See lessउपयुक्त उदाहरण सहित कार्य परिवेश के सन्दर्भ में 'ज़बरदस्ती' और 'अनुचित प्रभाव' में अंतर स्पष्ट कीजिए । (150 words)[UPSC 2023]
कार्य परिवेश में 'ज़बरदस्ती' और 'अनुचित प्रभाव' का अंतर ज़बरदस्ती: ज़बरदस्ती में बल या धमकी का उपयोग किया जाता है ताकि किसी को उनकी इच्छा के खिलाफ काम करने पर मजबूर किया जा सके। कार्य परिवेश में, यह किसी कर्मचारी को उनकी इच्छा के विरुद्ध काम करने के लिए धमकी देने या शारीरिक हिंसा का प्रयोग करने से सRead more
कार्य परिवेश में ‘ज़बरदस्ती’ और ‘अनुचित प्रभाव’ का अंतर
ज़बरदस्ती: ज़बरदस्ती में बल या धमकी का उपयोग किया जाता है ताकि किसी को उनकी इच्छा के खिलाफ काम करने पर मजबूर किया जा सके। कार्य परिवेश में, यह किसी कर्मचारी को उनकी इच्छा के विरुद्ध काम करने के लिए धमकी देने या शारीरिक हिंसा का प्रयोग करने से संबंधित होता है। उदाहरण स्वरूप, 2023 में सामने आई एक रिपोर्ट के अनुसार, कुछ निर्माण क्षेत्रों में कर्मचारियों को अधिक घंटे काम करने के लिए धमकाया गया, जिसमें नौकरी से निकालने या शारीरिक हिंसा की धमकी शामिल थी।
अनुचित प्रभाव: अनुचित प्रभाव तब होता है जब कोई व्यक्ति अपनी स्थिति या शक्ति का उपयोग करके किसी के निर्णयों को अनुचित तरीके से प्रभावित करता है। इसमें शक्ति का उपयोग करते हुए चुपके से दबाव डालना शामिल होता है। उदाहरण के तौर पर, एक हालिया मामले में, एक प्रबंधक ने अपने पद के प्रभाव का उपयोग करके अपने पसंदीदा कर्मचारियों को पदोन्नति दिलवाई, जबकि यह पदोन्नति मेरिट के आधार पर होनी चाहिए थी।
इस प्रकार, ज़बरदस्ती में प्रत्यक्ष धमकी शामिल होती है, जबकि अनुचित प्रभाव में शक्ति का सूक्ष्म तरीके से उपयोग किया जाता है।
See lessभारत में पुलिस की कार्य संस्कृति को अनिर्णय, अक्षमता और सहानुभूति की कमी के रूप में जाना जाता है। चर्चा कीजिए। साथ ही, इस संदर्भ में उपचारात्मक उपायों का भी सुझाव दीजिए।(150 शब्दों में उत्तर दें)
भारत में पुलिस की कार्य संस्कृति अक्सर अनिर्णय, अक्षमता, और सहानुभूति की कमी के रूप में जानी जाती है। चुनौतियाँ: अनिर्णय: अक्सर पुलिस कर्मी निर्णय लेने में संकोच करते हैं या जटिल परिस्थितियों में स्पष्टता की कमी होती है, जिससे अपराध की रोकथाम और न्याय वितरण में बाधाएँ आती हैं। अक्षमता: सीमित प्रशिक्Read more
भारत में पुलिस की कार्य संस्कृति अक्सर अनिर्णय, अक्षमता, और सहानुभूति की कमी के रूप में जानी जाती है।
चुनौतियाँ:
उपचारात्मक उपाय:
इन उपायों को अपनाकर पुलिस की कार्य संस्कृति में सुधार लाया जा सकता है, जो समाज में बेहतर सुरक्षा और न्याय सुनिश्चित कर सके।
See lessएक नैतिक कार्य संस्कृति न केवल संगठन के लिए सकारात्मकत्मक परिणाम उत्पन्न करती है बल्कि कर्मचारियों की प्रगति में भी मदद करती है। चर्चा कीजिए।(150 शब्दों में उत्तर दें)
एक नैतिक कार्य संस्कृति संगठन के लिए सकारात्मक परिणाम उत्पन्न करने के साथ-साथ कर्मचारियों की प्रगति में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। संगठन के लाभ: विश्वसनीयता और छवि: नैतिक कार्य संस्कृति संगठन की साख और विश्वसनीयता को मजबूत करती है, जिससे ग्राहक और भागीदारों का विश्वास बढ़ता है। न्याय और पारदर्शRead more
एक नैतिक कार्य संस्कृति संगठन के लिए सकारात्मक परिणाम उत्पन्न करने के साथ-साथ कर्मचारियों की प्रगति में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
संगठन के लाभ:
कर्मचारियों की प्रगति:
सारांश में, एक नैतिक कार्य संस्कृति संगठन को स्थिरता और सफलता की दिशा में मार्गदर्शन करती है और कर्मचारियों को उनकी पूर्ण क्षमता तक पहुंचने में सक्षम बनाती है।
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