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"प्रत्येक कार्य की सफलता से पहले उसे सैकड़ों कठिनाइयों से गुजरना पड़ता है। जो दृढ़निश्चयी हैं वे ही देर-सबेर प्रकाश को देख पाएँगे।" स्वामी विवेकानंद (150 words) [UPSC 2021]
स्वामी विवेकानंद का उद्धरण: कठिनाइयाँ और दृढ़निश्चय स्वामी विवेकानंद ने कहा, “प्रत्येक कार्य की सफलता से पहले उसे सैकड़ों कठिनाइयों से गुजरना पड़ता है। जो दृढ़निश्चयी हैं वे ही देर-सबेर प्रकाश को देख पाएँगे।” इस उद्धरण में सफलता के मार्ग में आने वाली कठिनाइयों और दृढ़ निश्चय के महत्व को व्यक्त कियाRead more
स्वामी विवेकानंद का उद्धरण: कठिनाइयाँ और दृढ़निश्चय
स्वामी विवेकानंद ने कहा, “प्रत्येक कार्य की सफलता से पहले उसे सैकड़ों कठिनाइयों से गुजरना पड़ता है। जो दृढ़निश्चयी हैं वे ही देर-सबेर प्रकाश को देख पाएँगे।” इस उद्धरण में सफलता के मार्ग में आने वाली कठिनाइयों और दृढ़ निश्चय के महत्व को व्यक्त किया गया है।
कठिनाइयाँ और सफलता
सफलता की राह में चुनौतियाँ अपरिहार्य होती हैं। इंदिरा गांधी, भारत की पहली महिला प्रधानमंत्री, ने अपने राजनीतिक करियर में कई बाधाओं का सामना किया, लेकिन उनकी दृढ़ता और समर्पण ने उन्हें सफलता की ऊँचाइयों तक पहुँचाया।
दृढ़निश्चय का महत्व
दृढ़निश्चय ही किसी भी कठिनाई को पार करने की कुंजी है। स्टीव जॉब्स, जिन्होंने एप्पल को अपने दृष्टिकोण और संघर्ष के कारण सफलता की ऊँचाइयों तक पहुँचाया, ने कई विफलताओं और चुनौतियों का सामना किया, लेकिन उनकी दृढ़ता ने उन्हें अंततः विजय दिलाई।
निष्कर्ष
स्वामी विवेकानंद का उद्धरण हमें यह सिखाता है कि कठिनाइयाँ सफलता की प्रक्रिया का हिस्सा हैं और केवल दृढ़निश्चयी व्यक्ति ही अंततः सफलता प्राप्त कर सकते हैं।
See lessजनता के विरोध के सम्बन्ध में अनुनय की भूमिका की तर्क सहित व्याख्या कीजिए। (125 Words) [UPPSC 2022]
अनुनय जनता के विरोध में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इसका विवरण निम्नलिखित है: जन समर्थन जुटाना: अनुनय से विरोध के मुद्दों को व्यापक रूप से स्पष्ट किया जाता है, जिससे अधिक लोगों को आंदोलन से जोड़ा जा सकता है। संबंध प्रबंधन: अनुनय के माध्यम से विरोध करने वाले नेता या समूह, अधिकारियों और अन्य निर्णRead more
अनुनय जनता के विरोध में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इसका विवरण निम्नलिखित है:
जन समर्थन जुटाना: अनुनय से विरोध के मुद्दों को व्यापक रूप से स्पष्ट किया जाता है, जिससे अधिक लोगों को आंदोलन से जोड़ा जा सकता है।
संबंध प्रबंधन: अनुनय के माध्यम से विरोध करने वाले नेता या समूह, अधिकारियों और अन्य निर्णय निर्माताओं को अपनी बात मनवाने के लिए प्रभावित कर सकते हैं।
जनमत निर्माण: प्रभावी अनुनय से मीडिया और जनता में जागरूकता बढ़ाई जा सकती है, जो विरोध की दिशा को मोड़ने और सामाजिक दबाव बनाने में सहायक होती है।
समाधान की दिशा: अनुनय के माध्यम से विरोध के समाधान के लिए व्यावहारिक सुझाव और तर्क प्रस्तुत किए जाते हैं, जिससे सुधार की संभावना बढ़ती है।
