सामाजिक समूहों जैसे कि परिवार एवं अपने समकक्षों के साथ सीधी बातचीत लोगों को सिखाती है कि दूसरे उनसे कैसा व्यवहार करने की उम्मीद करते हैं। इसी तरह, एक संपूर्ण समाज अपने मानदंडों, संस्थानों, मीडिया और सामूहिक व्यवहार के ...
प्रौद्योगिकी आधुनिक समाज की स्थापना में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है, लेकिन इसके प्रभाव को समालोचनात्मक रूप से समझना आवश्यक है। सकारात्मक दृष्टिकोण: प्रौद्योगिकी सामाजिक संपर्क और शिक्षा को सुलभ बनाकर मूल्यों को प्रसारित कर सकती है। उदाहरण के लिए, डिजिटल प्लेटफॉर्म और सोशल मीडिया विभिन्न सामाजिक मRead more
प्रौद्योगिकी आधुनिक समाज की स्थापना में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है, लेकिन इसके प्रभाव को समालोचनात्मक रूप से समझना आवश्यक है।
सकारात्मक दृष्टिकोण:
प्रौद्योगिकी सामाजिक संपर्क और शिक्षा को सुलभ बनाकर मूल्यों को प्रसारित कर सकती है। उदाहरण के लिए, डिजिटल प्लेटफॉर्म और सोशल मीडिया विभिन्न सामाजिक मुद्दों पर जागरूकता बढ़ाने में सहायक होते हैं। ये प्लेटफॉर्म वैश्विक स्तर पर विचारों और विचारधाराओं का आदान-प्रदान संभव बनाते हैं, जिससे समानता और मानवाधिकार जैसे मूल्यों को बढ़ावा मिलता है।
नकारात्मक दृष्टिकोण:
हालांकि, प्रौद्योगिकी का अत्यधिक उपयोग समाज में वैमनस्य और असमानता को भी जन्म दे सकता है। डिजिटल विभाजन और सोशल मीडिया के माध्यम से फैलने वाली गलत सूचनाएं समाज में ध्रुवीकरण और विभाजन को बढ़ावा दे सकती हैं। इसके अलावा, प्रौद्योगिकी की अत्यधिक निर्भरता से पारंपरिक मानवीय संबंध और सामाजिक मूल्य प्रभावित हो सकते हैं।
इस प्रकार, प्रौद्योगिकी का मूल्य-केंद्रित समाज निर्माण में योगदान सकारात्मक हो सकता है, लेकिन इसके संभावित दुष्प्रभावों को भी ध्यान में रखना आवश्यक है।
See less
समाज में औपचारिक और अनौपचारिक संस्थाएं लोगों का समाजीकरण महत्वपूर्ण रूप से प्रभावित करती हैं। औपचारिक संस्थाएं, जैसे स्कूल और धार्मिक संस्थान, समाज के मानदंडों और मूल्यों को स्थापित और सिखाते हैं। उदाहरण के लिए, स्कूल न केवल अकादमिक शिक्षा प्रदान करते हैं बल्कि समाज में आदर्श नागरिक बनने के लिए आवश्Read more
समाज में औपचारिक और अनौपचारिक संस्थाएं लोगों का समाजीकरण महत्वपूर्ण रूप से प्रभावित करती हैं।
औपचारिक संस्थाएं, जैसे स्कूल और धार्मिक संस्थान, समाज के मानदंडों और मूल्यों को स्थापित और सिखाते हैं। उदाहरण के लिए, स्कूल न केवल अकादमिक शिक्षा प्रदान करते हैं बल्कि समाज में आदर्श नागरिक बनने के लिए आवश्यक नैतिक और सामाजिक मूल्यों को भी सिखाते हैं, जैसे ईमानदारी और सहयोग।
अनौपचारिक संस्थाएं, जैसे परिवार और मित्र मंडल, व्यक्तियों की प्राथमिक समाजीकरण इकाइयां होती हैं। परिवार में बच्चों को जीवन की प्रारंभिक शिक्षा मिलती है, जैसे सभ्य व्यवहार और सामाजिक अपेक्षाओं का पालन करना। परिवार और मित्र, दैनिक बातचीत और अनुभवों के माध्यम से सामाजिक मानदंडों को संचारित करते हैं, जैसे समानता और समर्थन।
इन दोनों प्रकार की संस्थाएं मिलकर समाज के मूल्यों और मानदंडों को स्थापित करती हैं और उन्हें सुदृढ़ करती हैं, जिससे समाज में समन्वय और स्थिरता बनाए रखी जाती है।
See less