सिविल सेवा के संदर्भ में निम्नलिखित की प्रासंगिकता का मूल्यांकन कीजिये। (125 Words) [UPPSC 2018] aअंतरात्मा b.सेवा भाव c.अनुशासन
सिविल सेवा के संदर्भ में core values की प्रासंगिकता a. सत्यनिष्ठा परिभाषा: सत्यनिष्ठा का तात्पर्य है नैतिक और ईमानदार व्यवहार, जहां अधिकारी अपने कार्यों में सत्य और ईमानदारी बनाए रखते हैं। प्रासंगिकता: सत्यनिष्ठा सिविल सेवा में विश्वास और सार्वजनिक विश्वास को बनाए रखने के लिए आवश्यक है। उदाहरण के लिRead more
सिविल सेवा के संदर्भ में core values की प्रासंगिकता
a. सत्यनिष्ठा
परिभाषा: सत्यनिष्ठा का तात्पर्य है नैतिक और ईमानदार व्यवहार, जहां अधिकारी अपने कार्यों में सत्य और ईमानदारी बनाए रखते हैं।
प्रासंगिकता: सत्यनिष्ठा सिविल सेवा में विश्वास और सार्वजनिक विश्वास को बनाए रखने के लिए आवश्यक है। उदाहरण के लिए, आयकर विभाग के अधिकारी द्वारा किए गए भ्रष्टाचार विरोधी कदम जैसे कि फर्जी कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई ने जनता के विश्वास को बढ़ाया और सुशासन को बढ़ावा दिया।
b. निष्पक्षता
परिभाषा: निष्पक्षता का मतलब है सभी व्यक्तियों और मामलों को समान रूप से देखना और निर्णय लेना, बिना किसी पूर्वाग्रह या व्यक्तिगत पसंद के।
प्रासंगिकता: निष्पक्षता न्याय और समानता सुनिश्चित करती है। उच्चतम न्यायालय की हालिया निर्णय, जैसे कि तीन तलाक मामले में निर्णय, ने निष्पक्षता के महत्व को दर्शाया है, जिससे कानून के समक्ष सभी व्यक्तियों को समान उपचार मिला।
c. वस्तुनिष्ठता
परिभाषा: वस्तुनिष्ठता का तात्पर्य है निर्णय लेना तथ्यों और प्रमाणों पर आधारित, व्यक्तिगत भावनाओं या विचारों से मुक्त।
प्रासंगिकता: वस्तुनिष्ठता प्रभावी नीति-निर्माण और प्रशासन के लिए महत्वपूर्ण है। COVID-19 महामारी के दौरान सरकार की रणनीतियाँ तथ्यों और वैज्ञानिक डेटा पर आधारित थीं, जिससे महामारी के प्रबंधन में प्रभावशीलता आई।
d. गैर-तरफदारी
परिभाषा: गैर-तरफदारी का मतलब है किसी भी राजनीतिक दल या समूह के प्रति पक्षपाती न होना और सभी नागरिकों के प्रति समान व्यवहार करना।
प्रासंगिकता: गैर-तरफदारी लोकतंत्र और पारदर्शिता को बनाए रखने में सहायक होती है। भारत के चुनाव आयोग की निष्पक्षता और तटस्थता ने चुनावों को पारदर्शी और विश्वसनीय बनाया, जिससे लोकतंत्र की संस्थाओं पर विश्वास कायम रहा।
मूल्यांकन
सत्यनिष्ठा, निष्पक्षता, वस्तुनिष्ठता, और गैर-तरफदारी इन मूल्यों के द्वारा सिविल सेवा को न केवल प्रभावी और न्यायपूर्ण बनाया जाता है, बल्कि यह सार्वजनिक विश्वास और लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं को भी मजबूत करता है। ये मूल्य सिविल सेवकों को उचित और ईमानदार तरीके से अपने कर्तव्यों का पालन करने में सक्षम बनाते हैं।
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सिविल सेवा के संदर्भ में मूल्यों की प्रासंगिकता a. अंतरात्मा प्रासंगिकता: अंतरात्मा सिविल सेवा में ईमानदारी और नैतिकता की नींव है। यह सुनिश्चित करता है कि अधिकारी अपने कर्तव्यों को निष्पक्ष और सही तरीके से निभाएं। सत्यपाल मलिक, पूर्व जम्मू और कश्मीर के गवर्नर, ने भ्रष्टाचार के खिलाफ अपनी अंतरात्मा कRead more
सिविल सेवा के संदर्भ में मूल्यों की प्रासंगिकता
a. अंतरात्मा
प्रासंगिकता: अंतरात्मा सिविल सेवा में ईमानदारी और नैतिकता की नींव है। यह सुनिश्चित करता है कि अधिकारी अपने कर्तव्यों को निष्पक्ष और सही तरीके से निभाएं। सत्यपाल मलिक, पूर्व जम्मू और कश्मीर के गवर्नर, ने भ्रष्टाचार के खिलाफ अपनी अंतरात्मा की आवाज सुनी और कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए। अंतरात्मा अधिकारी की फैसलों में नैतिकता को बनाए रखने में सहायक होती है।
b. सेवा भाव
प्रासंगिकता: सेवा भाव समाज के प्रति समर्पण और बेहतर सेवा प्रदान करने का प्रेरक है। यह नागरिकों के कल्याण के लिए प्रतिबद्धता को दर्शाता है। आईएएस अधिकारी तन्वी गांधी ने समाजिक समस्याओं के समाधान के लिए ग्रामीण विकास परियोजनाओं पर काम किया, जो सेवा भाव की महत्वपूर्ण भूमिका को दर्शाता है।
c. अनुशासन
प्रासंगिकता: अनुशासन कार्यक्षमता और पेशेवरता को बनाए रखता है। यह सुनिश्चित करता है कि अधिकारी नियमों और कानूनों का पालन करें और कार्य में स्थिरता बनाए रखें। भारतीय पुलिस सेवा के अधिकारी, जैसे कि डॉ. सुधीर कुमार, जो हमेशा अपने कर्तव्यों में अनुशासन बनाए रखते हैं, यह दर्शाता है कि अनुशासन सिविल सेवा में कुशल प्रबंधन और नागरिकों के प्रति जिम्मेदारी सुनिश्चित करता है।
निष्कर्ष
इन मूल्यों—अंतरात्मा, सेवा भाव, और अनुशासन—की सिविल सेवा में अत्यधिक प्रासंगिकता है, क्योंकि ये सुनिश्चित करते हैं कि अधिकारी अपने कर्तव्यों को नैतिक, समर्पित और व्यवस्थित ढंग से निभाएं।
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