इस प्रकार, अनुनय विरोध के प्रभावी संचालन, जन समर्थन, और समस्याओं के समाधान में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
See lessनीतिशास्त्र केस स्टडी
राजीव का निर्णय उसके आदर्शवाद और नैतिक मूल्यों को प्रकट करता है। "मानवता की सेवा ईश्वर की सेवा है" के अपने विश्वास के अनुसार, उसने एक गंभीर रूप से घायल व्यक्ति की मदद करने का निर्णय लिया, भले ही इसके परिणामस्वरूप उसे सरकारी नौकरी प्राप्त करने का अवसर खोना पड़ा। राजीव का यह निर्णय उसे एक नैतिक दृष्टिRead more
राजीव का निर्णय उसके आदर्शवाद और नैतिक मूल्यों को प्रकट करता है। “मानवता की सेवा ईश्वर की सेवा है” के अपने विश्वास के अनुसार, उसने एक गंभीर रूप से घायल व्यक्ति की मदद करने का निर्णय लिया, भले ही इसके परिणामस्वरूप उसे सरकारी नौकरी प्राप्त करने का अवसर खोना पड़ा।
राजीव का यह निर्णय उसे एक नैतिक दृष्टिकोण से अत्यंत प्रशंसा योग्य बनाता है। उसकी प्राथमिकता मानव जीवन और समाज की भलाई थी, जिसने उसे व्यक्तिगत लाभ की तुलना में बड़े मानवीय मूल्य को महत्व देने के लिए प्रेरित किया। इस स्थिति में, राजीव ने यह दिखाया कि उसके लिए व्यक्तिगत लाभ की तुलना में किसी की जान की सुरक्षा अधिक महत्वपूर्ण है।
इसके अतिरिक्त, राजीव का कार्य एक मजबूत सामाजिक संदेश देता है कि नैतिकता और मानवता के मूल्यों को अपनाना कितनी महत्वपूर्ण है। जबकि यह निर्णय उसे तुरंत लाभकारी परिणाम नहीं दे सकता, लेकिन यह उसकी आंतरिक संतोष और समाज में नैतिकता के लिए एक महत्वपूर्ण उदाहरण स्थापित करता है।
संक्षेप में, राजीव का निर्णय दर्शाता है कि आदर्शवादी मूल्य और मानवता की सेवा सबसे बड़े व्यक्तिगत और सामाजिक पुरस्कार हो सकते हैं, भले ही उन्हें तत्काल फलस्वरूप लाभ न मिले।
See less"कमज़ोर कभी माफ नहीं कर सकते; क्षमाशीलता तो ताकतवर का ही सहज गुण है।" (150 words) [UPSC 2015]
प्रस्तावना यह उद्धरण हमें क्षमा के गुण की गहराई को समझाता है। कमज़ोरी और क्षमता के बीच का संबंध इस विचार को उजागर करता है कि वास्तविक शक्ति में दूसरों को माफ करने की क्षमता होती है। क्षमा का महत्व समाज में, क्षमा न केवल व्यक्तिगत संबंधों को मजबूत बनाती है, बल्कि सामूहिक विकास में भी सहायक होती है। उRead more
प्रस्तावना
यह उद्धरण हमें क्षमा के गुण की गहराई को समझाता है। कमज़ोरी और क्षमता के बीच का संबंध इस विचार को उजागर करता है कि वास्तविक शक्ति में दूसरों को माफ करने की क्षमता होती है।
क्षमा का महत्व
समाज में, क्षमा न केवल व्यक्तिगत संबंधों को मजबूत बनाती है, बल्कि सामूहिक विकास में भी सहायक होती है। उदाहरण के लिए, महात्मा गांधी ने अपने जीवन में कई बार अपने विरोधियों को क्षमा किया, जिससे उन्होंने सामाजिक बदलाव को संभव बनाया।
वर्तमान परिप्रेक्ष्य
हाल के उदाहरणों में, नागालैंड में सामाजिक मेलजोल और क्षमा की पहल ने स्थानीय समुदायों के बीच तनाव को कम किया है। यहाँ के लोगों ने अपने ऐतिहासिक विवादों को छोड़कर एक नई शुरुआत की है।
निष्कर्ष
See lessइस प्रकार, क्षमा केवल एक नैतिक गुण नहीं, बल्कि मानवता और सामाजिक स्थिरता के लिए आवश्यक तत्व है। ताकतवर वही हैं जो दूसरों को माफ करने का साहस दिखाते हैं।
