Home/लोक प्रशासन में नैतिकता/जवाबदेही और नैतिक शासन
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लोक प्रशासन में उत्तरदायित्व की अवधारणा के मूल निहितार्थ क्या है?
लोक प्रशासन में उत्तरदायित्व की अवधारणा के मूल निहितार्थ उत्तरदायित्व (Accountability) लोक प्रशासन की एक महत्वपूर्ण अवधारणा है, जिसका मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि सरकारी अधिकारी और संस्थान जनता के प्रति अपने कार्यों और निर्णयों के लिए जिम्मेदार रहें। इसके मूल निहितार्थ निम्नलिखित हैं, जिनकRead more
लोक प्रशासन में उत्तरदायित्व की अवधारणा के मूल निहितार्थ
उत्तरदायित्व (Accountability) लोक प्रशासन की एक महत्वपूर्ण अवधारणा है, जिसका मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि सरकारी अधिकारी और संस्थान जनता के प्रति अपने कार्यों और निर्णयों के लिए जिम्मेदार रहें। इसके मूल निहितार्थ निम्नलिखित हैं, जिनके साथ हालिया उदाहरण भी दिए गए हैं:
**1. पारदर्शिता को बढ़ावा देना:
**2. जनता का विश्वास बढ़ाना:
**3. प्रभावी सेवा वितरण:
**4. भ्रष्टाचार की रोकथाम:
**5. कानूनी और नैतिक अनुपालन:
**6. नागरिक भागीदारी को प्रोत्साहित करना:
**7. नैतिक शासन को बढ़ावा देना:
**8. जोखिम प्रबंधन:
इन निहितार्थों को समझकर और लागू करके, हम लोक प्रशासन में उत्तरदायित्व को बढ़ावा दे सकते हैं, जिससे सरकारी कार्यों की पारदर्शिता, प्रभावशीलता और जनता के प्रति जवाबदेही सुनिश्चित हो सके।
See lessलोक प्रशासन की 'सामाजिक जिम्मेदारी' से आप क्या समझते हैं?
लोक प्रशासन की 'सामाजिक जिम्मेदारी': परिभाषा और महत्व परिभाषा लोक प्रशासन की 'सामाजिक जिम्मेदारी' से तात्पर्य है कि सरकारी अधिकारी और संस्थाएँ केवल नीतियों और कानूनों को लागू करने का काम नहीं करतीं, बल्कि वे समाज के प्रति अपनी नैतिक और कानूनी जिम्मेदारियों को भी पूरा करती हैं। इसका मतलब है कि प्रशासRead more
लोक प्रशासन की ‘सामाजिक जिम्मेदारी’: परिभाषा और महत्व
परिभाषा
लोक प्रशासन की ‘सामाजिक जिम्मेदारी’ से तात्पर्य है कि सरकारी अधिकारी और संस्थाएँ केवल नीतियों और कानूनों को लागू करने का काम नहीं करतीं, बल्कि वे समाज के प्रति अपनी नैतिक और कानूनी जिम्मेदारियों को भी पूरा करती हैं। इसका मतलब है कि प्रशासन को समाज के सभी वर्गों की भलाई के लिए काम करना चाहिए और इसके कार्यों में सामाजिक न्याय, समानता और पारदर्शिता को प्राथमिकता देनी चाहिए।
मुख्य पहलू
हाल के उदाहरण
निष्कर्ष
लोक प्रशासन की ‘सामाजिक जिम्मेदारी’ केवल सरकारी कार्यों की कानूनी अनुपालना तक सीमित नहीं है, बल्कि यह समाज के विभिन्न वर्गों के प्रति संवेदनशीलता, समानता, और पारदर्शिता की भावना को भी शामिल करती है। हाल के उदाहरण और प्रयास दर्शाते हैं कि समाज के प्रति उत्तरदायित्व को निभाना प्रशासन की प्राथमिक जिम्मेदारियों में से एक है।
See lessविश्व बैंक द्वारा सुशासन के दो मूल बिन्दु कौन-से बताये गये हैं?
