मनोवृत्ति परिवर्तन में विश्वासोत्पादक संचार के महत्त्व की व्याख्या कीजिये। (125 Words) [UPPSC 2020]
कॉर्पोरेट सामाजिक जिम्मेदारी (CSR) का उद्देश्य कंपनियों को उनके व्यापारिक गतिविधियों के सामाजिक और पर्यावरणीय प्रभावों को समझने और सुधारने में मदद करना है। हालांकि CSR के तहत कंपनियाँ पर्यावरणीय संरक्षण, सामाजिक कल्याण और बेहतर कार्य परिस्थितियाँ सुनिश्चित करने की दिशा में कई प्रयास करती हैं, इसके पRead more
कॉर्पोरेट सामाजिक जिम्मेदारी (CSR) का उद्देश्य कंपनियों को उनके व्यापारिक गतिविधियों के सामाजिक और पर्यावरणीय प्रभावों को समझने और सुधारने में मदद करना है। हालांकि CSR के तहत कंपनियाँ पर्यावरणीय संरक्षण, सामाजिक कल्याण और बेहतर कार्य परिस्थितियाँ सुनिश्चित करने की दिशा में कई प्रयास करती हैं, इसके प्रभावशीलता पर प्रश्न उठते हैं।
CSR का प्रमुख लाभ यह है कि यह कंपनियों को एक जिम्मेदार छवि बनाने में मदद करता है, जो उनकी ब्रांड वैल्यू और उपभोक्ता विश्वास को बढ़ा सकता है। यह सामाजिक मुद्दों पर ध्यान आकर्षित करने और सुधार की दिशा में कदम उठाने के लिए प्रोत्साहित करता है।
फिर भी, CSR अक्सर स्वैच्छिक होता है और इसके कार्यान्वयन की गहराई और व्यापकता में भिन्नता देखी जाती है। कई बार, CSR के प्रयास सतही होते हैं और उनके परिणाम स्थायी नहीं होते। इसके अलावा, कंपनियाँ अक्सर CSR को विपणन के एक उपकरण के रूप में भी प्रयोग करती हैं, जो इसकी प्रभावशीलता को प्रभावित कर सकता है।
इसलिए, हालांकि CSR महत्वपूर्ण है, यह अकेले ही पर्यावरणीय और सामाजिक समस्याओं को हल नहीं कर सकता। इसके लिए एक मजबूत नियामक ढांचा और सामाजिक दबाव भी आवश्यक है, जिससे CSR प्रयास अधिक प्रभावी और स्थायी हो सकें।
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मनोवृत्ति परिवर्तन में विश्वासोत्पादक संचार का महत्त्व 1. विश्वासोत्पादक संचार: विश्वासोत्पादक संचार वह प्रक्रिया है जिसमें सच्चाई, स्पष्टता, और सहानुभूति के साथ विचार व्यक्त किए जाते हैं। इसका लक्ष्य संबंधित व्यक्तियों या समूहों को विश्वास और सकारात्मक दृष्टिकोण प्रदान करना है। 2. महत्त्व: विवेकपूरRead more
मनोवृत्ति परिवर्तन में विश्वासोत्पादक संचार का महत्त्व
1. विश्वासोत्पादक संचार: विश्वासोत्पादक संचार वह प्रक्रिया है जिसमें सच्चाई, स्पष्टता, और सहानुभूति के साथ विचार व्यक्त किए जाते हैं। इसका लक्ष्य संबंधित व्यक्तियों या समूहों को विश्वास और सकारात्मक दृष्टिकोण प्रदान करना है।
2. महत्त्व:
3. समाजिक बदलाव: विश्वासोत्पादक संचार सामाजिक व्यवहार और मानसिकता में बदलाव को बढ़ावा देता है, जिससे कि नए विचार और नीतियाँ स्वीकार की जाती हैं और अधिक प्रभावी होती हैं।
इस प्रकार, विश्वासोत्पादक संचार मानसिकता परिवर्तन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, जिससे कि लोगों को सकारात्मक दृष्टिकोण और आत्मसात करने में सहायता मिलती है।
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