"हम बच्चे को आसानी से माफ कर सकते हैं, जो अंधेरे से डरता है; जीवन की वास्तविक विडंबना तो तब है जब मनुष्य प्रकाश से डरने लगते हैं।" (150 words) [UPSC 2015]
प्रस्तावना इस उद्धरण का आशय यह है कि डर एक स्वाभाविक भावना है, लेकिन जब इंसान प्रकाश (ज्ञान, सच्चाई) से डरने लगता है, तो यह गंभीर समस्या बन जाती है। ज्ञान का महत्व आज के युग में, सूचना का युग कहा जाता है, जहां ज्ञान की शक्ति अत्यधिक महत्वपूर्ण है। उदाहरण के लिए, कोविड-19 के दौरान लोगों ने बहुत से मिRead more
प्रस्तावना
इस उद्धरण का आशय यह है कि डर एक स्वाभाविक भावना है, लेकिन जब इंसान प्रकाश (ज्ञान, सच्चाई) से डरने लगता है, तो यह गंभीर समस्या बन जाती है।
ज्ञान का महत्व
आज के युग में, सूचना का युग कहा जाता है, जहां ज्ञान की शक्ति अत्यधिक महत्वपूर्ण है। उदाहरण के लिए, कोविड-19 के दौरान लोगों ने बहुत से मिथकों और गलतफहमियों का सामना किया। ऐसे में, वैज्ञानिक तथ्यों और ज्ञान को स्वीकार करने में हिचकिचाहट ने संकट को बढ़ा दिया।
सामाजिक चुनौतियाँ
भारत में, कई लोग धार्मिक अंधविश्वास और सामाजिक पूर्वाग्रह के कारण सच्चाई से दूर रहते हैं। हाल के उदाहरणों में, गौ हत्या कानून की चर्चा में कई लोग विज्ञान और तर्क को नजरअंदाज करते हैं।
निष्कर्ष
See lessइस उद्धरण से यह स्पष्ट है कि ज्ञान और सत्य का सामना करने में हिचकिचाहट से मानवता को नुकसान पहुँचता है। इसलिए, हमें प्रकाश से डरने की बजाय, उसे अपनाना चाहिए।
अपने देश का तेजी से विकास की दृष्टि से बेहतर प्रशासन के निर्माण के लिए क्या दोनों में संतुलन स्थापित करना संभव है ? (150 words) [UPSC 2015]
विकास और बेहतर प्रशासन के बीच संतुलन स्थापित करना 1. परिचय तेजी से विकास और बेहतर प्रशासन दोनों ही किसी भी देश की प्रगति के लिए महत्वपूर्ण हैं। हालांकि, इन दोनों के बीच संतुलन स्थापित करना चुनौतीपूर्ण हो सकता है। 2. संतुलन स्थापित करने के उपाय विकास और प्रशासन में समन्वय: निवेश और संसाधन प्रबंधन: तेRead more
विकास और बेहतर प्रशासन के बीच संतुलन स्थापित करना
1. परिचय
तेजी से विकास और बेहतर प्रशासन दोनों ही किसी भी देश की प्रगति के लिए महत्वपूर्ण हैं। हालांकि, इन दोनों के बीच संतुलन स्थापित करना चुनौतीपूर्ण हो सकता है।
2. संतुलन स्थापित करने के उपाय
विकास और प्रशासन में समन्वय:
प्रौद्योगिकी का उपयोग:
हालिया उदाहरण:
3. निष्कर्ष
तेजी से विकास और बेहतर प्रशासन के बीच संतुलन स्थापित करना संभव है यदि दोनों को समन्वित और योजनाबद्ध तरीके से लागू किया जाए। प्रौद्योगिकी का उपयोग, संसाधन प्रबंधन, और पारदर्शिता जैसे उपाय इस संतुलन को बनाए रखने में मदद कर सकते हैं।
See lessइन उपायों की प्रभावशीलता का औचित्य बताते हुए मूल्यांकन कीजिए।
इन उपायों की प्रभावशीलता का औचित्य 1. परिचय UPSC Mains परीक्षा में प्रश्नों का उत्तर देने के लिए, सबसे पहले यह जरूरी है कि आप विषय की बुनियादी समझ को स्पष्ट करें और फिर प्रभावशीलता के औचित्य को विभिन्न दृष्टिकोणों से मूल्यांकन करें। 2. उपायों की पहचान हमारे समक्ष विभिन्न सरकारी और गैर-सरकारी उपाय होRead more
