जनसमूह की अभिवृत्ति परिवर्तन में विश्वासोत्पादक संवाद के महत्त्व की विवेचना कीजिये। (200 Words) [UPPSC 2018]
मानव जीवन में नैतिकता की प्रोन्नति नैतिकता सच्चाई, न्याय, और सामाजिक कल्याण की प्रोन्नति करती है। यह व्यक्ति को सही और गलत के बीच अंतर समझने में मदद करती है और एक मूल्य आधारित जीवन जीने की प्रेरणा देती है। उदाहरण के लिए, सच्चाई और ईमानदारी से भरा जीवन व्यक्ति के व्यक्तिगत और पेशेवर संबंधों में विश्वRead more
मानव जीवन में नैतिकता की प्रोन्नति
नैतिकता सच्चाई, न्याय, और सामाजिक कल्याण की प्रोन्नति करती है। यह व्यक्ति को सही और गलत के बीच अंतर समझने में मदद करती है और एक मूल्य आधारित जीवन जीने की प्रेरणा देती है। उदाहरण के लिए, सच्चाई और ईमानदारी से भरा जीवन व्यक्ति के व्यक्तिगत और पेशेवर संबंधों में विश्वास और सम्मान को बढ़ाता है।
लोक-प्रशासन में नैतिकता का महत्व
- जनता का विश्वास: नैतिकता सुनिश्चित करती है कि सरकारी अधिकारी ईमानदारी और प्रस्तावित उत्तरदायित्व के साथ काम करें। उदाहरण के लिए, सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में डिजिटल लेन-देन की पारदर्शिता और भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई से लोगों का विश्वास बढ़ा है।
- संगठित पारदर्शिता और जवाबदेही: नैतिकता सरकारी संसाधनों के समान और प्रभावी उपयोग को सुनिश्चित करती है। भारत का लोकपाल और लोकायुक्त (Ombudsman) प्रणाली भ्रष्टाचार की निगरानी और प्रशासनिक जवाबदेही को सुनिश्चित करती है।
- न्याय और निष्पक्षता: नैतिक सिद्धांत निर्णय लेने में न्याय और निष्पक्षता को बढ़ावा देते हैं, जिससे सरकारी नीतियाँ और योजनाएँ सामाजिक समावेशिता और समान अवसर सुनिश्चित करती हैं।
इस प्रकार, नैतिकता लोक-प्रशासन में विश्वास, पारदर्शिता, और न्याय की प्रमुख भूमिका निभाती है, जो कुशल और प्रभावी शासन के लिए आवश्यक है।
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जनसमूह की अभिवृत्ति परिवर्तन में विश्वासोत्पादक संवाद का महत्त्व 1. जनमत पर प्रभाव विश्वासोत्पादक संवाद जनसमूह की अभिवृत्तियों और व्यवहारों में महत्वपूर्ण परिवर्तन ला सकता है। यह संवाद सटीक जानकारी, तर्कसंगत तर्क, और भावनात्मक अपील का उपयोग करता है ताकि लोगों के मन में विश्वास उत्पन्न हो सके। जैसे कRead more
जनसमूह की अभिवृत्ति परिवर्तन में विश्वासोत्पादक संवाद का महत्त्व
1. जनमत पर प्रभाव
विश्वासोत्पादक संवाद जनसमूह की अभिवृत्तियों और व्यवहारों में महत्वपूर्ण परिवर्तन ला सकता है। यह संवाद सटीक जानकारी, तर्कसंगत तर्क, और भावनात्मक अपील का उपयोग करता है ताकि लोगों के मन में विश्वास उत्पन्न हो सके। जैसे कि COVID-19 टीकाकरण अभियान में सरकारी और स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने विश्वासोत्पादक संवाद का इस्तेमाल कर लोगों को टीकाकरण के लाभ समझाए, जिससे टीकाकरण दर में वृद्धि हुई।
2. जन जागरूकता
विश्वासोत्पादक संवाद जन जागरूकता बढ़ाने में सहायक होता है। स्वच्छ भारत मिशन ने जनसमूह को स्वच्छता के महत्व के प्रति जागरूक करने के लिए प्रभावशाली संचार का उपयोग किया, जिससे लोगों ने स्वच्छता अभियानों में सक्रिय भाग लिया और स्वच्छता के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण अपनाया।
3. सामाजिक बदलाव
सामाजिक बदलाव को प्रेरित करने के लिए विश्वासोत्पादक संवाद आवश्यक है। बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान ने जेंडर समानता और महिला शिक्षा के प्रति जनसमूह की सोच में बदलाव लाने के लिए प्रभावी संचार रणनीतियाँ अपनाई। इसने महिला शिक्षा के महत्व को उजागर किया और सामाजिक दृष्टिकोण में सकारात्मक परिवर्तन किया।
4. संकट प्रबंधन
संकट की स्थितियों में, विश्वासोत्पादक संवाद असंतोष और गलतफहमियों को कम कर सकता है। जैसे कि कृषि कानून विरोधी आंदोलन के दौरान सरकार ने संवाद और बातचीत के माध्यम से किसानों की चिंताओं को समझने और हल करने की कोशिश की, जिससे स्थिति को बेहतर ढंग से प्रबंधित किया जा सका।
इन उदाहरणों से स्पष्ट होता है कि विश्वासोत्पादक संवाद जनसमूह की अभिवृत्तियों को बदलने, जागरूकता बढ़ाने, और सामाजिक बदलाव लाने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
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