प्रश्न का उत्तर अधिकतम 10 शब्दों में दीजिए। यह प्रश्न 02 अंक का है। [MPPSC 2023] 23 मार्च, 2019 को, किसे भारत का प्रथम लोकपाल नियुक्त किया गया था?
विभिन्न विकल्पों का विश्लेषण a. इसके बारे में सोचना छोड़ दीजिए क्योंकि यह उनका व्यक्तिगत मामला है परिणाम: हिंसा की निरंतरता: इस विकल्प को अपनाने से घरेलू हिंसा की समस्या अनसुलझी रहती है और हिंसा की निरंतरता होती है। इससे पीड़ित की स्थिति और बिगड़ सकती है, क्योंकि घरेलू हिंसा अक्सर समय के साथ बढ़ती हRead more
विभिन्न विकल्पों का विश्लेषण
a. इसके बारे में सोचना छोड़ दीजिए क्योंकि यह उनका व्यक्तिगत मामला है
परिणाम:
- हिंसा की निरंतरता: इस विकल्प को अपनाने से घरेलू हिंसा की समस्या अनसुलझी रहती है और हिंसा की निरंतरता होती है। इससे पीड़ित की स्थिति और बिगड़ सकती है, क्योंकि घरेलू हिंसा अक्सर समय के साथ बढ़ती है। उदाहरण के लिए, सुप्रीम कोर्ट का दखल घरेलू हिंसा के मामलों में कई बार इस बात को साबित करता है कि चुप रहना स्थिति को और अधिक खराब कर सकता है।
- नैतिक और कानूनी जिम्मेदारी का उल्लंघन: घरेलू हिंसा एक सार्वजनिक और कानूनी मुद्दा है, न कि केवल व्यक्तिगत मामला। चुप रहना नैतिक और कानूनी जिम्मेदारी का उल्लंघन है। भारत में घरेलू हिंसा (प्रतिबंध) अधिनियम, 2005 के तहत घरेलू हिंसा के मामलों को सख्ती से निपटाने की आवश्यकता है।
- स्वयं पर मानसिक तनाव: पीड़ित की दुर्दशा को नजरअंदाज करने से स्वयं पर मानसिक तनाव हो सकता है, क्योंकि स्थिति का सच जानने के बावजूद उसकी अनदेखी करना मनोवैज्ञानिक रूप से कष्टकारी हो सकता है।
b. उपयुक्त प्राधिकारी को मामले को प्रेषित कीजिए
परिणाम:
- पीड़ित की सुरक्षा: प्राधिकारी को मामले की सूचना देने से पीड़ित की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सकती है। जैसे, राष्ट्रीय महिला आयोग या स्थानीय पुलिस द्वारा की गई कार्रवाई से पीड़ित को संरक्षण, कानूनी सहायता और पुनर्वास मिल सकता है।
- कानूनी और नैतिक जिम्मेदारी: यह विकल्प आपको कानूनी और नैतिक जिम्मेदारी निभाने की अनुमति देता है। भारत में, किसी भी प्रकार की घरेलू हिंसा की रिपोर्टिंग से न केवल कानून की पालना होती है, बल्कि समाज में बदलाव की संभावना भी होती है।
- प्रोफेशनल और पर्सनल रिस्क: हालांकि, इस विकल्प से पेशेवर और व्यक्तिगत जोखिम हो सकते हैं, जैसे कि बॉस से संबंधों में तनाव या नौकरी पर असर। लेकिन इन जोखिमों के बावजूद, सही कदम उठाना महत्वपूर्ण है।
c. स्थिति के बारे में आपका स्वयं का नवप्रवर्तनकारी दृष्टिकोण
परिणाम:
- संवेदनशीलता और सहायता: एक नवप्रवर्तनकारी दृष्टिकोण अपनाते हुए, आप संवेदनशीलता और सहायता प्रदान कर सकते हैं। आप पीड़ित को समर्थन और संसाधन प्रदान करने के लिए किसी भरोसेमंद प्रोग्राम या संस्था से संपर्क कर सकते हैं।
- आवश्यकता के अनुसार समाधान: आप स्थानीय समुदाय या एनजीओ से जुड़कर या अंतरात्मा की प्रेरणा से कार्य कर सकते हैं, जैसे कि पीड़ित को कानूनी सलाह या मनोवैज्ञानिक सहायता देने के प्रयास।
- प्रेरणात्मक पहल: यदि आप इस मामले में प्रेरणात्मक पहल करते हैं, तो आप पीड़ित के लिए एक समर्थक और न्यायसंगत बदलाव के हिस्से बन सकते हैं। यह कदम सकारात्मक सामाजिक प्रभाव और घरेलू हिंसा के खिलाफ जागरूकता बढ़ा सकता है।
निष्कर्ष:
सही विकल्प b (उपयुक्त प्राधिकारी को मामले को प्रेषित करना) है, क्योंकि यह कानूनी और नैतिक जिम्मेदारी को निभाता है और पीड़ित को आवश्यक सुरक्षा और सहायता प्रदान कर सकता है। हालांकि, व्यक्तिगत और पेशेवर जोखिम हो सकते हैं, लेकिन न्याय और मानवाधिकार की रक्षा करना सर्वोपरि है। c (नवप्रवर्तनकारी दृष्टिकोण) भी महत्वपूर्ण हो सकता है, लेकिन प्राथमिक कदम के रूप में प्राधिकृत एजेंसियों को सूचना देना अधिक प्रभावी और कानूनी दृष्टि से उचित है।
See less
न्यायमूर्ति पिनाकी चंद्र घोष को 23 मार्च, 2019 को भारत का पहला लोकपाल नियुक्त किया गया था।
न्यायमूर्ति पिनाकी चंद्र घोष को 23 मार्च, 2019 को भारत का पहला लोकपाल नियुक्त किया गया था।