इन उपायों की प्रभावशीलता का औचित्य
1. परिचय
UPSC Mains परीक्षा में प्रश्नों का उत्तर देने के लिए, सबसे पहले यह जरूरी है कि आप विषय की बुनियादी समझ को स्पष्ट करें और फिर प्रभावशीलता के औचित्य को विभिन्न दृष्टिकोणों से मूल्यांकन करें।
2. उपायों की पहचान
हमारे समक्ष विभिन्न सरकारी और गैर-सरकारी उपाय होते हैं जिनकी प्रभावशीलता का मूल्यांकन करना आवश्यक है। उदाहरण के लिए:
3. स्वच्छ भारत मिशन (SBM)
औचित्य:
हालिया उदाहरण: हाल ही में, नागरिक विकास सूचकांक में ग्रामीण भारत में स्वच्छता में सुधार दर्शाया गया है, जिससे SBM की प्रभावशीलता को प्रमाणित किया जा सकता है।
4. प्रधानमंत्री जन धन योजना (PMJDY)
औचित्य:
हालिया उदाहरण: 2023 में केंद्रीय बजट में PMJDY के तहत किए गए सुधारों और उनकी सकारात्मक प्रभावों को दर्शाने वाले आंकड़े सामने आए हैं।
5. मकान व संपत्ति कर सुधार
औचित्य:
हालिया उदाहरण: दिल्ली और मुंबई जैसे महानगरों में संपत्ति कर सुधारों ने स्थानीय निकायों की वित्तीय स्थिति को मजबूत किया है।
6. नमामि गंगे योजना
औचित्य:
हालिया उदाहरण: 2024 में गंगा नदी की गुणवत्ता में सुधार और स्थानीय निवासियों की स्वास्थ्य स्थिति में सकारात्मक बदलाव दिखाने वाले रिपोर्ट सामने आई हैं।
7. निष्कर्ष
उपायों की प्रभावशीलता का औचित्य स्पष्ट रूप से मूल्यांकन करने के लिए, यह आवश्यक है कि हम उनके लक्ष्यों और वास्तविक परिणामों की तुलना करें। हाल की घटनाओं और आंकड़ों से यह प्रमाणित होता है कि उपरोक्त उपायों ने अपनी लक्ष्यों को प्राप्त करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, हालांकि इसमें और सुधार की आवश्यकता है।
इस प्रकार, इन उपायों की प्रभावशीलता को सटीकता से समझने और मूल्यांकन करने के लिए नियमित समीक्षा और अपग्रेडेशन की आवश्यकता होती है।
See lessइस खतरे का मुकाबला करने के लिए और अधिक प्रभावी रणनीतियाँ सुझाइए। (150 words) [UPSC 2015]
अधिक प्रभावी रणनीतियाँ सुझाने की आवश्यकता आधुनिक खतरे जैसे साइबर हमले, जलवायु परिवर्तन, और वैश्विक स्वास्थ्य संकट तेजी से जटिल और व्यापक होते जा रहे हैं। इनका प्रभाव न केवल राष्ट्रीय सुरक्षा पर पड़ता है, बल्कि सामाजिक और आर्थिक स्थिरता पर भी। साइबर सुरक्षा के खतरे से निपटने के लिए, उच्च गुणवत्ता वालRead more
अधिक प्रभावी रणनीतियाँ सुझाने की आवश्यकता
आधुनिक खतरे जैसे साइबर हमले, जलवायु परिवर्तन, और वैश्विक स्वास्थ्य संकट तेजी से जटिल और व्यापक होते जा रहे हैं। इनका प्रभाव न केवल राष्ट्रीय सुरक्षा पर पड़ता है, बल्कि सामाजिक और आर्थिक स्थिरता पर भी।
साइबर सुरक्षा के खतरे से निपटने के लिए, उच्च गुणवत्ता वाली साइबर सुरक्षा प्रौद्योगिकियों और स्वतंत्र निगरानी तंत्र को बढ़ावा देना आवश्यक है। उदाहरण के लिए, भारत सरकार ने ‘साइबर सुरक्षा नीति 2020’ पेश की है, जो साइबर खतरों की रोकथाम और प्रतिक्रिया के लिए एक ढांचा प्रदान करती है।
जलवायु परिवर्तन के संदर्भ में, ग्रीन एनर्जी में निवेश और पुनर्नवीनीकरण की दिशा में कदम उठाना अनिवार्य है। पेरिस समझौते के तहत, देशों को कार्बन उत्सर्जन में कमी लाने के लिए अपनी प्रतिबद्धताओं को लागू करना चाहिए।
