शिक्षा एक निषेधाज्ञा नहीं है, यह व्यक्ति के समग्र विकास और सामाजिक बदलाव के लिए एक प्रभावी और व्यापक साधन है।” उपरोक्त कथन के आलोक में नई शिक्षा नीति, 2020 (एन.इ.पी., 2020) का परीक्षण कीजिए । (150 words) [UPSC 2020]
महात्मा गांधी के अनुसार आदर्श मानवीय नैतिक व्यवहार के आवश्यक सद्गुण 1. सत्य (Satya): गांधीजी ने सत्य को नैतिकता का आधार मानते हुए सत्यवादिता और ईमानदारी को महत्वपूर्ण बताया। उदाहरण: उनके सत्याग्रह आंदोलन में सत्य की शक्ति का उपयोग सामाजिक न्याय के लिए किया गया। 2. अहिंसा (Ahimsa): अहिंसा, अर्थात् हिRead more
महात्मा गांधी के अनुसार आदर्श मानवीय नैतिक व्यवहार के आवश्यक सद्गुण
1. सत्य (Satya): गांधीजी ने सत्य को नैतिकता का आधार मानते हुए सत्यवादिता और ईमानदारी को महत्वपूर्ण बताया। उदाहरण: उनके सत्याग्रह आंदोलन में सत्य की शक्ति का उपयोग सामाजिक न्याय के लिए किया गया।
2. अहिंसा (Ahimsa): अहिंसा, अर्थात् हिंसा से परहेज, गांधीजी के नैतिक सिद्धांतों का केंद्रीय हिस्सा था। उदाहरण: भारत की स्वतंत्रता की लड़ाई में अहिंसात्मक प्रतिरोध ने व्यापक समर्थन प्राप्त किया।
3. आत्म-निर्भरता (Swaraj): गांधीजी ने व्यक्तिगत आत्म-निर्भरता और स्वावलंबन को नैतिक उत्कृष्टता के तत्व के रूप में देखा। उदाहरण: खादी आंदोलन के माध्यम से स्वदेशी वस्त्रों का प्रचार किया।
4. करुणा (Karuna): दूसरों के प्रति दया और सहानुभूति रखना भी गांधीजी के सिद्धांतों में शामिल था। उदाहरण: उन्होंने अछूतों के उत्थान के लिए विशेष प्रयास किए।
निष्कर्ष: महात्मा गांधी के अनुसार, सत्य, अहिंसा, आत्म-निर्भरता, और करुणा ये सद्गुण आदर्श मानवीय नैतिक व्यवहार के लिए अनिवार्य हैं।
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शिक्षा: समग्र विकास और सामाजिक बदलाव का साधन परिचय "शिक्षा एक निषेधाज्ञा नहीं है, बल्कि व्यक्ति और समाज के विकास के लिए एक प्रभावी और व्यापक साधन है" - यह अवधारणा नई शिक्षा नीति, 2020 (एन.ई.पी. 2020) के प्रावधानों से स्पष्ट होती है। यह नीति भारतीय शिक्षा प्रणाली में महत्वपूर्ण बदलाव लाने का प्रयास कRead more
शिक्षा: समग्र विकास और सामाजिक बदलाव का साधन
परिचय
“शिक्षा एक निषेधाज्ञा नहीं है, बल्कि व्यक्ति और समाज के विकास के लिए एक प्रभावी और व्यापक साधन है” – यह अवधारणा नई शिक्षा नीति, 2020 (एन.ई.पी. 2020) के प्रावधानों से स्पष्ट होती है। यह नीति भारतीय शिक्षा प्रणाली में महत्वपूर्ण बदलाव लाने का प्रयास करती है।
समग्र विकास
एन.ई.पी. 2020 विविधतापूर्ण शिक्षा पर जोर देती है, जैसे कि मल्टी-डिसिप्लिनरी अप्रोच और वैकल्पिक पाठ्यक्रम। इससे छात्रों को व्यापक ज्ञान और कौशल प्राप्त होता है, जो उनके व्यक्तिगत विकास में सहायक होता है। अनौपचारिक शिक्षा और वोकेशनल ट्रेनिंग को भी प्राथमिकता दी गई है, जिससे छात्रों की समग्र क्षमता निखरती है।
सामाजिक बदलाव
नीति के तहत समावेशी शिक्षा को बढ़ावा दिया गया है, जैसे कि नीति और योजनाओं में अनुसूचित जाति/जनजाति छात्रों के लिए विशेष प्रावधान। अक्षमता और अल्पसंख्यक समूहों को ध्यान में रखते हुए कई पहल की गई हैं, जिससे सामाजिक समानता और उन्नति को बल मिलता है।
उदाहरण
हाल ही में ‘स्कूल ऑफ एक्सीलेंस’ और ‘नेशनल एजुकेशनल टेक्नोलॉजी फोरम’ की स्थापना ने शिक्षा की गुणवत्ता और पहुँच को सुधारने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। ये पहल शिक्षा को समाज के हर वर्ग तक पहुँचाने का प्रयास करती हैं, जिससे शिक्षा एक सशक्त बदलाव का माध्यम बनती है।
निष्कर्ष
एन.ई.पी. 2020 शिक्षा को न केवल एक निषेधाज्ञा के रूप में बल्कि एक प्रभावी और व्यापक साधन के रूप में प्रस्तुत करती है, जो व्यक्ति और समाज के समग्र विकास और बदलाव में सहायक है।
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