विश्व बैंक द्वारा सुशासन के दो मूल बिन्दु विश्व बैंक द्वारा सुशासन के दो मुख्य बिन्दु जवाबदेही (Accountability) और पारदर्शिता (Transparency) के रूप में बताए गए हैं। ये बिन्दु सुशासन की गुणवत्ता को सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं और सरकार के कार्यों की प्रभावशीलता और निष्पक्षता को बढ़Read more
विश्व बैंक द्वारा सुशासन के दो मूल बिन्दु
विश्व बैंक द्वारा सुशासन के दो मुख्य बिन्दु जवाबदेही (Accountability) और पारदर्शिता (Transparency) के रूप में बताए गए हैं। ये बिन्दु सुशासन की गुणवत्ता को सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं और सरकार के कार्यों की प्रभावशीलता और निष्पक्षता को बढ़ावा देते हैं।
1. जवाबदेही (Accountability)
जवाबदेही का तात्पर्य है कि सरकार के अधिकारियों, संगठनों और संस्थाओं को अपनी क्रियाओं और निर्णयों के लिए जवाबदेह ठहराया जाए। यह सुनिश्चित करता है कि सार्वजनिक संसाधनों और वित्त का उपयोग उचित तरीके से और जनता की भलाई के लिए किया जाए।
2. पारदर्शिता (Transparency)
पारदर्शिता का तात्पर्य है कि सरकार की कार्रवाइयाँ और निर्णय सार्वजनिक जांच के लिए खुले और सुलभ हों। यह सुनिश्चित करता है कि सरकारी प्रक्रियाओं की जानकारी जनता के लिए उपलब्ध हो, जिससे वे सरकारी कार्यों की समीक्षा कर सकें और विश्वास बढ़े।
निष्कर्ष
विश्व बैंक द्वारा सुशासन के दो मुख्य बिन्दु जवाबदेही और पारदर्शिता हैं। जवाबदेही यह सुनिश्चित करती है कि सरकारी अधिकारी अपनी कार्रवाइयों के लिए उत्तरदायी हों, जबकि पारदर्शिता यह सुनिश्चित करती है कि सरकारी प्रक्रियाएँ और निर्णय जनता के लिए खुले और सुलभ हों। हाल के उदाहरण, जैसे लोकपाल की कार्यप्रणाली और RTI अधिनियम, इन बिन्दुओं की महत्वपूर्णता और प्रभावशीलता को दर्शाते हैं, जो सुशासन की गुणवत्ता और सार्वजनिक विश्वास को बढ़ावा देने में सहायक हैं।
See lessलोक-सेवा के सन्दर्भ में 'जवाबदेही' का क्या अर्थ है? लोक-सेवकों की व्यक्तिगत और सामूहिक जवाबदेही को सुनिश्चित करने के लिए क्या उपाय अपनाए जा सकते हैं?(150 words) [UPSC 2014]
लोक-सेवा के संदर्भ में 'जवाबदेही' का अर्थ लोक-सेवा के संदर्भ में 'जवाबदेही' का अर्थ है कि लोक-सेवक अपनी कार्रवाईयों, निर्णयों, और संसाधनों के उपयोग के लिए जवाबदेह होते हैं। इसका तात्पर्य है कि वे पारदर्शिता, नैतिकता, और सार्वजनिक हित को ध्यान में रखकर कार्य करें और अपनी जिम्मेदारियों का सही तरीके सेRead more
लोक-सेवा के संदर्भ में ‘जवाबदेही’ का अर्थ
लोक-सेवा के संदर्भ में ‘जवाबदेही’ का अर्थ है कि लोक-सेवक अपनी कार्रवाईयों, निर्णयों, और संसाधनों के उपयोग के लिए जवाबदेह होते हैं। इसका तात्पर्य है कि वे पारदर्शिता, नैतिकता, और सार्वजनिक हित को ध्यान में रखकर कार्य करें और अपनी जिम्मेदारियों का सही तरीके से निर्वहन करें।
व्यक्तिगत और सामूहिक जवाबदेही सुनिश्चित करने के उपाय
इन उपायों को अपनाकर व्यक्तिगत और सामूहिक जवाबदेही को सुनिश्चित किया जा सकता है, जिससे लोक-सेवा की प्रभावशीलता और विश्वसनीयता बढ़ाई जा सके।