वैश्विक स्वास्थ्य संकट जैसे कोविड-19 महामारी से निपटने के लिए, वैक्सीनेशन प्रोग्राम और अंतरराष्ट्रीय सहयोग को बढ़ावा देना महत्वपूर्ण है। WHO के नेतृत्व में देशों को स्वास्थ्य आपात स्थितियों के प्रति अपनी तैयारियों को मजबूत करना चाहिए।
इन प्रभावी रणनीतियों को अपनाकर, हम इन आधुनिक खतरों का समुचित मुकाबला कर सकते हैं और समाज की स्थिरता और सुरक्षा को सुनिश्चित कर सकते हैं।
See less"मनुष्यों के साथ सदैव उनको, अपने-आप में 'लक्ष्य' मानकर व्यवहार करना चाहिए, कभी भी उनको केवल 'साधन' नहीं मानना चाहिए।" आधुनिक तकनीकी आर्थिक समाज में इस कथन के निहितार्थों का उल्लेख करते हुए इसका अर्थ और महत्त्व स्पष्ट कीजिए।(150 words) [UPSC 2014]
कथन का अर्थ और महत्त्व "मनुष्यों के साथ सदैव उनको, अपने-आप में 'लक्ष्य' मानकर व्यवहार करना चाहिए, कभी भी उनको केवल 'साधन' नहीं मानना चाहिए" का तात्पर्य है कि हर व्यक्ति की अंतर्निहित मूल्य और सम्मान है। यह विचारक इमैनुएल कांट की नैतिकता पर आधारित है, जिसमें व्यक्ति को स्वयं में पूर्णता के रूप में देRead more
कथन का अर्थ और महत्त्व
“मनुष्यों के साथ सदैव उनको, अपने-आप में ‘लक्ष्य’ मानकर व्यवहार करना चाहिए, कभी भी उनको केवल ‘साधन’ नहीं मानना चाहिए” का तात्पर्य है कि हर व्यक्ति की अंतर्निहित मूल्य और सम्मान है। यह विचारक इमैनुएल कांट की नैतिकता पर आधारित है, जिसमें व्यक्ति को स्वयं में पूर्णता के रूप में देखा जाता है, न कि केवल किसी उद्देश्य की पूर्ति के लिए एक साधन के रूप में।
आधुनिक तकनीकी आर्थिक समाज में निहितार्थ
आज के डिजिटल युग में, प्राइवेसी और डेटा सुरक्षा जैसे मुद्दे महत्वपूर्ण हैं। कंपनियों जैसे अमेज़न और ट्विटर अक्सर उपयोगकर्ताओं की व्यक्तिगत जानकारी का व्यापार करते हैं, जो कभी-कभी उन्हें केवल डेटा के संसाधन के रूप में मानते हैं। यह सिद्धांत यहां लोगों की निजता और अधिकारों की रक्षा की आवश्यकता को दर्शाता है, ताकि वे केवल व्यापारिक लाभ के साधन न बनें।
वहीं, गिग इकोनॉमी में फ्रीलांसर और कॉन्ट्रैक्टर के अधिकार भी अक्सर नजरअंदाज होते हैं। इनके साथ सम्मानजनक व्यवहार, उचित वेतन और सुरक्षा प्रदान करना यह सुनिश्चित करता है कि ये श्रमिक केवल काम के साधन नहीं, बल्कि स्वतंत्र और सम्मानित व्यक्ति हैं।
इस प्रकार, इस सिद्धांत का पालन करके हम एक अधिक नैतिक और मानवतावादी समाज की दिशा में अग्रसर हो सकते हैं।
See lessनीतिशास्त्र केस स्टडी
a. सरोकार रखने वाले पक्षों के संभावित निहित स्वार्थ सरपंच: पूर्वाधिकारी का रिश्तेदार होने के नाते, सरपंच का व्यक्तिगत लाभ हो सकता है। भूखंड के अधिग्रहण से उसे राजनीतिक या आर्थिक लाभ होने की संभावना है। स्थानीय पंचायत: पंचायत के सदस्यों का संभवतः भूखंड के विकास में स्वार्थ हो सकता है, जैसे कि संभावितRead more
a. सरोकार रखने वाले पक्षों के संभावित निहित स्वार्थ
b. विकल्पों का विश्लेषण
इन विकल्पों का चयन स्थिति की गंभीरता और स्थानीय संदर्भ को ध्यान में रखते हुए किया जाना चाहिए।
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