Lost your password? Please enter your email address. You will receive a link and will create a new password via email.
Please briefly explain why you feel this question should be reported.
Please briefly explain why you feel this answer should be reported.
Please briefly explain why you feel this user should be reported.
विभेद कीजिए: (125 Words) [UPPSC 2022] a. सदाचार-संहिता और आचार संहिता में b. सहिष्णुता और करुणा में।
a. सदाचार-संहिता और आचार संहिता सदाचार-संहिता (Code of Ethics) परिभाषा: सदाचार-संहिता व्यक्तिगत या पेशेवर नैतिक मानदंडों का समूह है, जो सही और गलत के बीच अंतर बताता है। उदाहरण: सिविल सेवकों के लिए नैतिक संहिता में भ्रष्टाचार, भेदभाव और अन्याय के खिलाफ दिशानिर्देश होते हैं। आचार संहिता (Code of ConduRead more
a. सदाचार-संहिता और आचार संहिता
b. सहिष्णुता और करुणा
निष्कर्ष
सदाचार-संहिता और आचार संहिता में नैतिक मानदंडों और व्यवहारिक नियमों का अंतर है, जबकि सहिष्णुता और करुणा में सामाजिक समरसता और मानवता के प्रति दृष्टिकोण का अंतर है।
See lessचर्चा कीजिए कि वे इस उद्देश्य की किस प्रकार पूर्ति करते हैं।
Infosys की रणनीति: स्थानीय विकास और सामुदायिक सहभागिता उद्देश्य की पूर्ति: स्थानीय अवसंरचना में निवेश: Infosys ने मysore में अपने परिसर के आसपास शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधाएँ प्रदान कीं, जिससे स्थानीय जीवन की गुणवत्ता में सुधार हुआ। समुदाय के साथ सहयोग: स्थानीय निवासियों को रोज़गार के अवसर और व्यावसाRead more
Infosys की रणनीति: स्थानीय विकास और सामुदायिक सहभागिता
उद्देश्य की पूर्ति:
हालिया उदाहरण: Infosys के नए कैंपस ने स्थानीय सड़कें और आवासीय सुविधाएँ विकसित कीं, जिससे न केवल कंपनी का विकास हुआ बल्कि स्थानीय समुदाय को भी लाभ हुआ।
**2. Vedanta Resources की रणनीति: CSR और सामाजिक जिम्मेदारी
उद्देश्य की पूर्ति:
हालिया उदाहरण: Vedanta का CSR प्रयास प्रदूषण नियंत्रण और स्वास्थ्य देखभाल कार्यक्रम के लिए प्रसिद्ध है, हालांकि, भूमि अधिग्रहण और स्थानीय सलाह की कमी के कारण कुछ विवाद भी उत्पन्न हुए हैं।
निष्कर्ष: Infosys ने स्थानीय अवसंरचना और रोजगार अवसरों पर ध्यान केंद्रित करके अपने उद्देश्य की पूर्ति की, जबकि Vedanta ने CSR पहल और फिलांथ्रोपिक प्रयास से स्थानीय समुदाय की सहायता की, लेकिन स्थानीय सहभागिता की कमी के कारण विवाद भी हुए। इन दृष्टिकोणों में स्थानीय सहभागिता और समाजिक प्रभाव की भूमिका महत्वपूर्ण है।
See lessविधि एवं आचारनीति मानव आचरण को नियन्त्रित करने वाले दो उपकरण माने जाते हैं ताकि आचरण को सभ्य सामाजिक अस्तित्व के लिए सहायक बनाया जा सके ।
विधि और आचारनीति: सभ्य सामाजिक अस्तित्व के लिए मानव आचरण को नियंत्रित करने के उपकरण 1. विधि (Law): व्याख्या: विधि एक औपचारिक तंत्र है जो मानव व्यवहार को नियमों और कानूनी प्रावधानों के माध्यम से नियंत्रित करता है। यह स्पष्ट दिशा-निर्देश और दंड प्रदान करता है जिससे सामाजिक व्यवस्था को बनाए रखा जा सके।Read more
विधि और आचारनीति: सभ्य सामाजिक अस्तित्व के लिए मानव आचरण को नियंत्रित करने के उपकरण
1. विधि (Law):
2. आचारनीति (Ethics):
3. सहयोगात्मक स्वभाव:
4. हाल की प्रगति:
निष्कर्ष: विधि और आचारनीति दोनों मानव आचरण को नियंत्रित करने के लिए आवश्यक उपकरण हैं। विधि कानूनी ढांचा और प्रवर्तन प्रदान करती है, जबकि आचारनीति व्यक्तिगत और सामाजिक मूल्यों को मार्गदर्शित करती है। मिलकर, ये दोनों एक न्यायपूर्ण, व्यवस्थित और नैतिक समाज को सुनिश्चित करने में सहायक होते हैं।
See lessआचार-सिद्धांत के किन पाँच सिद्धांतों को आप प्राथमिकता प्रदान करेंगे और क्यों? विवेचना कीजिये। (200 Words) [UPPSC 2020]
आचार-सिद्धांत के पाँच प्रमुख सिद्धांत और उनकी प्राथमिकता 1. ईमानदारी: ईमानदारी हर कार्य में सत्यता और पारदर्शिता बनाए रखने का आदर्श है। यह सिद्धांत लोक सेवा में सबसे महत्वपूर्ण है क्योंकि यह जनता के विश्वास को मजबूत करता है। उदाहरण के लिए, लोकपाल और लोकायुक्त कानून के तहत भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाRead more
आचार-सिद्धांत के पाँच प्रमुख सिद्धांत और उनकी प्राथमिकता
1. ईमानदारी: ईमानदारी हर कार्य में सत्यता और पारदर्शिता बनाए रखने का आदर्श है। यह सिद्धांत लोक सेवा में सबसे महत्वपूर्ण है क्योंकि यह जनता के विश्वास को मजबूत करता है। उदाहरण के लिए, लोकपाल और लोकायुक्त कानून के तहत भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई ने ईमानदारी की आवश्यकता को प्रमुखता दी है।
2. नैतिकता: नैतिकता का तात्पर्य है कि सभी निर्णय सही और उचित आधार पर किए जाएं। नैतिकता सुनिश्चित करती है कि अधिकारी अपने कर्तव्यों को नैतिक नियमों के अनुसार निभाएं। मंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने ई-गवर्नेंस के तहत नैतिकता को प्रोत्साहित किया, जिससे पारदर्शिता और जवाबदेही बढ़ी।
3. उचितता: उचितता का सिद्धांत सुनिश्चित करता है कि सभी निर्णय समानता और निष्पक्षता के आधार पर लिए जाएं। स्वच्छ भारत मिशन में, अधिकारियों ने सभी वर्गों के लोगों को स्वच्छता सुविधाओं का समान लाभ देने के लिए उचितता को प्राथमिकता दी।
4. प्रोफेशनलिज़्म: प्रोफेशनलिज़्म का मतलब है कि कार्यों को उच्च मानकों और प्रोफेशनल व्यवहार के अनुसार किया जाए। कोविड-19 टीकाकरण अभियान में, अधिकारियों ने पेशेवर तरीके से टीकाकरण प्रक्रिया को संचालित किया, जिससे कि मिशन की सफलता सुनिश्चित हो सकी।
5. जवाबदेही: जवाबदेही का तात्पर्य है कि अधिकारी अपने कार्यों के लिए उत्तरदायी हों और जनता के सामने जवाब दें। मिशन इंद्रधनुष के अंतर्गत, स्वास्थ्य विभाग ने सभी टीकाकरण गतिविधियों की जवाबदेही सुनिश्चित की।
निष्कर्ष: इन पाँच सिद्धांतों – ईमानदारी, नैतिकता, उचितता, प्रोफेशनलिज़्म, और जवाबदेही – को प्राथमिकता देने से लोक सेवा में सच्ची सेवा और जनता के विश्वास को बढ़ाया जा सकता है। इन सिद्धांतों का पालन सुनिश्चित करता है कि सरकारी कार्य समाज के हित में और उच्च मानकों के अनुसार किए जाएं।
See lessउपयुक्त उदाहरणों सहित "सदाचार-संहिता" और "आचार संहिता" के बीच विभेदन कीजिए । (150 words) [UPSC 2018]
"सदाचार-संहिता" और "आचार संहिता" के बीच विभेदन 1. सदाचार-संहिता (Code of Ethics) परिभाषा: सदाचार-संहिता एक व्यापक सिद्धांतों का सेट होता है जो पेशेवर नैतिकता और मानवीय मूल्यों पर आधारित होता है। यह पेशेवर व्यवहार के नैतिक मानकों को परिभाषित करता है। उदाहरण: भारतीय चिकित्सा परिषद (MCI) की सदाचार-संहिRead more
“सदाचार-संहिता” और “आचार संहिता” के बीच विभेदन
1. सदाचार-संहिता (Code of Ethics)
परिभाषा: सदाचार-संहिता एक व्यापक सिद्धांतों का सेट होता है जो पेशेवर नैतिकता और मानवीय मूल्यों पर आधारित होता है। यह पेशेवर व्यवहार के नैतिक मानकों को परिभाषित करता है।