See lessलोक सेवको की लोकतंत्रीय अभिवृति एवं अधिकारीतंत्रीय अभिवृति में विभेद कीजिये। (125 Words) [UPPSC 2019]
लोक सेवकों की लोकतंत्रीय और अधिकारीतंत्रीय अभिवृति में विभेद लोकतंत्रीय अभिवृति: जन भागीदारी: लोकतंत्रीय अभिवृति वाले लोक सेवक जनता के साथ सक्रिय सहभागिता को प्राथमिकता देते हैं, जैसे शहरी और ग्रामीण स्थानीय निकायों में भागीदारी के माध्यम से। पारदर्शिता और उत्तरदायित्व: ये लोक सेवक पारदर्शिता और उत्Read more
लोक सेवकों की लोकतंत्रीय और अधिकारीतंत्रीय अभिवृति में विभेद
लोकतंत्रीय अभिवृति:
अधिकारीतंत्रीय अभिवृति:
हालिया उदाहरण: प्रधानमंत्री जन धन योजना और स्वच्छ भारत मिशन लोकतंत्रीय दृष्टिकोण को दर्शाते हैं, जिसमें नागरिकों की भागीदारी और पारदर्शिता को बढ़ावा दिया गया है।
निष्कर्ष: लोकतंत्रीय अभिवृति जन सहभागिता, पारदर्शिता, और लचीलेपन पर आधारित होती है, जबकि अधिकारीतंत्रीय अभिवृति औपचारिकता, प्रक्रियागत कठोरता, और ऊर्ध्वाधर निर्णय प्रक्रिया पर केंद्रित होती है।
See less"सूचना का अधिकार अधिनियम केवल नागरिकों के सशक्तिकरण के बारे में नहीं है, अपितु यह आवश्यक रूप से जवाबदेही की संकल्पना को पुनर्परिभाषित करता है।" विवेचना कीजिए। (200 Words) [UPPSC 2022]
सूचना का अधिकार अधिनियम और जवाबदेही की पुनर्परिभाषा **1. नागरिक सशक्तिकरण (Citizen Empowerment): सूचना का अधिकार (RTI) अधिनियम नागरिकों को सार्वजनिक प्राधिकरणों द्वारा रखी गई जानकारी तक पहुँच का अधिकार देता है, जिससे वे सरकारी कार्यों की समीक्षा कर सकते हैं। उदाहरण के लिए, कृषि कर्ज माफी योजना की जाRead more
सूचना का अधिकार अधिनियम और जवाबदेही की पुनर्परिभाषा
**1. नागरिक सशक्तिकरण (Citizen Empowerment):
**2. जवाबदेही की पुनर्परिभाषा (Redefinition of Accountability):
**3. पारदर्शिता में वृद्धि (Increased Transparency):
**4. शक्ति संतुलन (Checks and Balances):
**5. जन भागीदारी (Public Participation):
संक्षेप में, सूचना का अधिकार अधिनियम नागरिकों को सशक्त बनाने के साथ-साथ जवाबदेही की अवधारणा को पुनर्परिभाषित करता है, जिससे सरकारी कार्यों में पारदर्शिता और जवाबदेही बढ़ती है।
See less"अच्छा कार्य करने में, वह सब कुछ अनुमत होता है जिसको अभिव्यक्ति के द्वारा या स्पष्ट निहितार्थ के द्वारा निषिद्ध न किया गया हो।" एक लोक सेवक द्वारा अपने कर्तव्यों का निर्वहन करने के संदर्भ में, इस कथन का उपयुक्त उदाहरणों सहित परीक्षण कीजिए । (150 words) [UPSC 2018]
कथन का परीक्षण लोक सेवक के संदर्भ में कथन का अर्थ: यह कथन दर्शाता है कि जब किसी अच्छे या लाभकारी कार्य को पूरा करने का लक्ष्य हो, तो ऐसे कार्य जो कानूनी या स्पष्ट नियमों द्वारा निषिद्ध नहीं हैं, उन्हें किया जा सकता है। इसका तात्पर्य है कि लोक सेवकों को सीमित नियमों के बावजूद सकारात्मक कार्य करने कीRead more
कथन का परीक्षण लोक सेवक के संदर्भ में
