“सूचना का अधिकार अधिनियम केवल नागरिकों के सशक्तिकरण के बारे में नहीं है, अपितु यह आवश्यक रूप से जवाबदेही की संकल्पना को पुनर्परिभाषित करता है।” विवेचना कीजिए। (200 Words) [UPPSC 2022]
भ्रष्टाचार लोकतंत्र के समक्ष एक गंभीर चुनौती है क्योंकि यह प्रणाली की विश्वसनीयता और प्रभावशीलता को कमजोर करता है। जब भ्रष्टाचार व्याप्त होता है, तो यह न केवल सरकारी संस्थाओं की कार्यक्षमता को प्रभावित करता है बल्कि समाज में असमानता और अन्याय को भी बढ़ावा देता है। नागरिकों के अनुमान भ्रष्टाचार की व्Read more
भ्रष्टाचार लोकतंत्र के समक्ष एक गंभीर चुनौती है क्योंकि यह प्रणाली की विश्वसनीयता और प्रभावशीलता को कमजोर करता है। जब भ्रष्टाचार व्याप्त होता है, तो यह न केवल सरकारी संस्थाओं की कार्यक्षमता को प्रभावित करता है बल्कि समाज में असमानता और अन्याय को भी बढ़ावा देता है।
नागरिकों के अनुमान भ्रष्टाचार की व्यापकता और उसके दुष्प्रभावों का महत्वपूर्ण संकेतक होते हैं। जब लोग सरकारी अधिकारियों और संस्थाओं के प्रति अविश्वास व्यक्त करते हैं, तो यह दर्शाता है कि भ्रष्टाचार का स्तर अत्यधिक है और इसका प्रभाव गंभीर है। इसके परिणामस्वरूप, समाज का विश्वास कमजोर होता है और सार्वजनिक सेवाओं की गुणवत्ता में गिरावट आती है, जिससे सामाजिक और आर्थिक विकास प्रभावित होता है।
सार्वजनिक जागरूकता और संविधानिक उपायों जैसे कि सख्त कानूनी प्रावधान और निगरानी तंत्र भ्रष्टाचार को नियंत्रित करने में सहायक होते हैं, जिससे लोकतंत्र की मजबूती और समाज की भलाई सुनिश्चित की जा सकती है।
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सूचना का अधिकार अधिनियम और जवाबदेही की पुनर्परिभाषा **1. नागरिक सशक्तिकरण (Citizen Empowerment): सूचना का अधिकार (RTI) अधिनियम नागरिकों को सार्वजनिक प्राधिकरणों द्वारा रखी गई जानकारी तक पहुँच का अधिकार देता है, जिससे वे सरकारी कार्यों की समीक्षा कर सकते हैं। उदाहरण के लिए, कृषि कर्ज माफी योजना की जाRead more
सूचना का अधिकार अधिनियम और जवाबदेही की पुनर्परिभाषा
**1. नागरिक सशक्तिकरण (Citizen Empowerment):
**2. जवाबदेही की पुनर्परिभाषा (Redefinition of Accountability):
**3. पारदर्शिता में वृद्धि (Increased Transparency):
**4. शक्ति संतुलन (Checks and Balances):
**5. जन भागीदारी (Public Participation):
संक्षेप में, सूचना का अधिकार अधिनियम नागरिकों को सशक्त बनाने के साथ-साथ जवाबदेही की अवधारणा को पुनर्परिभाषित करता है, जिससे सरकारी कार्यों में पारदर्शिता और जवाबदेही बढ़ती है।
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