उदाहरण: भारतीय चिकित्सा परिषद (MCI) की सदाचार-संहिता में चिकित्सा पेशेवरों को मरीजों के प्रति सम्मान, ईमानदारी, और पेशेवर जिम्मेदारी निभाने के मूल्यों का पालन करने के लिए निर्देशित किया गया है।
2. आचार संहिता (Code of Conduct)
परिभाषा: आचार संहिता विशिष्ट नियम और दिशानिर्देश प्रदान करती है जो संगठन में व्यक्तियों की अपेक्षित व्यवहार और कार्यशैली को निर्दिष्ट करती है। यह संगठनात्मक नीतियों और कानूनी आवश्यकताओं का पालन करती है।
उदाहरण: भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) की आचार संहिता में अधिकारियों की जिम्मेदारियों और आचरण की विशिष्ट नीतियों को परिभाषित किया गया है, जैसे कि गोपनीयता बनाए रखना और हितों के संघर्ष से बचना।
निष्कर्ष: सदाचार-संहिता व्यापक नैतिक सिद्धांतों को निर्देशित करती है, जबकि आचार संहिता विशिष्ट व्यवहारिक नियम और प्रक्रियाओं को परिभाषित करती है।
See lessभारत में, कुछ आचरण नियम हैं, जो एक अधिकारी के व्यवहार और आचरण को नियंत्रित करते हैं। इनमें केंद्रीय सिविल सेवा (आचरण) नियमावली, 1964; अखिल भारतीय सिविल सेवा (आचरण) नियमावली, 1968 आदि शामिल हैं। क्या आपको लगता है कि भारत में सिविल सेवकों के लिए एक पृथक आचार संहिता की आवश्यकता है? ऐसी आचार संहिता में कौन-से महत्वपूर्ण मूल्य शामिल होने चाहिए? (150 शब्दों में उत्तर दीजिए)
भारत में सिविल सेवकों के लिए एक पृथक आचार संहिता की आवश्यकता है, क्योंकि यह उनके पेशेवर और नैतिक मानकों को स्पष्ट रूप से परिभाषित कर सकती है और पारदर्शिता को बढ़ावा दे सकती है। वर्तमान नियमावली में कुछ खामियां और अस्पष्टताएँ हैं जो विभिन्न परिस्थितियों में भ्रम और विवाद उत्पन्न कर सकती हैं। एक पृथकRead more
भारत में सिविल सेवकों के लिए एक पृथक आचार संहिता की आवश्यकता है, क्योंकि यह उनके पेशेवर और नैतिक मानकों को स्पष्ट रूप से परिभाषित कर सकती है और पारदर्शिता को बढ़ावा दे सकती है। वर्तमान नियमावली में कुछ खामियां और अस्पष्टताएँ हैं जो विभिन्न परिस्थितियों में भ्रम और विवाद उत्पन्न कर सकती हैं।
एक पृथक आचार संहिता में निम्नलिखित महत्वपूर्ण मूल्य शामिल होने चाहिए:
यह आचार संहिता सिविल सेवकों के पेशेवर व्यवहार को स्पष्ट दिशा-निर्देश प्रदान करेगी और सरकारी कामकाज में नैतिकता की नींव मजबूत करेगी।
See lessसार्वजनिक जीवन में ईमानदारी (प्रोबिटी) और कुछ नहीं बल्कि निजी जीवन में सत्यनिष्ठा (इंटीब्रिटी) का ही प्रतिबिंब है। चर्चा कीजिए। (150 शब्दों में उत्तर दें)
सार्वजनिक जीवन में ईमानदारी और निजी जीवन में सत्यनिष्ठा एक-दूसरे का प्रतिबिंब हैं। एक व्यक्ति की सच्चाई और नैतिकता उनके सार्वजनिक और निजी जीवन दोनों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। सार्वजनिक जीवन में ईमानदारी: विश्वसनीयता और विश्वास: सार्वजनिक पदों पर कार्यरत व्यक्ति की ईमानदारी समाज में विश्वास औरRead more
सार्वजनिक जीवन में ईमानदारी और निजी जीवन में सत्यनिष्ठा एक-दूसरे का प्रतिबिंब हैं। एक व्यक्ति की सच्चाई और नैतिकता उनके सार्वजनिक और निजी जीवन दोनों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
सार्वजनिक जीवन में ईमानदारी:
निजी जीवन में सत्यनिष्ठा:
इस प्रकार, ईमानदारी और सत्यनिष्ठा एक दूसरे के पूरक हैं और दोनों मिलकर व्यक्तित्व की सम्पूर्णता और नैतिकता को दर्शाते हैं।
See less