कथन का अर्थ: यह कथन दर्शाता है कि जब किसी अच्छे या लाभकारी कार्य को पूरा करने का लक्ष्य हो, तो ऐसे कार्य जो कानूनी या स्पष्ट नियमों द्वारा निषिद्ध नहीं हैं, उन्हें किया जा सकता है। इसका तात्पर्य है कि लोक सेवकों को सीमित नियमों के बावजूद सकारात्मक कार्य करने की छूट हो सकती है, बशर्ते वे कानूनी और नैतिक सीमाओं का पालन करें।
लोक सेवक के संदर्भ में उदाहरण
1. अनियंत्रित स्थितियों में कार्य: COVID-19 महामारी के दौरान, अधिकारियों ने आपातकालीन स्वास्थ्य सुविधाओं की स्थापना और लॉकडाउन लागू करने के निर्णय लिए। इन निर्णयों के लिए स्पष्ट नियम नहीं थे, लेकिन सार्वजनिक भलाई के लिए यह कार्रवाई की गई।
2. कानूनी और नैतिक सीमाएं: बिहार शराब घोटाला (2016) में, अधिकारियों ने अवैध शराब को नियंत्रित करने के प्रयास में कड़े कदम उठाए, लेकिन कुछ कार्य विधियों ने मानवाधिकारों का उल्लंघन किया। यह दर्शाता है कि अच्छे उद्देश्यों के बावजूद, कानूनी और नैतिक सीमाओं का पालन अनिवार्य है।
निष्कर्ष: लोक सेवक को सकारात्मक उद्देश्यों के लिए काम करते समय कानूनी और नैतिक सीमाओं के भीतर रहना चाहिए। अभिव्यक्तिपरक या स्पष्ट रूप से निषिद्ध नहीं किए गए कार्यों की अनुमति है, लेकिन यह सुनिश्चित करना आवश्यक है कि ये कार्य कानून और नैतिकता का उल्लंघन न करें।
See less"लोक सेवक द्वारा अपने कर्तव्य का अनिष्पादन भ्रष्टाचार का एक रूप है।" क्या आप इस विचार से सहमत हैं ? अपने उत्तर की तर्कसंगत व्याख्या करें। (150 words) [UPSC 2019]
लोक सेवक द्वारा कर्तव्य का अनिष्पादन और भ्रष्टाचार सहमति का आधार: **1. भ्रष्टाचार की परिभाषा और प्रभाव a. भ्रष्टाचार की परिभाषा: भ्रष्टाचार को सामान्यतः शक्ति का दुरुपयोग माना जाता है। यदि लोक सेवक अपने कर्तव्यों का अनिष्पादन करता है, तो यह भ्रष्टाचार का एक रूप हो सकता है, यदि यह व्यक्तिगत या राजनीतRead more
लोक सेवक द्वारा कर्तव्य का अनिष्पादन और भ्रष्टाचार
सहमति का आधार:
**1. भ्रष्टाचार की परिभाषा और प्रभाव
a. भ्रष्टाचार की परिभाषा:
भ्रष्टाचार को सामान्यतः शक्ति का दुरुपयोग माना जाता है। यदि लोक सेवक अपने कर्तव्यों का अनिष्पादन करता है, तो यह भ्रष्टाचार का एक रूप हो सकता है, यदि यह व्यक्तिगत या राजनीतिक लाभ के लिए किया जाता है या जनता की जरूरतों की अनदेखी करता है।
b. शासन पर प्रभाव:
लोक सेवक का कर्तव्य का अनिष्पादन शासन और जनता के विश्वास को प्रभावित करता है। उदाहरण के लिए, Bihar में 2019 के बाढ़ राहत कार्य में अधिकारियों की विफलता ने प्रभावित लोगों के लिए गंभीर समस्याएँ उत्पन्न की, जिससे यह कर्तव्य की अनदेखी का उदाहरण बन गया।
**2. जवाबदेही और परिणाम
a. जवाबदेही की कमी:
कर्तव्य का अनिष्पादन जवाबदेही की कमी को दर्शाता है, जो भ्रष्टाचार के समान है। COVID-19 टीकाकरण अभियान में कुछ राज्यों में प्रबंधन की कमी ने टीकाकरण की प्रभावशीलता को प्रभावित किया।
b. सार्वजनिक कल्याण पर प्रभाव:
इससे सार्वजनिक सेवाओं की आपूर्ति प्रभावित होती है और नागरिकों के अधिकारों का उल्लंघन होता है, जिसे भ्रष्टाचार के रूप में देखा जा सकता है। यह सार्वजनिक संसाधनों की बर्बादी और सेवा प्रणाली की अखंडता को नुकसान पहुंचाता है।
निष्कर्ष:
