“धार्मिक कट्टरता किसी भी लोकतांत्रिक देश की उन्नति में बाधक रही हैं।” विवेचना कीजिये। (200 Words) [UPPSC 2019]
पारदर्शिता और जवाबदेही बनाम निर्णय लेने में चुनौतियाँ: विश्लेषण और समाधान प्रगतियाँ और उनके लाभ सूचना का अधिकार (आर० टी० आइ०) अधिनियम, मीडिया, और न्यायिक सक्रियता ने सरकार के कार्यों में पारदर्शिता और जवाबदेही बढ़ाई है। उदाहरण के लिए, 2018 में दिल्ली के सार्वजनिक वितरण प्रणाली में भ्रष्टाचार को RTIRead more
पारदर्शिता और जवाबदेही बनाम निर्णय लेने में चुनौतियाँ: विश्लेषण और समाधान
प्रगतियाँ और उनके लाभ
सूचना का अधिकार (आर० टी० आइ०) अधिनियम, मीडिया, और न्यायिक सक्रियता ने सरकार के कार्यों में पारदर्शिता और जवाबदेही बढ़ाई है। उदाहरण के लिए, 2018 में दिल्ली के सार्वजनिक वितरण प्रणाली में भ्रष्टाचार को RTI के माध्यम से उजागर किया गया।
चुनौतियाँ और नकारात्मक प्रभाव
- दुरुपयोग: RTI और मीडिया का दुरुपयोग व्यक्तिगत द्वेष या ग़ैर-संवैधानिक उद्देश्यों के लिए किया जा सकता है, जिससे संसाधनों का दुरुपयोग होता है।
- निर्णय लेने में डर: अधिकारियों की भविष्यवाणी की चिंता के कारण, निर्णय लेने में धीमता देखने को मिलती है। 2020 में उत्तर प्रदेश में नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में कार्रवाई के दौरान अधिकारियों ने सावधानी बरतने में ही भलाई समझी।
समाधान
- RTI प्रक्रिया में सुधार: फ्रिवोलस आवेदन को रोकने के लिए स्पष्ट दिशा-निर्देश बनाना और शुल्क लागू करना आवश्यक है।
- अधिकारियों की सुरक्षा: निर्णय लेने में आत्म-विश्वास बढ़ाने के लिए, कानूनी सुरक्षा और व whistleblower protection laws लागू करना चाहिए।
- संवेदनशील प्रशिक्षण: अधिकारियों को मीडिया और कानूनी दबाव से निपटने के लिए प्रशिक्षण देना चाहिए।
निष्कर्ष
पारदर्शिता और जवाबदेही के साथ प्रभावी निर्णय को सुनिश्चित करने के लिए, दुरुपयोग को रोकना और अधिकारियों को सुरक्षा प्रदान करना अनिवार्य है।
धार्मिक कट्टरता और लोकतांत्रिक उन्नति परिभाषा और प्रभाव: धार्मिक कट्टरता का तात्पर्य ऐसे असहिष्णुता और पूर्वाग्रह से है जो धार्मिक मान्यताओं के आधार पर व्यक्तियों या समुदायों के प्रति होता है। यह कट्टरता लोकतांत्रिक देशों की सामाजिक और आर्थिक प्रगति में प्रमुख बाधक बनती है। ऐतिहासिक उदाहरण: भारत काRead more
धार्मिक कट्टरता और लोकतांत्रिक उन्नति
परिभाषा और प्रभाव: धार्मिक कट्टरता का तात्पर्य ऐसे असहिष्णुता और पूर्वाग्रह से है जो धार्मिक मान्यताओं के आधार पर व्यक्तियों या समुदायों के प्रति होता है। यह कट्टरता लोकतांत्रिक देशों की सामाजिक और आर्थिक प्रगति में प्रमुख बाधक बनती है।
ऐतिहासिक उदाहरण:
उन्नति पर प्रभाव:
निष्कर्ष: धार्मिक कट्टरता लोकतांत्रिक देशों की उन्नति में बाधक है, क्योंकि यह सामाजिक विघटन, आर्थिक विकास में रुकावट, और मानवाधिकार उल्लंघन को जन्म देती है। असहिष्णुता को समाप्त करना और समावेशिता को बढ़ावा देना लोकतांत्रिक समाजों की स्थिरता और विकास के लिए आवश्यक है।
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