जीवन में नैतिक आचरण के सन्दर्भ में आपको किस विख्यात व्यक्तित्व ने सर्वाधिक प्रेरणा दी है? उसकी शिक्षाओं का सार प्रस्तुत कीजिए। विशिष्ट उदाहरण देते हुए वर्णन कीजिए कि आप अपने नैतिक विकास के लिए उन शिक्षाओं को किस प्रकार ...
परिचय: एरिक एरिक्सन का यह कथन जीवन में परस्पर निर्भरता के महत्व को दर्शाता है। मानव समाज और विश्व की संरचना ऐसी है कि हम सभी एक-दूसरे पर निर्भर हैं। यदि हम इस सच्चाई को शीघ्र समझ लें, तो हम अधिक समृद्ध, शांतिपूर्ण और संगठित समाज की दिशा में अग्रसर हो सकते हैं। परस्पर निर्भरता का महत्व: वैश्विक सहयोगRead more
परिचय:
एरिक एरिक्सन का यह कथन जीवन में परस्पर निर्भरता के महत्व को दर्शाता है। मानव समाज और विश्व की संरचना ऐसी है कि हम सभी एक-दूसरे पर निर्भर हैं। यदि हम इस सच्चाई को शीघ्र समझ लें, तो हम अधिक समृद्ध, शांतिपूर्ण और संगठित समाज की दिशा में अग्रसर हो सकते हैं।
परस्पर निर्भरता का महत्व:
- वैश्विक सहयोग के बिना आज के जटिल मुद्दों का समाधान असंभव है। उदाहरण के लिए, COVID-19 महामारी के दौरान देशों ने वैक्सीन और चिकित्सा आपूर्ति साझा की, जिससे यह स्पष्ट हुआ कि वैश्विक संकटों का समाधान परस्पर निर्भरता के माध्यम से ही संभव है।
- आर्थिक परस्पर निर्भरता भी स्पष्ट रूप से देखने को मिलती है। 2023 में वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला में आई समस्याओं, जैसे चिप की कमी, ने उद्योगों को प्रभावित किया, जो यह दर्शाता है कि हमारी अर्थव्यवस्थाएँ कितनी जुड़ी हुई हैं।
- सांस्कृतिक और सामाजिक परस्पर निर्भरता भी समाजों को समृद्ध बनाती है। भारत की सॉफ्ट पावर, जैसे योग और आयुर्वेद का प्रसार, अन्य देशों में सांस्कृतिक समृद्धि का उदाहरण है।
निष्कर्ष:
परस्पर निर्भरता को जितनी जल्दी हम स्वीकार करेंगे, उतनी ही जल्दी हम एक सशक्त और समृद्ध वैश्विक समुदाय का निर्माण कर सकते हैं।
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प्रेरणादायक व्यक्तित्व: मदन मोहन मालवीय शिक्षाओं का सार: मदन मोहन मालवीय, नैतिक आचरण के प्रेरणास्रोत, सत्य, अहिंसा, और सेवाभाव जैसे मौलिक सिद्धांतों पर बल दिया। उनकी शिक्षाएं 'सर्वोदय' - सभी का कल्याण, और 'सत्याग्रह' - सत्य की शक्ति और 'अहिंसा' - हिंसा रहितता को सामाजिक परिवर्तन के उपकरण के रूप मेंRead more
प्रेरणादायक व्यक्तित्व: मदन मोहन मालवीय
शिक्षाओं का सार: मदन मोहन मालवीय, नैतिक आचरण के प्रेरणास्रोत, सत्य, अहिंसा, और सेवाभाव जैसे मौलिक सिद्धांतों पर बल दिया। उनकी शिक्षाएं ‘सर्वोदय’ – सभी का कल्याण, और ‘सत्याग्रह’ – सत्य की शक्ति और ‘अहिंसा’ – हिंसा रहितता को सामाजिक परिवर्तन के उपकरण के रूप में स्थापित करती हैं।
नैतिक विकास में लागू करना:
1. सत्यवाद: मैंने सभी क्षेत्रों में ईमानदारी को अपनाया है, मुश्किल परिस्थितियों में भी, जैसे गांधी ने ब्रिटिश अत्याचार के खिलाफ नमक सत्याग्रह के दौरान अपना संकल्प दिखाया।
2. अहिंसा: शांतिपूर्ण तरीके से विवादों का समाधान करना, गांधी के अन्याय के खिलाफ आंदोलन में हिंसा का सहारा न लेते हुए, जैसे भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन में उनकी भूमिका।
3. सेवाभाव: समुदाय सेवा के लिए स्वयं स्वेच्छा से योगदान देना और समुदाय के कल्याण को प्राथमिकता देना, जैसे गांधी का समाज के उत्थान के लिए समर्पित जीवन।
निष्कर्ष: मालवीय के नैतिक सिद्धांत मेरे नैतिक विकास की दिशा दिखाते हैं, जिससे मेरा नैतिक विकास एक अधिक धार्मिक और सामाजिक जिम्मेदार जीवन की ओर बढ़ता है।
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