See lessहां, लोक सेवक द्वारा कर्तव्य का अनिष्पादन भ्रष्टाचार के रूप में देखा जा सकता है क्योंकि यह सौंपी गई शक्ति का दुरुपयोग करता है और जनता के कल्याण को नकारात्मक रूप से प्रभावित करता है।
'सुशासन' से आप क्या समझते हैं? राज्य द्वारा ई-शासन के मामले में उठाई गई हालिया पहलों ने लाभार्थियों को कहाँ तक सहायता पहुँचाई है? उपयुक्त उदाहरणों के साथ विवेचन कीजिए। (150 words) [UPSC 2022]
'सुशासन' की अवधारणा सुशासन का तात्पर्य है प्रभावी, पारदर्शी, और जवाबदेह प्रबंधन, जो सार्वजनिक संसाधनों और मामलों के प्रबंधन में नैतिकता और समावेशिता को सुनिश्चित करता है। इसका लक्ष्य है नागरिकों के जीवन की गुणवत्ता को सुधारना और संसाधनों का न्यायपूर्ण वितरण करना। ई-शासन की हालिया पहलें और लाभ पारदर्Read more
‘सुशासन’ की अवधारणा
सुशासन का तात्पर्य है प्रभावी, पारदर्शी, और जवाबदेह प्रबंधन, जो सार्वजनिक संसाधनों और मामलों के प्रबंधन में नैतिकता और समावेशिता को सुनिश्चित करता है। इसका लक्ष्य है नागरिकों के जीवन की गुणवत्ता को सुधारना और संसाधनों का न्यायपूर्ण वितरण करना।
ई-शासन की हालिया पहलें और लाभ
निष्कर्ष
सुशासन में पारदर्शिता, दक्षता, और जवाबदेही की प्रमुख भूमिका होती है। ई-शासन की पहलें जैसे ई-संजीवनी, PMJDY, और MyGov ने लाभार्थियों को बेहतर सेवाएँ, वित्तीय समावेशन, और नागरिक भागीदारी के माध्यम से महत्वपूर्ण सहायता प्रदान की है।
See lessन्यायपालिका सहित सार्वजनिक सेवा के हर क्षेत्र में निष्पादन, जवाबदेही और नैतिक आचरण सुनिश्चित करने के लिए एक स्वतंत्र और सशक्त सामाजिक अंकेक्षण तंत्र परम आवश्यक है। सविस्तार समझाइए। (150 words) [UPSC 2021]
स्वतंत्र और सशक्त सामाजिक अंकेक्षण तंत्र की आवश्यकता 1. निष्पादन और जवाबदेही स्वतंत्र सामाजिक अंकेक्षण तंत्र नियंत्रण और पारदर्शिता को सुनिश्चित करता है। उदाहरण स्वरूप, केरल के ग्रामीण विकास परियोजनाओं का सामाजिक अंकेक्षण ने भ्रष्टाचार और अक्षमताओं को उजागर किया, जिससे सेवा वितरण में सुधार हुआ। 2. नRead more
स्वतंत्र और सशक्त सामाजिक अंकेक्षण तंत्र की आवश्यकता
1. निष्पादन और जवाबदेही
स्वतंत्र सामाजिक अंकेक्षण तंत्र नियंत्रण और पारदर्शिता को सुनिश्चित करता है। उदाहरण स्वरूप, केरल के ग्रामीण विकास परियोजनाओं का सामाजिक अंकेक्षण ने भ्रष्टाचार और अक्षमताओं को उजागर किया, जिससे सेवा वितरण में सुधार हुआ।
2. नैतिक आचरण
सामाजिक अंकेक्षण नैतिक मानदंडों के पालन को सुनिश्चित करता है। RTI (सूचना का अधिकार) कानून ने सरकारी कार्यों में पारदर्शिता बढ़ाई, जिससे अधिकारियों की नैतिक जिम्मेदारी बढ़ी।
3. न्यायपालिका में पारदर्शिता
राष्ट्रीय न्यायिक डेटा ग्रिड (NJDG) का उद्देश्य न्यायालयों के प्रदर्शन की निगरानी और रिपोर्टिंग है, जिससे न्यायपालिका की जवाबदेही और पारदर्शिता सुनिश्चित होती है।
निष्कर्ष
See lessस्वतंत्र और सशक्त सामाजिक अंकेक्षण तंत्र सार्वजनिक सेवाओं में निष्पादन, जवाबदेही और नैतिक आचरण को बढ़ावा देता है। यह पारदर्शिता को बढ़ाता है, अक्षमताओं की पहचान करता है, और जनता का विश्वास निर्माण करता है।