लोक सेवकों की लोकतंत्रीय अभिवृत्ति एवं अधिकारीतंत्रीय अभिवृत्ति में अंतर बताइए । (125 Words) [UPPSC 2022]
समझौते से पूर्ण रूप से इनकार करना और सत्यनिष्ठा सत्यनिष्ठा का वास्तविक अर्थ है नैतिकता और ईमानदारी से काम करना, भले ही उसके लिए व्यक्तिगत या पेशेवर नुकसान उठाना पड़े। समझौते से पूर्ण रूप से इनकार करना सत्यनिष्ठा की परख के रूप में देखा जाता है, जहां व्यक्ति अपनी मूल मान्यताओं और नैतिक सिद्धांतों पर अRead more
समझौते से पूर्ण रूप से इनकार करना और सत्यनिष्ठा
सत्यनिष्ठा का वास्तविक अर्थ है नैतिकता और ईमानदारी से काम करना, भले ही उसके लिए व्यक्तिगत या पेशेवर नुकसान उठाना पड़े। समझौते से पूर्ण रूप से इनकार करना सत्यनिष्ठा की परख के रूप में देखा जाता है, जहां व्यक्ति अपनी मूल मान्यताओं और नैतिक सिद्धांतों पर अडिग रहता है।
हालिया उदाहरण:
आर्थिक घोटाले में शामिल न होने के लिए कई अधिकारियों ने अपनी जॉब्स छोड़ीं। आईएएस अधिकारी संजीव चतुर्वेदी ने भ्रष्टाचार के खिलाफ लम्बी लड़ाई लड़ी और नकारात्मक परिणामों के बावजूद अपनी सच्चाई को कायम रखा। उनका उदाहरण दर्शाता है कि उन्होंने व्यक्तिगत लाभ के बावजूद नैतिकता और ईमानदारी को प्राथमिकता दी।
शानदार निष्पक्षता के लिए यह भी उल्लेखनीय है कि अमेरिका की जानीमानी पत्रकार जूलियन असांजे ने अपने सिद्धांतों की रक्षा के लिए कठोर दंड को स्वीकार किया, जबकि अन्य ने समझौते के लिए दबाव डाला था।
इन उदाहरणों से यह स्पष्ट होता है कि सत्यनिष्ठा को बनाए रखने के लिए समझौते से पूरी तरह इनकार करना एक महत्वपूर्ण गुण है, जो नैतिकता और ईमानदारी को सबसे ऊपर रखता है।
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लोक सेवकों की लोकतंत्रीय अभिवृत्ति एवं अधिकारीतंत्रीय अभिवृत्ति में अंतर 1. लोकतंत्रीय अभिवृत्ति: लोकतंत्रीय अभिवृत्ति में लोक सेवक जनता की सेवा और जनसामान्य के अधिकारों के प्रति प्रतिबद्ध होते हैं। इसका उद्देश्य पारदर्शिता और जवाबदेही को बढ़ावा देना है। उदाहरण के लिए, आधिकारिक सूचना की पारदर्शिता सRead more
लोक सेवकों की लोकतंत्रीय अभिवृत्ति एवं अधिकारीतंत्रीय अभिवृत्ति में अंतर
1. लोकतंत्रीय अभिवृत्ति: लोकतंत्रीय अभिवृत्ति में लोक सेवक जनता की सेवा और जनसामान्य के अधिकारों के प्रति प्रतिबद्ध होते हैं। इसका उद्देश्य पारदर्शिता और जवाबदेही को बढ़ावा देना है। उदाहरण के लिए, आधिकारिक सूचना की पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए RTI (सूचना का अधिकार) अधिनियम का कार्यान्वयन, जो नागरिकों को सरकारी कार्यों की जानकारी प्राप्त करने का अधिकार देता है।
2. अधिकारीतंत्रीय अभिवृत्ति: अधिकारीतंत्रीय अभिवृत्ति में लोक सेवक सत्ता और नियंत्रण पर जोर देते हैं, और रूल बुक और प्रोटोकॉल के अनुसार काम करते हैं। यह अभिवृत्ति कभी-कभी लोक सेवक और नागरिक के बीच दूरी पैदा कर सकती है। उदाहरण के लिए, बंगाल के निर्वाचन आयोग द्वारा मतदान प्रक्रिया के दौरान अनावश्यक बाधाएँ उत्पन्न करना, जिससे नागरिकों को कठिनाइयाँ हुईं।
मूल अंतर: लोकतंत्रीय अभिवृत्ति में सेवा और पारदर्शिता की प्राथमिकता होती है, जबकि अधिकारीतंत्रीय अभिवृत्ति में अधिकार और नियमों के प्रति कड़ाई होती है। दोनों अभिवृत्तियाँ लोक सेवकों की भूमिका में महत्वपूर्ण हैं, लेकिन लोकतंत्रीय अभिवृत्ति को अधिक प्राथमिकता देने से जनता के प्रति संवेदनशीलता और उत्तरदायित्व बढ़ता है।
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